हमारे देश से क्या मुस्लिम लोग पाकिस्तान से प्यार करते है ?इस सवाल का जवाब इस स्टोरी में आप भलीभांति जान सकते है

विशेष संवाददाता एवं ब्यूरो

नई पीढ़ी, जो 50 साल का इतिहास नहीं जानती, उन्होंने मोदी की फेंक बात पर यकीन कर लिया हे ये पोस्ट इन के लिए।

जितना प्यार भाजपा को पाकिस्तान से रहा, किसी को नहीं रहा होगा। बात दे कि 1971 की जंग के बाद भारत-पाक के राजनयिक संबंध खत्म ही होने पर थे। 1977 में जनता पार्टी की सरकार आईं। जनसंघ (आज की भाजपा) कोटे से अटल बिहारी वाजपेयी विदेश मंत्री बने। अटल बिहारी वाजपेयी ने राजनयिक संबंधों को बहाल किया। समझौता एक्सप्रेस चलाई। दोनों देशों के नागरिकों का आवागमन शुरू हुआ।

1998 में अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने 13 महीने की सरकार में अटल ने दिल्ली लाहौर के बीच बस सेवा शुरू की। खुद बस लेकर लाहौर गए।
उसके उपरांत
1999 में कारगिल हुआ। नवाज़ शरीफ़ का तख्ता पलट कर कारगिल के खलनायक परवेज़ मुशर्रफ राष्ट्रपति बने। 2001 में उन्हीं मुशर्रफ को आगरा बुलाया। उनका शाही स्वागत किया।

10 साल यूपीए की सरकार रही। कोई कांग्रेस का नेता पाकिस्तान नहीं गया, न कोई पाकिस्तान का नेता भारत आया। लेकिन सांस्कृतिक संबंध मजबूत हुए।

2014 में मोदी प्रधानमंत्री बने। कुछ महीनों बाद ही अचानक लाहौर पहुंच गए। तोहफों का आदान-प्रदान किया।
लाल कृष्ण आडवाणी कराची गए। जिन्नाह को सेक्युलर का सर्टिफिकेट दे आए।
ऐसे में
बताएं पाकिस्तान को सबसे ज़्यादा प्यार कौन करता है?

साभार;पिनाकी मोरे

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