वकालत की दुनिया का उन्नाव बार एसोशिएशन में कथित फर्जीवाड़ा, एक ही औरत के दो नाम?

उन्नाव
संवाददाता

वकालत की दुनिया का उन्नाव बार में बड़ा फर्जी वाडा एक महिला पहचान दो?

फर्जी वकील अलीशा अंसारी पर दर्ज मुकदमों की संख्या 15 से अधिक जिसमें गंभीर धाराएं चोरी,लुट,अनैतिक व्यापार,देह व्यापार हत्या के प्रयास शामिल?

उन्नाव मुख्यालय के पुलिस अधीक्षक महोदय महिला द्वारा दो नाम लिखे जाने की आखिर जवाब देही किसकी?

उन्नाव मुख्यालय के पुलिस अधीक्षक महोदय महिला द्वारा उन्नाव कोर्ट में जारी रजिस्ट्रेशन के 4 वर्ष पूर्व वकालतनामे में मोहर लगाकर सीजेएम न्यायालय में वाद दाखिल करने की जवाब देही किसकी?

उन्नाव मुख्यालय के पुलिस अधीक्षक महोदय महिला द्वारा वकालत की दुनिया के फर्जीवाड़े का बड़ा खेल रजिस्ट्रेशन से 4 वर्ष पूर्व उन्नाव कोर्ट मे वकालतनामा और मोहर लगाने की जवाब देही किसकी?

उन्नाव मुख्यालय के पुलिस अधीक्षक महोदय महिला द्वारा वकालतनामे में अधिवक्ता में फिरदौस परवीन रजिस्ट्रेशन की मोहर में अधिवक्ता विमल पांडे शामिल की जवाब देही किसकी?

उन्नाव पुलिस अधीक्षक महोदय से सवाल?

1. क्या अलीशा अंसारी और फिरदौस परवीन दो नामों का प्रयोग धोखाधड़ी नहीं है?

2. क्या अलीशा अंसारी और फिरदौस परवीन दो नामों से वाद दाखिल करना धोखाधड़ी नहीं?

3. क्या अलीशा अंसारी और फिरदौस परवीन द्वारा दो सहकारी अलग-अलग वोटर आईडी और आधार कार्ड का प्रयोग करना धोखाधड़ी नहीं?

4. महिला द्वारा दाखिल वाद में अलीशा अंसारी अधिवक्ता बनी फिरदौस परवीन रजिस्ट्रेशन के पहले लगी मोहर क्या यह धोखाधड़ी नहीं है?

उन्नाव पुलिस को इस मामले में निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है:

1. फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल: अलीशा अंसारी पर आरोप है कि उसने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके दो अलग-अलग पहचानों का प्रयोग किया है।
2. वकालतनामा और मोहर: अलीशा अंसारी ने रजिस्ट्रेशन से पहले वकालतनामा लगाया और मोहर लगाई, जो कि एक गंभीर अपराध है।
3. धोखाधड़ी: अलीशा अंसारी पर आरोप है कि उसने धोखाधड़ी के उद्देश्य से दो अलग-अलग पहचानों का प्रयोग किया।

उन्नाव मुख्यालय के पुलिस अधीक्षक साहब क्या यह 420,67,68 का अपराध नहीं है खामोश क्यों?

उन्नाव मुख्यालय के पुलिस अधीक्षक साहब फर्जीवाड़े की इस मामले की जवाब देही किसकी?

गौर तलब है कि उन्नाव पुलिस अधीक्षक को इस मामले में गंभीरता से लेते हुए अभियोग पंजीकृत कर सख्ती से जांच करनी चाहिए और दोषी महिला पर उचित कार्रवाई करनी चाहिए। ताकि लोगों का विश्वास न्यायपालिका पर बना रहे।
अधिवक्ता समाज जो न्याय के संरक्षक कहे जाते हैं इस तरह का अपराधिक कृति करना अधिवक्ता समाज की छवि को धूमिल करना है। मौजूदा उत्तर प्रदेश सरकार व उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन से निवेदन अलीशा अंसारी गैंग की हर एक बिंदु की निष्पक्ष जांच सीबीआई से करानी चाहिए। क्योंकि यह महिला इंटरनेशनल गैंग चला रही है।इसी कारण ही तो विगत 4 साल से बचती आ रही है। ताकि इसके साथ शामिल लोग जो इस महिला को बचाने का कार्य कर रहे हैं उनके ऊपर भी कानूनी कार्रवाई की जाए।

अब देखना यह होगा कि उन्नाव पुलिस अधीक्षक इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं और अलीशा अंसारी के खिलाफ क्या कदम उठाते हैं?

साभार;
अनमोल टीवी नेटवर्क, जनपद उन्नाव से नफीस खान की रिपोर्ट

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