राष्ट्रीय आयोग द्वारा मानव अधिकार पक्षकार की जनहित याचिका पर गौर करते हुए हरिद्वार जिले के डीएम को जारी किया समन,क्या है खास मामला? जाने

मानव अधिकार पक्षकार राजीव कुमार शर्मा की याचिका पर डीएम हरिद्वार को समन्न जारी ।

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने जनपद निवासी मानव अधिकार पक्षकार राजीव कुमार शर्मा की एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अट्ठाइस जुलाई को हरिद्वार जिले के डीएम को सम्मन जारी कर चार सितम्बर को दोपहर ग्यारह बजे आयोग में व्यतिगत रूप से पेश होने का आदेश जारी किया है ।

मानव अधिकार पक्षकार राजीव कुमार शर्मा ने बताया कि बीस फरवरी को हरिद्वार के रुड़की शहर के मुख्य बाजार में स्थित अवैध रूप से संचालित एक पटाखा फैक्ट्री में काम करते वक्त 2 नाबालिग सहित चार लोगों की मौत हो गयी थी ।

एक राष्ट्रीय समाचार पत्र में प्रकाशित इस घटने के समाचार को आधार बनाकर इक्कीस फरवरी को राजीव कुमार शर्मा ने इस मामले में एक जनहित याचिका राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग नई दिल्ली में दाखिल कर इस घटना के जिम्मेदार फैक्ट्री संचालक के विरुद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज करवाकर कानूनी कार्यवाही करने एवम इस घटना में मारे गए सभी मृतको के परिजनों को राज्य सरकार से उचित मुआवजा दिलवाने की मांग की थी ।

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने राजीव कुमार शर्मा की याचिका को स्वीकार करते हुए 23 फरवरी को उत्तराखंड राज्य के मुख्य सचिव एवं हरिद्वार जिले के डीएम और एस एस पी को नोटिस जारी करते हुए घटना के बारे में जाँच कर की गई कार्यवाही की रिपोर्ट चार सप्ताह के भीतर आयोग के सामने पेश करने के हिदायत दी थी ।

उक्त मामले में एस एस पी हरिद्वार ने21 अप्रैल को आयोग को प्रेषित एक रिपोर्ट में बताया कि इस मामले में कोतवाली रुड़की में एफआईआर संख्या 198/23 धारा 308, 338, 304, 286, आईपीसी एवम भारतीय विस्फोटक अधिनियम 3 /4 के तहत केस दर्ज कर 19 मार्च को अभियुक्तों की गिरफ्तारी की जा चुकी है और विवेचना प्रचलित है।

गौर तलब है कि एस एस पी हरिद्वार द्वारा इस मामले में आयोग को उपलब्ध करवाई गई जाँच रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए 16 मई को आयोग ने हरिद्वार जिले के डीएम और एस एस पी को फिर एक बार नोटिस जारी करते हुए घटना की सम्पूर्ण जाँच कर मृतको के परिजनों को पीड़ित मुआवजा योजना के तहत मुआवजा देकर चार सप्ताह में आयोग को अवगत कराने का चेतावनी भरा नोटिस जारी करते हुए चेतावनी जारी की थी कि यदि आयोग के आदेशों का समय से पालन नही किया गया तो आयोग मानव अधिकार सुरक्षा अधिनियम 1993 की धारा 13 के तहत दोनो अधिकारियों के विरुद्ध उत्पीड़नात्मक कार्यवाही भी करेगा।

इस मामले में जब डीएम हरिद्वार द्वारा मानव अधिकार आयोग के आदेश का दो महीने में भी पालन नही किया गया तो, आयोग ने इसे एक गम्भीर मामला मानते हुए 28 जुलाई को डीएम हरिद्वार को समन्न जारी कर मृतको के परिवार को दिए गए मुआवजे के भुगतान की प्रमाण सहित रिपोर्ट लेकर 4 सितम्बर को दोपहर ग्यारह बजे मानव अधिकार आयोग के के सामने हाजिर होने का आदेश जारी करते हुए इस आदेश की एक प्रति उत्तरा खण्ड राज्य के मुख्य सचिव को भी भेजते हुए आयोग के आदेश का पालन कराने को कहा है ।

आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि अगर इस मामले में डीएम हरिद्वार कार्यवाही करते हुए मृतको के परिजनों को पीड़ित मुआवजा योजना के तहत मुआवजे का भुगतान कर आयोग के सामने प्रमाण सहित रिपोर्ट 28 अगस्त 2023तक पेश करते है तो फिर उनको व्यक्तिगत रूप से पेश ना होने की छूट मिल सकती है ।

संवाद;राजीव जी

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