राइट टू हेल्थ के उपरांत सरकार द्वारा और भी एक कानून को ईजाद कर ने जा रही है वो है राइट टू फूड ,जानिए इस में क्या है खास बात?

राइट टू हेल्थ के बाद सरकार एक और कानून बनाने पर जोरदार विचार कर रही है वो है राइट टू फ़ूड
मतलब जिस प्रकार सरकार 8 रु में भोजन दे रही है उसी प्रकार हर होटल ढाबे वालो को अब 8 रु में आम जनता को भोजन देना जरूरी होगा।

इस कीमत के मुताबिक किसी भी होटल,खानपान भोजनालय केंटिन,ढाबे या रेस्टोरेंट में उपभोक्ताओं को
चाहे भरपेट मुर्गा, मटन, मच्छी खाये
दाल मखानी, पनीर सब्जी सब इस दायरे में आजाएंगे।
और हाँ जब भी सम्बंधित सरकारी कर्मचारी, या पार्टी कार्यकर्ता आएं तो उन्हें भी मुफ्त भरपेट भोजन चखाना पड़ेगा।

राइट टू हेल्थ में सरकार क्या शमसान में होने जा रहे लाशों के ढेर को गिन पायेगी ?
आज करीब 2 लाख नर्स कम्पाउंडर डॉक्टर अनिश्चित सामयिक हड़ताल पर है।
2 लाख नर्स कम्पाउंडर बेरोजगार हो जाएंगे।
महंगी दवाओं का पैसा कहां से आएगा।
सिर्फ एक तरफा फैसला लेने से आम जनता के साथ अन्याय होगा।इसकी समझदारी सरकार को रखना जरूरी है।

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