ये सत्य कहानी केरल के अशरफ नाम के एक शख्स की है ,अशरफ दुबई में किसी होटल में नौकरी करते थे

1 दिन रात के 2: बजे अचानक से अशरफ के फोन में घर से उनकी मां की कॉल आती है।
अशरफ ड्यूटी में थे इसीलिए फोन रिसीव नहीं कर रहा था।लेकिन उनकी मां बार बार कॉल कर रही थी
लेकिन वह फिर भी कॉल रिसीव नहीं कर रहे थे
क्योंकि ड्यूटी के टाइम फोन पर बात करना अलाउड नहीं था।

जब कुछ देर तक फोन बंद नहीं हुआ
बार बार कॉल आने पर उन्हों ने मालिक को जाकर बोला मुझे 10 मिनट के लिए छुट्टी चाहिए मेरे घर से मेरी मां बार बार फोन कर रही है। पता नहीं क्या परेशानी है घर में मुझे 10 मिनट की छुट्टी चाहिए।

मालिक बोला ठीक है जाओ बाहर बात करके आ जाओ। अशरफ होटल से बाहर थोड़ी दूर में जाकर बैठ कर बात करने लगे।
दुआ सलाम के बाद मां से कहने लगे कि मां इतनी रात को सोई नहीं हो?
क्या हुआ क्यों बार बार फोन कर रही हो?
आपकी तबीयत ठीक तो है ना?

मां कहने लगी बेटा में तो ठीक हूँ लेकिन पता नहीं अचानक से मेरी आंखे खुल गई
और मुझे घबराहट सी होने लगी। मुझे सुकून नहीं मिल रही है में सोचा मेरा बच्चा ठीक तो है ना इसीलिए मैं तुमसे बात करने के लिए फोन किया।

अभी अशरफ अपनी मां से बात ही कर रहे थे कि इतनी ही देर में अशरफ जिस होटल में काम कर रहे थे उसी होटल में गैस सिलेंडर के पाइप में अचानक आग लग गई
जब तक आग को काबू में पाते तब तक बगल में रखें 3 सिलेंडर एक के बाद एक तीनों ब्लास्ट कर गए!

होटल के अंदर 8 लोग काम कर रहे थे चंद मिनटों में 8 लोग राख में तब्दील हो गएm
अशरफ बात करते करते अचानक से रोने लगे और चिल्ला चिल्ला कर अपनी मां से कहने लगे
मां में जिंदा बच गया मुझे आप ने बचा लिया!
में जिस होटल में काम कर रहा था
उस होटल में आग लग गई।

अशरफ जब यह कहानी बता रहे थे उनकी आंखों में नमी था कह रहे थे जुबेर भाई
में अल्लाह को तो नहीं देखा हूँ
अल्लाह बहुत बड़ा है
लेकिन उस दिन मेरी मां की कॉल नहीं आती
तो शायद मैं आज इस दुनिया में जिंदा नहीं होता।।

यह सच्चाई है अगर मां बाप का साया मां बाप की रहनुमाई और दुआ
आपके साथ है तो दुनिया की मुसीबत टल जाती है।

संवाद
अफजल इलाहाबाद

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