मोदीजी के 9साल के कार्यकाल का सफेद झूठ ही झूठ का पुलिंदा

नई दिल्ली

एमडी डिजिटल और प्रिंट मीडिया
विशेष संवाददाता

कब रूकेगा झूठ का नाटक

1991 में सुनील दत्त ने एक फिल्म बनाई थी यह आग कब बुझेगी। समाज में फैली नफरत, जरायम, ज्यादतियां और फिर उनका इंतकाम दर इंतकाम लेने के मौजूअ पर बनी इस फिल्म को उस वक्त बहुत सराहा गया था। अक्सर आम बातचीत में लोग यह सवाल करते मिलते थे कि ‘यह आग कब बुझेगी?

गौर तलब है कि दूसरे मौजूअ पर सवाल हो रहे हैं वह हैं कि यह झुट्ठा प्रचार कब रूकेगा’। झूट बोलने के इल्जाम किसी और पर नहीं सीधे वजीर-ए-आजम नरेन्द्र मोदी पर लग रहे हैं। जाने माने वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार अक्सर यह कहते सुने गए हैं कि पीएम मोदीजी की सतह से जितना झूठ बोला जा रहा है वह कभी नहीं बोला गया। रवीश तो यहां तक कहा करते थे कि हमारे देश के वजीर-ए-आजम नरेन्द्र मोदी सिर्फ झूठा ही बोलते हैं। खुद वजीर-ए-आजम मोदी अपने बयानात से अक्सर यह साबित करते रहते हैं कि उनपर झूठ बोलने के जो इल्जाम लग रहे हैं वह गलत नहीं बल्कि सौ फीसद सत्य हैं। अब यक्ष प्रश्न है कि अगर किसी मुल्क का वजीर-ए-आजम ही इतना झूठा साबित होता होगा तो देश और दुनिया में उस देश की साख क्या बचेगी?

प्रधान मंत्री मोदी का पिछले दिनों अमरीका में दिया गया बयान पूरी तरह से झूठा था, यह किसी का इल्जाम नहीं है बल्कि मोदी सरकार की वजारते तालीम की जानिब से पार्लियामेंट में दिए गए एक जवाब से साबित होता है। अमरीका में मोदी ने हिन्दुस्तानी माइग्रेण्ट्स के एक जलसे में कहा था कि उनकी सरकार आने के बाद से भारत में हर साल एक नया आईआईटी और एक नया आईआईएम खुल रहा है।

उनकी यह बात सुनकर पूरा देश हैरतजदा रह गया था। अब कांग्रेस के एक मेम्बर कुमार केतकर के सवाल के जवाब में मोदी सरकार की वजारते तालीम का जो जवाब आया उसमें कहा गया कि पिछले पांच सालों में देश में एक भी ऐसा कोई नया आईआईटी या आईआईएम नहीं खुला है और न खोला जा रहा है। सवाल किया गया था कि पिछले पांच सालों में देश में कितने आईआईटी और आईआईएम बने हैं और उनमें कितने बच्चे पढकर निकले हैं?
अब अगर मोदी अमरीका में झूठ बोलकर आए थे तो उनकी वजारते तालीम को कुमार केतकर के सवाल का जवाब देना ही नहीं था, जवाब टाल जाते तो कम से कम मोदी का बयान झूठ तो साबित न होता।

पीएम नरेन्द्र मोदी हर जगह ढिंढोरा पीट पीटकर जग जाहिर करते फिरते हैं कि उनकी सरकार आने के बाद से देश में चौहत्तर नए एयरपोर्ट बने हैं। इस पर कांग्रेस ने ट्वीट करके कहा कि यह भी मोदी का सफेद झूठ है। जबकि 2014 से अब तक देश में सिर्फ ग्यारह नए एयरपोर्ट बने हैं जो पूरा देश जानता है।मगर बारहवां कहां बना है मोदी खुद ही बता दें !
अब वह क्या बताएं जब बारहवां बना ही नहीं है।

मोदी ने अमरीका में सिर्फ आईआईएम और आईआईटी बनने का झूठ ही नहीं बोला था उन्होने कहा था कि उनकी सरकार आने के बाद हर हफ्ते एक युनिवर्सिटी बन रही है हर तीसरे दिन एक अटल टिकरिंग लैब बन रही है। हर दो दिनों में एक नया कालेज खुल रहा है और रोजाना एक आईटीआई खुल रही है। इतना बड़ा झूठ बोलते वक्त मोदी को जरा सा भी एहसास नहीं रहा कि आज इंफारमेशन टेक्नालोजी का एडवांस दौर है। इस तरह के इदारे कहीं भी खुलते हैं तो देखते ही देखते उसकी खबरें मीडिया के जरिए पूरी दुनिया में फैल जाती हैं।

अमरीका में अपने वक्तव्य में उन्होने जितने इदारे खुलने की बात का जिक्र किया है कही अगर वह खुल चुके होते तो अब तक देश में तालीम का मसला ही हल हो चुका होता। लफ्फाजी और झूठ भरी तरकीर करते वक्त मोदी शायद यह सोचते होंगे कि उनकी बात सुनने वाले तमाम लोग या तो बेवकूफ हैं या उन्हें दुनिया की कोई खबर नहीं, बल्कि उल्टा है।

सुनने वालों को सब पता होता है। वह मोदी की बातें सुनते वक्त उन्हें ही बेवकूफ और सबसे बड़ा झूठा और फेकू प्रधान मंत्री समझते हैं।
मोदी सिर्फ अमरीका में ही झूठ नहीं बोले देश में लाल किले की फसील (प्राचीर) से भी कई बार सफेद झूठ बोल चुके हैं। बीते एक साल उन्होने कहा कि देश में इंफ्रास्ट्रक्चर और रोजगार फराहम करने के लिए एक लाख करोड़ का स्पेशल फण्ड कायम करेंगे। अगले साल इसी मद में सवा सौ लाख और तीसरे साल डेढ सौ लाख करोड़ का फण्ड कायम करने की बात कहीं बार-बार इस फण्ड की बात करते हुए वह भूल गए कि पिछले साल क्या कह चुके हैं।

मतलब यह कि लफ्फाजी करते वक्त या तो वह सुनने वालों को बेवकूफ समझ रहे थे या फिर जानबूझ कर झूठ बोल रहे थे। अमरीका से वापस आकर फिरकापरस्ती की आग मे जल रहे मणिपुर जाने के बजाए वह अपनी पार्टी के लिए बूथ मजबूत करने की मुहिम में भोपाल पहुंच गए और वहां कहा कि कांग्रेस और दूसरी अपोजीशन पार्टियों ने बीस लाख करोड़ का घोटाला किया है। उन्होने एनसीपी पर भी इल्जाम लगाते हुए कहा कि लाखों करोड़ के घोटाले तो सिर्फ एनसीपी ने किए हैं।

जिनमें सत्तर हजार करोड़ का तो सिर्फ आबपाशी मोहकमे में घपला हुआ है। अपने इस बयान के एक हफ्ते के अंदर उन्होने आबपाशी वजीर रहे अजित पवार और हसन मुशरिफ जैसों को पार्टी से तोड़कर महाराष्ट्र की सरकार में वजीर बनवा दिया। उन्होने जिस अजित पवार पर सबसे बड़ा घपला करने का आरोप लगाया था उन्हीं को महाराष्ट्र का डिप्टी चीफ मिनिस्टर बना दिया। अब अगर उनका इल्जाम झूठा नहीं था तो क्या था?

कांग्रेस और अपोजीशन पार्टियों की सरकारों ने अगर बीस लाख करोड़ से ज्यादा का घपला घोटाला किया है तो साढे नौ साल से मोदी की हुकूमत है सरकार ने घोटाले बाजों के खिलाफ इतने दिनों में कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? जाहिर है झूठा इल्जाम है और पांच रियासती असम्बलियों उसके बाद लोक सभा एलक्शन पर असर डालने के लिए ही वह यह झूट बोल रहे हैं।

2022 तक किसानों की आमदनी दो गुनी करने का झूठा प्रचार भी मोदी कर चुके हैं। वर्ष 2022 तक ही देश के तमाम लोगों को उनका पक्का मकान मुहैया करने का झूठा वादा भी वह कर चुके हैं और तब से लेकर आज तक झूठ बोलने का यह सिलसिला खत्म नहीं हो रहा है। मुल्क की मईशत (अर्थव्यवस्था) के सिलसिले में भी वह मुसलसल झूठ बोलते रहते हैं।

अब तो उन्होने एक पेशीनगोई भी कर दी है कि 2024 में वह तीसरी बार सत्ता में आएंगे और उनके तीसरे टर्म में देश दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मईशत बन जाएगा। दरम्यान में वह पांच ट्रिलियन इकोनामी की बातें करने लगे थे लेकिन अब नहीं कर रहे हैं। आज देश के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि देश के सबसे बड़े ओहदे पर बैठकर वह इतना झूठ क्यों बोलते हैं और आखिर यह झूठ कब रूकेगा?

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