महात्मा गांधी को क्यों मारा गया? इस का कारण नाथूराम गोडसे ने इस तरह कोर्ट में पेश किए

मैने गांधी को क्यूं मारा ?

इसके संबंध मे नाथूराम गोडसे ने कोर्ट मे दिये गए बयान मे जो कारण गिनाऐ थे। उसे लगता था कि बंटवारा टाला जा सकता था, और इस क्रम मे हुए दंगों मे जो हिन्दू जाने बचाई जा सकती थी । मुझे गांधी का पाकिस्तान को 55 करोड़ रूपये जारी करने के लिए अनशन करना अच्छा नही लगा ।
3. मै हिंदुत्व पर हुए अत्याचारों से व्यथित था, जिसे पाकिस्तान बाहर से और गांधी अंदर से कारित कर रहे थे ।

सर्व विदित हो कि गोडसे झूठ बोल रहा था, साफ साफ झूठ बोल रहा था ।
सचाई यह कि गांधी को मारने का पहला प्रयास उसने 1944 मे ही किया था । जब पंचगनी मे वह गांधी को मारने छुरा लेकर दौड़ा था ।
दूसरा प्रयास 1945 मे किया जब गांधी की ट्रेन की पटरी उखाड़ दी थी। इस समय तक न बंटवारा हुआ था, न दंगे, न पचपन करोड़ का सवाल था ।

वो गांधी को इसलिए मारना चाहता था, क्योकि उसे गांधी को मारने का जिम्मा मिला हुवा था । अर्थात सुपारी मिली थी ।
इसलिए उसने तीसरा प्रयास किया 20 जनवरी 1948 को बाम्बे मे, और गांधी की प्रार्थना सभा मे वह टीम लेकर बम फेंक आया । पिस्तौल जाम न होती, तो वह गांधी को उसी दिन मार दिया होता ।

अखिर 10 दस दिन बाद दिल्ली मे वो सफल हुआ ।
गोडसे का बयान झूठ का पुलिंदा था । जिसे असल मे सावरकर ने लिखकर उसे कोर्ट मे पढने के लिए भेजा था ।
यही अंतिम सत्य है ।
गोडसे मुर्दाबाद, सावरकर मुर्दाबाद ।
महात्मा गांधी अमर रहें ।

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