बाबा साहब को किस वजह से संविधान निर्माता कहा जाता है?
विशेष
संवाददाता
संविधान निर्माण,और मुखपुत्रों का बी. एन. राय का नैरेटीव
श्री वी एन राय की भूमिका संविधान सभा में एक सलाहकार के तौर पर थी, जिसमें उन्हें विदेशी संविधानों को पढ़कर उनकी प्रतिलिपियाँ संविधान सभा को उपलब्ध कराने की थी, लेकिन उनकी सलाह सही है या गलत। उसे मानी जाए या नही।
यह अंतिम रूप से ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष डॉक्टर अम्बेडकर पर निर्भर करती थी, लेकिन श्री वी एन राय जल्दी ही अपने सलाहकार पद से त्यागपत्र देकर वे विदेश चले गये थे।
उपरोक्त तस्वीर 1948 की है, जिसमें कौने में जो महानूभाव बैठे है, वो श्री वी एन राय है, जो अपने सलाहकार के पद से इस्तीफा देकर सँयुक्त राष्ट्र संघ में जा रहे थे। संविधान सभा के समूह को चेयरमैन की भूमिका में लीड करने के कारण डॉक्टर अम्बेडकरतस्वीर में बीच मे बैठे है। ड्राफ्टिंग कमेटी में 7 लोग थे, और 8 वाँ सलाहकार के तौर पर कौने में वी एन राय बैठे है, जो गोल घेरे में है।
*बाबा साहब को सँविधान निर्माता इसलिए ही कहा जाता है क्योंकि;*
इनमे सलाहकार वी एन राय 1948 में ही छोड़कर चले गए। बाकी जो सदस्य थे, कोई बीमार हो गए, कोई इस्तीफा दे दिए और कोई विदेश सेटल हो गए और कोई कभी आए ही नही। अकेले बाबा साहब को ही संविधान निर्माण का कार्य करना पड़ा, इसलिए ही उन्हें सँविधान निर्माता कहा जाता है। बाकी पूरी सँविधान सभा का सहयोग रहा है। लेकिन सभी की रिपोर्ट अंतिम रूप से बाबा साहब के अधीन थी। जिसपर कमेंट्स बनाकर, सँविधान सभा के समक्ष रखने बहस करवाने, वोटिंग करवाने का कार्य अकेले बाबा साहब को करना पड़ा, इसलिए सँविधान निर्माता कहा जाता है।
श्री वी एन राय एक प्रतिभाशाली नौकरशाह थे, जिसके प्रति सम्मान बाबा साहब ने भी प्रकट किया था। लेकिन उनकी जाति के भाई बन्धु अपने जातिय दंभ और झूठे नैरेटीव के कारण उनके सम्मान को खत्म करवा रहे है। जो बहुत ही निंदनीय है।
नरेन्द्र कुमार (अवस्थी)
संवाद; पिनाकी मोरे