पुलिस की सेटिंग में चलाया जा रहा है जुए का अड्डा,जिम्मेदारी किसकी?
नवी मुंबई
संवाददाता
स्थानीय पुलिस की सेटिंग्स में चल रहा है क्लब में जुए का अड्डा
प्राप्त सूत्रों के मुताबिक। ऐसे बताया जाता है कि पिछले कुछ समय पूर्व से नवी मुंबई स्थित के कोपर खैराने पुलिस की मिलीभगत में कानून को ठेंगा दिखाकर शाम और देर रात तक शुरू है क्लब जुए का अड्डा।
हमारी MD न्यूज टीम को मिली पुख्ता जानकारी के मुताबिक कोपर खैराने पुलिस के कुछ कार्यरत और रिश्वतखोर जिम्मेदार पुलिस की संरक्षण में कोपर खैराने 400 701स्थित के क्षेत्रीय महादेव सुपर मार्केट वाले शॉप नंबर 1स्थित में महालक्ष्मी अपार्टमेंट के सेक्टर क्रमांक 19 के ठीक सामनेवाली गली में मंदिर के सामने ऐसी वाला कमरा मौजूद है। इसी ऐसी कमरे में लगभग 8 से दस टेबल लगाकर जिसमें प्रति टेबल काउंटर पर 6खिलाड़ियों का इंतेज़ाम कर क्लब जुए का संचालन क्लब जुआ माफिया धीरज महात्रे द्वारा बेखौफ चल रहा है।
इस क्लब के अड्डे पर जुआरियों की भारी भरकम भीड़ जमाकर तीन, तेरह, 21पत्ती और 270किलो का तथा नाकआउट जुगार चलाया जाता है। जबकि पैसे के आदानप्रदान के खेल को न्यायालय और राज्य प्रशासन द्वारा कोई मान्यता नहीं है। फिर भी माननीय उच्च न्यायालय द्वारा प्रशासन को दिए गए आदेशों को खुलेआम ठुकराकर कानून का दुरुपयोग कर क्लब माफिया द्वारा स्थानीय पुलिस की सेटिंग में धड़ल्ले से क्लब जुए का संचालन चालू रखा गया है।
यहां दूर दराज और आसपास के क्लब से जुड़े जुआरियों समेत कई बड़े बड़े खिलाड़ीयो और पंटरों को बुलाकर शाम होते ही क्लब जुए के अड्डे पर भारी भीड़ जमाई जाती है। और जुए का अड्डा सजाया जाता है।
क्लब जुए के अड्डेपर हजारों से लेकर लाखों रुपए की हर वक्त हारजीत का खेल चलता रहता है। बताया जाता है कि क्लब जुए से मिलनेवाली काली कमाई का कुछ हिस्सा क्लब माफिया द्वारा स्थानीय पुलिस पर हफ्ते के रूप में लुटाया जाता है। जिस की वजह से स्थानीय जिम्मेदार पुलिस इस जगह बेखौफ चल रहे अवैध क्लब जुए के खिलाफ नजर अंदाज करते हुए कार्रवाई के बजाय इसे भरपूर संरक्षण देने की फिराक में कार्यरत है।
लिहाजा स्थानीय पुलिस के जिम्मेदार आला पुलिस अधिकारीयो, एसीपी, डीसीपी ,नवी मुंबई पुलिस आयुक्त, राज्य के पुलिस महानिदेशक, राज्य के दोनों उप मुख्यमंत्री, और मुख्यमंत्री से इस क्लब जुए के अड्डे को तुरंत बंद करने की हमारी अपील है।
साभार=एडमिन MD,संपादक
शेख अब्दुल सलाम अली