धाउ बिट वन विभाग दमुआ क्षेत्र में चल रहा कोयले का अवैध उत्खनन,परंतु जिम्मेदार परिवहन अधिकारी और नाकेदार रहते है नदारद ?

धाउ बिट वन विभाग दमुआ चल रहा है भ्रष्टाचार का बोलबाला कोयले का अवैध उत्खनन पर परिवहन अधिकारी और नाकेदार क्यों रहते हैं गायब?

दमुआ। दमुआ वन विभाग के अंतर्गत आने वाली बिट धाउ मे अवैध कोयला उत्तखनन और परिवहन का काम रात में बेधड़क और जोरो से चल रहा हैं। जबकि
वन वविभाग के जिम्मेदार सरकारी बाबू लोग अपने अपनेघरों में बैठ कर आराम फरमा रहे है।

यहा रोजाना रात के समय मे बोरियों मे भरकर पीकप द्वारा नवेगांव मार्ग से चल रहा काला काम। इस बिट से कोयले का अवैध उत्खनन इतना अत्यधिक मात्रा मे हो रहा हैंकि यहां के बिट प्रभारी और नाकेदार या तो घर मे मिलेंगे या फिर बिना छुट्टी लिए अपनी मनमर्ज़ी अपने घर चले जाते है। लेकिन उनकी बिना हाजरी के ऑफिस में हाज़री बराबर लग रही है।

बिट पर या आफिस में मौजूद रहे या न रहे धाउ बिट की पहले भी शिकायत हो चुकी है और खबरे भी ब दस्तूर से प्रकाशन की जा चुकी है परतुं वन विभाग के अधिकारियों के कान में जु तक नहीं रेंगती। दमुआ वन विभाग में रेत, मुरम, सागौन के पेड़ों की कटाई आम बात हो गई हैं। वन विभाग की लापरवाही के कारण पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा हैं।

एक तरफ मध्यप्रदेश ईको पर्यटन अनुभूति कार्यक्रम आयोजित करके वनो को बचाव,पानी को बचाव पेड़ लगाओ जैसे कार्यक्रम आयोजित कर स्कूली बच्चो को प्रेरणा दी जा रही है और इधर रातो रात जंगल से पेड़ गायब होते जा रहे है, नदी से रेत का अवैध उत्तखनन का गोरख धंधा फलफूल रहा है। क्या ऐसे में इससे पर्यावरण को सुरक्षा मिलेंगी? जब नदी में रेत ही नहीं रहेगी तो पानी कहाँ से रुकेगा। और पेड़ो की कटाई होगी तो ऑक्सीजन कहाँ से मिलेगा?

हाँ ऑक्सीजन की बात करे तो वो तो कही न कहीं से ज़रूर मिलेगा अस्पताल मे वो भी पैसे देकर।इस बात से वन विभाग को कोई फर्क नहीं पड़ता घर बैठे नौकरी कर रहे किसका क्या जाता है। जाँच के नाम पर सिर्फ बता दिया जाता है कि कार्यवाही की जा रही है परतुं अभी तक कोई कार्यवाही नहीं कि गयी।

डिप्टी रेंजर त्रिपाठसे सम्पर्क किया गया इनका कहना है कि जांच की जा रही हैं

साभार

सन्तोष विश्वकर्मा की रिपोर्ट मनोज डोंगरे के साथ

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