जिले की सात सीटों के लिए कांग्रेस पार्टी में मंथन पहुंचा आखरी दौर में, होगा खत्म सस्पेंस इतनी डेट को, गैस सिलेंडर और नारी सम्मान का होगा खासा मुद्दा। कुछ भी ही सकता है दोनो पार्टियों के लिए पेचीदा

जुन्नारदेव
से विशेष
संवाददाता

मप्र विधानसभा चुनाव 2023

15-16 अक्टूबर को खत्म होगा कांग्रेस का सस्पेंस

जिले की सात सीटों पर कांग्रेस का मंथन अंतिम दौर में
नारी सम्मान के मुद्दे पर कांग्रेस पशोपेश में।

जिले में महिला उम्मीदवारों को लेकर कांग्रेस में चर्चा तेज़

ज्योति डेहरिया और मोनिका बट्टी को टिकट देकर भाजपा ने महिला वोटरो को साधा, अभी कांग्रेस बैकफुट पर
नारी सम्मान और गैस सिलेंडर बने विधानसभा चुनाव के बड़े मुद्दे

14 को सांसद नकुलनाथ का छिंदवाड़ा दौरा*
सुनील उइके या सुहागवती सरयाम पर लेंगे फैसला।

जुन्नारदेव-
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद राजनीतिक कवायद अब तेज हो चली है। जहां एक और भाजपा के द्वारा अब तक अपनी उम्मीदवारों की चार सूची जारी कर दी गई है, तो वहीं कांग्रेस लगातार अब तक मंथन-दर-मंथन करती चली आ रही है। 21 अक्टूबर 2023 से शुरू होने वाली विधानसभा की नामांकन प्रक्रिया के ठीक पहले श्रीनवरात्र के पावन अवसर पर कांग्रेस की पहली सूची जारी होने की अब पूर्ण संभावनाएं व्यक्त की जा रही हैं।

बता दें कि छिंदवाड़ा जिले की सातों विधानसभा सीट पर उम्मीदवार को लेकर कांग्रेस अब अपना फैसला अंतिम दौर में कर रही है। जहां एक और छिंदवाड़ा से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर चौरई, पांढुरना और सौसर मे कांग्रेस अपने निवर्तमान विधायकों को एक बार पुनः मौका दिए जाने की संभावनाएं व्यक्त की जा रही हैं। इसके अतिरिक्त जुन्नारदेव, परासिया और अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र मे कांग्रेस की अंदरूनी उलझन को साधने के लिए आगामी 14 अक्टूबर 2023 को जिले के सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र नकुलनाथ विशेष रूप से छिंदवाड़ा आ रहे हैं।

जुन्नारदेव सहित अमरवाड़ा और परासिया में कांग्रेस संगठन की खस्ताहाल हालात और कार्यकर्ताओं में कथित असंतोष को लेकर कांग्रेस का आलाकमान खासा चिंतित नजर आ रहा है। यही कारण है कि इन तीन विधानसभा क्षेत्र की टिकटों का फैसला अब सांसद नकुलनाथ के जिम्मे छोड़ा जा रहा है। देखना होगा कि आगामी 14 अक्टूबर की देर रात तक इन तीन विधानसभा क्षेत्र के संदर्भ में भी कांग्रेस अपना अंतिम फैसला लेकर 15 अक्टूबर को अपनी पहली सूची घोषित कर सकती है या नही?

नारी सम्मान बना बड़ा मुद्दा, कांग्रेस क्या लेगी बड़ा फैसला..

अपनी राजनीतिक कर्मभूमि छिंदवाड़ा की अनुसूचित जाति विधानसभा क्षेत्र परासिया से नारी सम्मान योजना का श्रीगणेश करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए अब यह मुद्दा राजभवन तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त कर सकता है, लेकिन इसके लिए यह जरूरी होगा कि वह अपनी इस राजनीतिक कर्मभूमि पर कितनी महिलाओं को विधानसभा टिकट देकर प्रदेश में एक नई मिसाल पैदा करते हैं। छिंदवाड़ा जिले में महिलाओं को टिकट देकर कमलनाथ संपूर्ण प्रदेश में इस आधी आबादी के वोटरो के बीच विश्वास का निर्माण कर सरकार बनाते नजर आ सकते हैं, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि अपनी राजनीतिक कर्मभूमि पर वह कितनी महिलाओं को चुनाव मैदान में उतार कर अधिक सशक्त व सम्मानित करेंगे। छिंदवाड़ा जिले में कांग्रेस द्वारा महिलाओं की टिकट देना या न देना कांग्रेस और भाजपा के बीच बड़े मुद्दे का भी निर्धारण कर देगा।

जुन्नारदेव सहित तीन विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस का मंथन तेज़

छिंदवाड़ा-पांढुर्णा संसदीय क्षेत्र की सात विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस लगभग चार सीटों पर अपने उम्मीदवार को तय कर ली है। इनमें छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सौसर और चोरई प्रमुख है, जबकि कांग्रेस परासिया में निवर्तमान विधायक सोहन वाल्मीकि के मुकाबले गोपाल डेहरिया पर दांव लगा सकती है तो वहीं अमरवाड़ा में राजा कमलेश शाह और विनय भारती में से कोई एक कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे।

जुन्नारदेव में कांग्रेस की आंतरिक उलझन बनी मजबूरी, संगठन की कमजोरी और नपा व जपं चुनाव में हार क्या होगी टिकट बदलाव का कारण.

प्रदेश की सबसे बड़ी आदिवासी विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव को लेकर कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ खासे पशोपेश में नजर आ रहे हैं। यहां कांग्रेस संगठन के आला नेताओं के द्वारा अपने ही विधायक के खिलाफ मोर्चा खोल दिए जाने के कारण कांग्रेस नेतृत्व के लिए कठिन चुनौती बन गई है। दरअसल बीते 5 वर्षों में इस विधानसभा क्षेत्र की जनपद पंचायतो और नगर पालिकाओं में कांग्रेस की करारी हार विधायक सुनील उइके की दावेदारी को कमजोर करती नजर आ रही है। साथ ही यहां पर एक महिला उम्मीदवार सुहागवती सरेयाम की सशक्त दावेदारी कांग्रेस के नारी सम्मान योजना को संपूर्ण प्रदेश में बल देती नजर आ रही है।, लेकिन सिटिंग विधायक होने के चलते सुनील उइके अपनी टिकट के प्रति खासे आशान्वित नजर आ रहे हैं। सूत्रों से खबर है कि टिकट मिलने के पहले से ही उन्होंने अपनी प्रचार सामग्री को प्रकाशित करवाकर क्षेत्र का दौरा भी शुरू कर दिया है। तो उधर दूसरी और पूर्व कैबिनेट मंत्री तेजीलाल सरेआम की पुत्रवधू सुहागवती सरेआम भी जिले में एकमात्र महिला दावेदार होने के नाते लगातार मैदान में जूझ रही हैं। वह कमलनाथ की नारी सम्मान के मुद्दे पर अपनी टिकट को तय मान रही हैं क्योंकि कांग्रेस संपूर्ण मप्र विधानसभा में इसका उदाहरण बना सकती है।

गौर तलब हो कि इधर सुनील उइके के लिए भाजपा प्रत्याशी नथनशाह कवरेती को पुनः उम्मीदवार बना दिया जाना खासा दिक्कत का विषय बना हुआ है, क्योंकि वह उन्हीं से सन 2013 में करारी हार को झेल चुके हैं। साथ ही उन पर कांग्रेस के संगठन को छिन्न-भिन्न कर दिए जाने और नपा और जनपद पंचायत चुनाव में कांग्रेस की हार का जिम्मेदार भी माना जा रहा है। यह उनके लिए असुविधाकारी साबित हो रहा है, जबकि सुहागवती सरेआम को उनके पूर्व मंत्री ससुर तेजीलाल सरेआम की इस क्षेत्र में सादगी और सरल व्यवहार की लोकप्रियता चुनावी जीत का खास कारण और आकर्षण बनती नजर आ रही है। इसको महत्व देते हुए कांग्रेस सुहागवती सरेआम पर अपना दांव लगाती है या फिर सिटिंग एमएलए सुनील उइके पर ही एक बार फिर भरोसा जताती है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित सांसद नकुलनाथ के लिए इस जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी चयन के मामले में कांग्रेस का खस्ताहाल संगठन और स्थानीय नेताओं की बड़ी, स्थानीय निकायों में करारी हार और नारी सम्मान मुद्दे को साथ लिए जाने या फिर निवर्तमान विधायक सुनील उइके के प्रति अपना भरोसा जता देने के इन दो विकल्पो में से किसी एक को तय करना ही गौरतलब होगा।

संवाद:तरुण बत्रा

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