जाने वाटसेप किस बात को लेकर हलफनामा देता रहा है?एक खास सनसनीखेज खुलासा

संवाददाता

व्हाट्सप्प इस बात को लेकर हलफनामा देता रहा है कि उसके मैसेजेस एन्ड टू एण्ड एनकृपटेड ( कूट या छुपे हुए ) होते है। वो अपनी कार्य प्रणाली भी बता चुका है और उसका सत्यापन भी हो चुका है कि उसके पास एक ही पावरफुल सर्वर है जो मैसेज रिसीव करते ही उसे डिलीवर भी कर देता है । वो मैसेज आपके आपके पास पहुंचते ही सिंगल लाइन हो जाती है और आपके देखते ही वो डबल हो जाती है। इस दौरान आपका फ़ोन ऑफ या इंटरनेट ऑफ है तो मैसेज ऑन-एयर रहता है।

पिछली बार इस विवाद ने एक ही दिन में व्हाट्सप्प को ज़बरदस्त झटका दिया था कि उसकी रेटिंग साढ़े चार से एक पर आ गयी थी और करोड़ों यूज़र्स ने व्हाट्सप्प डिलीट करके Telegram डाउनलोड कर लिया था। जबकि टेलीग्राम की रातों रात चांदी हो गयी थी। उसमे ने 90 प्रतिशत के पास आज भी है जिसमे से बहुत कम लोग ही इसका इस्तेमाल करते है।
पिछली ही बार सरकार के ऊपर इजराइल से पेगासस की डीलिंग और इस्तेमाल के आरोप भी लगे थे। ये बहुत ज़्यादा महंगा वेअर स्पाई।

अब चलते है वर्तमान परिस्थितियों की तरफ जहाँ प्रतिदिन कोई न कोई सनसनीखेज़ खुलासा हो रहा है। हर दिन हिंसा, मोब्लिचिंग, और विरोधी स्वर मुखर हो रहे है जबकि कुछ मास बाद ही चुनाव है इसलिए अब सरकार इस पर लगाम कसने के लिए कुछ अन्य स्पाई वेयर बनाने वाली कम्पनीस से बात कर रही है। ( ये खुलासा किया है फाइनेंसियल एक्सप्रेस अख़बार ने या कुछ विश्वसनीय यू ट्यूबर्स न्यूज़ वेब्स ने ) उन्होंने ये बताया है है कि अभी किसीसे डील फाइनल नहीं हुई है। क्योंकि अलग अलग कम्पनीज के
इसलिए अब ज़रुरत है कि बिना सत्यापन के कोई न्यूज़ फॉरवर्ड न करें। जैसे कि कुछ दिन हुए एक वीडियो जिसमे तमाम लोगों को सैनिको द्वारा गड्ढे में धकेल कर गोली मारने का 2 या तीन साल पुराना वीडियो तुर्की का बताकर शेयर कर दिया था।

अब चलते है कन्क्लूज़न की तरफ :
क्या आप जानते है कि सदियों पहले जिस मुल्क के पास खाने की कमी नहीं होती थी वो बहुत संपन्न देश कहलाता था।फिर उसके बाद समय आया जब जिसके पास बड़ी और पेशेवर लड़ाकू फ़ौज होती उसे संपन्न और सुखी देश माना जाता। फिर ज़माना आया ऐसा कि जिसकी बिज़नेस पॉलिसीज़ और तकनीक अत्याधुनिक होती और अत्याधुनिक हथिआर होते वो सबसे शक्तिशाली होता था। अब फिलहाल सबसे शक्तिशाली और संपन्न राष्ट्र वो है जिसके पास सबसे ज़्यादा “डाटा” है। जिस डाटा को आप कचरा समझकर सड़क चोरों और हैकर्स की दया पर छोड़ देते है उस का डाटा इतना क़ीमती होता है !

डिवाइस की कार्य प्रणाली अलग अलग है। उदाहरण के लिए एक मशहूर कंपनी का कहना है कि उन्हें जिसकी जिसकी जानकारी देने को कहा जायेगा उसकी सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करा दी जाएगी। यानि वो खुद ऑपरेट करेंगे जिसमे दूसरे का दखल नहीं होगा।
खैर डील फाइनल हुई तो आपको न्यूज़ वेब्स से जानकारी मिल ही जाएगी।
अब कांग्रेस से डील फाइनल होने के लास्ट की स्टेज पर है लिहाजा रहे सावधान।

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