जानिए किस कारण दुर्घटना ग्रस्त की शिकार हुई गत दिनों नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस?

दिल्ली

संवाददाता एवं ब्यूरो चीफ

कैसे बेपटरी हुई नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस? शुरुआती जांच-पड़ताल में सामने आई दुर्घटना की बड़ी वजह

दिल्ली-कामख्या ‘नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस’ (North East Express) के सभी डिब्बों के बिहार में बेपटरी होने की बड़ी वजह सामने आ रही है। सूत्रों के मुताबिक, प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में पाया गया है कि रेलवे ट्रैक में कुछ खामियां पाई गई है। बता दें कि बक्सर के रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन के नजदीक गत बुधवार रात हुए इस दुर्घटना में 4 लोगों की जान चली गई।वहीं, कई लोग जख्मी हुए थे।

इस बारे में ऐसे बताया जा रहा है कि रेलवे के 6 अधिकारियों ने इस रिपोर्ट पर साइन किया है।हालांकि, रेलवे के कुछ अधिकारियों का ये भी मानना है कि हाई स्पीड ट्रेन को इमरजेंसी ब्रेक लगाकर रोकने की कोशिश की गई थी। दुर्घटना का शिकार हुए ट्रेन के गार्ड विजय कुमार ने बताया कि उन्होंने महसूस किया कि अचानक ब्रेक लगाया गया, जिसके बाद झटके लगे। वह अपना कागजी कार्य कर रहे थे तभी ऐसा लगा कि लोको पायलट ने अचानक ब्रेक लगाया है।

झटके खाने के बाद वो बेहोश हो गए। जब उठे तो खुद को एक खेत में पाया और देखा कि कुछ लोग उनके चेहरे पर छींटे मारकर उन्हें उठाने और उन्हे जगाने की कोशिश कर रहे थे। ट्रेन के डिब्बों के बारे में रिपोर्ट में बताया गया है कि सभी 22 डिब्बे और इंजन पटरी से उतर गए। जिनमें से दो डिब्बे पूरी तरह से पलट गए। मिली खबर के अनुसार इस दुर्घटना की वजह से 52 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का नुकसान हुआ है।दुर्घटना में लोको पायलट (चालक) विपिन कुमार सिन्हा आंशिक रूप से जख्मी हो गये और उनके सहायक को गंभीर चोटें आईं।

उक्त मामले की रिपोर्ट में लोको पायलट सिन्हा का एक बयान भी सम्मिलित है, जिसमें कहा गया है कि ट्रेन 128 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से रघुनाथपुर स्टेशन से गुजरी, लेकिन स्टेशन को पार करने के तुरंत बाद उसे पीछे से एक गंभीर झटका लगा। शुरवाती रिपोर्ट में लोको पायलट के हवाले से कहा गया है कि अत्यधिक कंपन और गंभीर झटके के परिणामस्वरूप, ब्रेक पाइप का दबाव अचानक कम हो गया और ट्रेन रात 9:52 बजे पटरी से उतर गई। सिन्हा के बयान के मुताबिक, उन्होंने रात 8:27 बजे दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन से ट्रेन की कमान संभाली और उस वक्त सब कुछ अच्छा माहौल था। उन्होंने बताया कि ट्रेन रात 9:29 बजे बक्सर पहुंची तो सहायक लोको पायलट ने दोबारा इंजन की जांच-पड़ताल करी और सब कुछ हालात ठीक पाए गए।

रिपोर्ट में रघुनाथपुर स्टेशन के एक गेटमैन और एक प्वॉइंटमैन के हवाले से कहा गया है कि उन्होंने ट्रेन के पहियों के पास से चिंगारी निकलती हुई देखी।रिपोर्ट में बताया गया है, एलसी (लेवल क्रॉसिंग) गेट नंबर 59बी के गेटमैन के बयान के मुताबिक, ट्रेन नंबर 12506 गेट से गुजरी और 8-10 डिब्बे गुजरने के बाद उसने चिंगारी देखी और भारी शोर सुना।रिपोर्ट में लोको पायलट और उसके सहायक का ब्रेथ एनालाइजर परीक्षण नकारात्मक बताया गया। पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) ने बताया कि दुर्घटना में 4 लोगों की मौत हो गई। इनमें से दो की पहचान आकृति भंडारी और उसकी मां उषा भंडारी (37) के रूप में हुई है, जो असम जा रही थीं।

सीपीआरओ ने बताया, उनके साथ सफर कर रहे लड़की के पिता दुर्घटना में बच गए। दुर्घटना में राजस्थान के नरेंद्र कुमार और पूर्णिया के अबू जायद (27) की भी मौत हो गई। साथ यात्रा कर रहा जायद का दोस्त दुर्घटना में बच गया। उन्होंने यह भी बताया कि मामूली रूप से जख्मी हुए कई लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है। सीपीआरओ ने बताया कि इन यात्रियों को एक खास ट्रेन में बिठाया गया, जो गंतव्य स्टेशन के लिए रवाना हुई थी।

सीपीआरओ की माने तो चिकित्सकों की सलाह के आधार पर, हम बिहार और पश्चिम बंगाल के दूर-दराज के इलाकों के यात्रियों को भी घर तक छोड़ने के लिए एम्बुलेंस की सुविधा मुहैया कर रहे हैं.’इस रेल दुर्घटना में चार मृतकों के अलावा लगभग 30 यात्री जख्मी हुए हैं जिनमें छह महिलाएं और दो बच्चे शामिल हैं। पूर्व मध्य रेलवे जोन द्वारा मुहैया कराई गई जानकारी के मुताबिक घायलों की पहचान दीपक भंडारी (38), जूली सिंह (24), प्रदीप कुमार (25), सुजल राय (25), सुभाष चंद्र रॉय (35), बोद्या रॉय (40), गौतम मजूमदार (22), दरक्षा खातून (12) और अनुमय बर्मन (60) के तौर पर की गई है.हादसे में जख्मी अन्य यात्रियों के नाम संतोष कुमार बर्मन (46), मुक्ति राम बर्मन (58), मुकेश कुमार (24), रीना बर्मन (45), तरुण बर्मन (26), शिराजुल (36), रवि कुमार, जहादुर रहमान, सबनम खातून (35), नजराना खातून (23), शाहिद (चार), कार्तिक यादव (24), विवेक कुमार (29), देवंती देवी (60), सत्यनारायण गुप्ता (63), राकेश कुमार (30), वेद प्रकाश प्रजापति, मोहम्मद लाडू (29), दयानंद कुमार, सुदीप रविदास(25) और लाल बहादुर छेत्री (37) बताए जा रहे है।इस बीच, रेलवे अधिकारियों ने बताया कि राजस्थान निवासी नरेंद्र के परिवार वालों को छोड़कर सभी पीड़ितों के परिवार वालों को अनुग्रह राशि दे दी गई है। बिहार आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मृतक नरेंद्र के परिवार को सूचित कर दिया गया है और वो विगत गुरुवार रात को बक्सर पहुंचे।

संवाद: डी आलम शेख

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