जलसंरक्षण जल महोत्सव के अंतर्गत बनाया एक सौ दस बोरियों का बोरी बंधान
संवाददाता तकीम अहमद दमुआ
दमुआ:। म प्र जन अभियान परिषद जुन्नारदेव जिला छिंदवाड़ा द्वारा ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति करमोहनीबँधी एवम ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति घोरावाडी के सयुक्त प्रयास से पाथ्ई नाला पर एक सौ दस बोरियों का बोरी बंधान कर दिया जल सरक्षण का संदेश।
आज बोरी बंधान का कार्यक्रम किया गया जिसमें ब्लॉक समन्वयक संजय बामने के मार्ग दर्सन मे और हमारा हमेशा की तरह हौसला अफजाई करने वाले जिला समन्वयक पवन सहगल के मार्गदर्शन में सेक्टर प्रभारी(मेन्टर्) कमल झा की उपस्थिति मे जिले भर में चलने वाले जल महोत्सव के अंतर्गत विभिन्न ग्रामों में बोरी बंधान किया जा रहा है।
इसी श्रंखला मे जनमानस सामाजिक विकास संस्थान नांदना दमुआ जो कि नवांकुर संस्था के रूप में चयनित संस्था अध्यक्ष राम रतन बेलवंशी के नेतृत्व में ग्राम के युवाओं ग्रामीण महिला पुरुष ने इस बोरी बंधान में सहयोग किया गया। इस बोरी बंधान से लगभग 50 एकड़ की रबी की फसल को पानी मिलेगा, और वाटर लेवल में भी बढ़ोतरी होगी।
इस तरह के अभियान विकासखंड में लगातार चल रहे हैं विकासखंड समन्वयक संजय बामने ने बताया की आगामी 2 माह तक विभिन्न ग्रामों में जल संरक्षण के तहत बोरी बंधान के कार्यक्रम किए जाएंगे।
मेन्टर् प्राची जी के द्वारा जल संरक्षण के लिये आम् जनो को सपथ दिलाई गई आज के कार्यक्रम में उपस्थित ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति घोरा वाडी के अध्यक्ष राजेन्द् यादव जी शांतुन जी भोजराज करारे जनपद सदस्य श्रीमती संगीता बेल वंशी रोज़गार सहायक गुरु प्रसाद बेल् वंशी सभी ग्राम वासी आदि उपस्थित रहे।
इसके अलावा पेसा एक्ट के विभिन्न मुद्दों पर भी चर्चा हुई जिसमें राज्य सरकार की भूमिका: पेसा, अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिये ग्राम सभाओं (ग्राम विधानसभाओं) के माध्यम से स्वशासन सुनिश्चित करने हेतु केंद्र द्वारा अधिनियमित किया गया था।
राज्य सरकारों को अपने संबंधित पंचायत राज अधिनियमों में संशोधन करने की आवश्यकता थी जो कि पेसा के जनादेश के साथ असंगत होगा।
उद्देश्य: यह कानूनी रूप से आदिवासी समुदायों, अनुसूचित क्षेत्रों के निवासियों के अधिकार को स्वशासन की अपनी प्रणालियों के माध्यम से स्वयं को शासित करने के अधिकार को मान्यता देता है।
यह प्राकृतिक संसाधनों पर उनके पारंपरिक अधिकारों को स्वीकार करता है।
पेसा अधिनियम में ग्राम सभा का महत्व:
लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण: पेसा ग्राम सभाओं को विकास योजनाओं की मंज़ूरी देने और सभी सामाजिक क्षेत्रों को नियंत्रित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने का अधिकार देता है। इस प्रबंधन में निम्नलिखित शामिल है:
जल, जंगल, ज़मीन पर संसाधन।
लघु वनोत्पाद।
मानव संसाधन: प्रक्रियाएँ और कार्मिक जो नीतियों को लागू करते हैं।
स्थानीय बाज़ारों का प्रबंधन।
भूमि अलगाव को रोकना।
नशीले पदार्थों को नियंत्रित करना।
पहचान का संरक्षण: ग्राम सभाओं की शक्तियों में सांस्कृतिक पहचान और परंपरा का रखरखाव, आदिवासियों को प्रभावित करने वाली योजनाओं पर नियंत्रण और एक गाँव के क्षेत्र के भीतर प्राकृतिक संसाधनों पर नियंत्रण शामिल है।
संघर्षों का समाधान: इस प्रकार पेसा अधिनियम ग्राम सभाओं को बाहरी या आंतरिक संघर्षों के खिलाफ अपने अधिकारों और परिवेश के सुरक्षा तंत्र को बनाए रखने में सक्षम बनाता है।
पब्लिक वॉचडॉग: ग्राम सभा को अपने गाँव की सीमा के भीतर नशीले पदार्थों के निर्माण, परिवहन, बिक्री और खपत की निगरानी और निषेध करने की शक्तियाँ प्राप्त होंगी।