क्या पीएम मोदी असुरक्षा की भावनाओं से ग्रस्त और डरपोक इंसान है?

एमडी
न्यूज चैनल टीम के
संवाददाता की एक सनसनीखेज रिपोर्ट

मोदी एक डरपोक और असुरक्षा की भावना से ग्रस्त व्यक्ति हैं

I.N.D.I.A गठबंधन बनने के बाद, प्रधानमंत्री मोदी को अब पूरी तरह से समझ में आ गया है कि आगामी 2024के लोकसभा चुनाव में भाजपा हरगिज ही सत्ता हासिल नहीं कर सकती है, उन्हें अब ही से अपनी निश्चित हार का डर और एहसास हो रहा है।

इस को लेकर ऐसे बताया जाता है कि मोदी जी 2024 के बाद अपनी संभावनाओं को लेकर आशंकाओं से घिरे हुए हैं, दर और फिक्र से परेशान है। जिससे उन्हे घबराहट,बेचैनी और उत्तेजना की स्थिति पैदा हो रही है। इसके परिणामस्वरूप उनके न केवल असंगत और निरर्थक बयान सामने आ रहे हैं, बल्कि उन्हों ने दिल्ली सरकार के अधिकारों पर दिल्ली सेवा बिल तथा चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर जिस तरह सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को उलटते हुए अपना वर्चस्व बनाये रखने का इन्तजाम कर लिया है, उससे उनकी हताशा, असुरक्षा और अलोकतांत्रिक रवैये का ही परिचय मिलता है।

अब चाहे ई.डी. के मुखिया एस.के. मिश्रा माध्यम से हो या कोई अन्य तरीका, वे I.N.D.I.A गठबंधन को खत्म करने के प्रयास में इसके सहयोगी दलों पर दबाव बना रहे हैं, उन्हें बार-बार 40 से 50 साल पहले के इतिहास की याद दिला रहे हैं। इसके साथ ही वे देश में सत्ता का भय पैदा करने के लिए कानूनों में भी मनमाने बदलाव कर जनता पर अपना शिकजा कसते जा रहे हैं।

जबकि सूत्र बताते हैं कि
संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर उनके भाषण में उनकी बेचैनी और डर साफ झलक रहा था।

संवाद; पिनाकी मोरे

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