कूपर अस्पताल का मामला, हर वार्ड में संक्रमण का खतरा
कूपर के हर एक वार्ड में संक्रमण का खतरा..
मुंबई..मुंबई के कूपर अस्पताल के वार्ड में चूहों का राज है। वार्ड में उछलते-कूदते चूहों का यह दृश्य एक वीडियो में कैद हो गया है। जब इस बारे में अस्पतालकर्मियों से बात की गई तो उनका कहना है कि क्या करें, हर वार्ड की यही हालत है और मनपा प्रशासन को इसकी पड़ी नहीं है। चूहों के आतंक से अस्पताल के मरीज व उनके परिजन परेशान हैं।
वायरल हुए इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि अस्पताल के वार्ड में मरीजों के बेड पर चूहे बेखौफ घूम रहे हैं। अमूमन यह स्थिति सभी वार्डों की है, जिससे न केवल मरीजों और उनके परिजनों की चिंताएं बढ़ गई हैं, बल्कि होश भी उड़े हुए हैं। इस दृश्य ने प्रशासन की घोर लापरवाही को उजागर कर दिया है, जिस कारण स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। फिलहाल ‘महायुति’ सरकार के अधीन मुंबई मनपा शहर की स्वास्थ्य व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाल रही है। मगर प्रशासन का अस्पताल की स्वच्छता पर बिल्कुल ध्यान नहीं है।
अस्पताल में715 बेड
कूपर अस्पताल व मेडिकल कॉलेज में कुल 715 बेड हैं। इस अस्पताल में सभी सामान्य विशेषताएं मौजूद हैं। अस्पताल में सालाना लगभग छह लाख ओपीडी और करीब ३० हजार आईपीडी रोगियों का इलाज होता है। अस्पताल में एक मनपा स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र और तीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी हैं।
अस्पताल प्रशासन को नहीं है शिकायतों की परवाह!
कूपर अस्पताल में भयंकर अव्यवस्था फैली हुई है। चारों तरफ गंदगी का राज है। वार्ड में मरीजों के बेड पर चूहे दौड़ रहे हैं। काफी समय से अस्पताल के अंदर चूहों की बढ़ती संख्या ने न केवल मरीजों और उनके परिजनों में डर पैदा कर दिया है, बल्कि साफ-सफाई और संक्रमण नियंत्रण की गंभीर चूक को भी उजागर किया है।
इस संबंध में एक वीडियो सामने आया है जिसमें साफ दिखा कि एक महिला मरीज के बेड पर चूहा दौड़ रहा है। परिजनों द्वारा की कई शिकायतों के बावजूद अस्पताल प्रशासन ने इसकी कोई परवाह नहीं की।
वार्ड में चूहे के खुलासे के बाद अस्पताल और सरकार की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। महायुति सरकार और मनपा प्रशासन दोनों पर मरीजों की सुरक्षा की उपेक्षा करने का आरोप लगा है।
फिलहाल, अस्पताल प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि सिस्टम की अनदेखी और लापरवाही ने मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया है।
स्वास्थ्य सेवाओं में ऐसी कमी और गंदगी से रोगियों के जीवन को प्रत्यक्ष खतरा पैदा हो गया है। अस्पताल की इस गंभीर परिस्थिति को लेकर जब मनपा अस्पतालों की निदेशक व कूपर की डीन डॉ. नीलम आंद्राडे से संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
साभार;अल्ताफ शेख