कमलनाथ का गढ़ कहे जानेवाले छिंदवाड़ा में कमलनाथ ने गाड़े कांग्रेस की जीत के झंडे 18वर्षो बाद भी कमलनाथ का जलवा बरकरार बीजेपी को दी पटखनी

दमुआ
स्वंवाददाता
तकीम अहमद

कमलनाथ के गढ मे कमलनाथ ने कांग्रेस का लहराया परचम
जिले में 6 जगहों पर कांग्रेस , भाजपा दो में सिमटी।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा नगर पालिका निगम पर कांग्रेस ने 18 सालों बाद काबिज होने के बाद पुनः एक बार फिर कमलनाथ का जादू दिखाई पड़ने लगा है ! जिले की अधिकांश नगर परिषदों पर कांग्रेस पुनः पुनर्स्थापित होती नजर आ रही है. जिले की 9 नगर परिषद में से कांग्रेस ने छह पर विजयश्री प्राप्त की है. भाजपा केवल दो नगर परिषदों तक ही सिमट कर रह गई है।

नगरीय निकाय के दूसरे चरण की मतगणना में छिंदवाड़ा जिले में कांग्रेस ने अपनी ताकत दिखा दी है।
दो नगर पालिका समेत सात नगर परिषदों में से कांग्रेस ने छह नगर परिषदों में जीत दर्ज की है। वहीं भाजपा ने एक नगर पालिका और एक नगर परिषद में जीत दर्ज की है।

परासिया नगर पालिका में दोनों पार्टी ने बराबर सीटें हासिल की हैं।
परासिया मे देखना ये है कि ताज़ किस पार्टी के सर सजेगा?

एक नजर झलक परिणामो की :-

नगर पालिका परिषद चौरई 15 वार्ड में से भाजपा 09, कांग्रेस 06
नगर पंचायत परिषद बिछुआ के 15 वार्ड में से भाजपा 12, कांग्रेस 01, निर्दलीय 02
नगर पंचायत परिषद चांद 15 वार्ड में से भाजपा 07, कांग्रेस 08,
नगर पंचायत परिषद पिपलानारायणवार 15 वार्ड में से कांग्रेस 08 और भाजपा 07
नगर पंचायत परिषद लोधीखेड़ा के 15 वार्ड में से 10 कांग्रेस, 05 भाजपा
नगर पंचायत परिषद बड़कुही के 15 वार्ड में से 11 कांग्रेस, 04 भाजपा
नगर पंचायत परिषद चांदामेटा 15 वार्ड में से 10 कांग्रेस, 04 भाजपा 01 निर्दलीय
नगर पंचायत परिषद न्यूटन चीखली के 15 वार्ड में से 09 कांग्रेस 05 भाजपा 01 निर्दलीय
नगर पालिका परिषद परासिया 21 वार्ड में से 10 कांग्रेस, 10 भाजपा 01 निर्दलीय।

छिंदवाड़ा जिले की सबसे बड़ी नगर पालिका परासिया में 21 वार्ड हैं. जिसमें 10 वार्डों में भाजपा ने कब्जा किया तो वहीं 10 वार्डों में कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. वार्ड नंबर 16 में निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है. वार्ड नंबर 16 से जीतने वाले निर्दलीय प्रत्याशी भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर बगावत कर चुनाव लड़े थे. अंदाजा लगाया जा रहा है कि परासिया में भाजपा बागी को मना कर अध्यक्ष बना सकती है।

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