ओबीसी के विनाश का कारण बना अनुच्छेद340 के ज्ञान की कमी , जाने क्या है धारा 340
क्या ये सच है कि ओबीसी के विनाश का कारण अनुच्छेद 340 के ज्ञान की कमी है ।
अब तक हम धारा 370 के बारे में जानते थे । आइए अब धारा 340 के बारे में जानते हैं ।
अनुच्छेद 340
मित्रो ! पिछले लंबे समय पूर्व में जम्मू कश्मीर में लागू 370 धारा पर बहुत चर्चा हुई है ।
परन्तु OBC अर्थात पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए बनी अनुच्छेद 340 की चर्चा नहीं होती है ।
तो दोस्तों इंसान और जानवर में एक फर्क है। इंसान विचार करता हैं, सोचते हैं। जानवर नहीं सोचते हैं। क्या हम इंसान हैं ? अगर हम इंसान हैं, तो हमें सोचना चाहिए। यदि आपने अभी तक नहीं सोचा है, तो यह अब सोंचिए, विचार कीजिए ।
मित्रों ! संविधान में एससी के लिए धारा 341 और एसटी के लिए धारा 342 और ओबीसी लोगों के लिए धारा 340 है। एससी, एसटी के लिए सन् 1949 में धारा 341 और धारा 342 की शुरुआत की गई थी और बाद में 1950 में संविधान लागू किया गया था। इसके तहत एससी / एसटी का प्रतिनिधित्व / आरक्षण ( शिक्षा, रोजगार, पदोन्नति ) में किया गया था। लेकिन ओबीसी वर्ग पर आरक्षण लागू नहीं हुआ।
क्योंकि लंदन में 1932 के गोलमेज सम्मेलन में ओबीसी का कोई प्रतिनिधि नहीं था। ( जैसा कि एससी/एसटी के तरफ से बाबासाहेब थे ) फिर,
1946 -1949 में संविधान लिखते समय, बाबासाहेब ने सोचा कि ओबीसी भाइयों की स्थिति एससी / एसटी की तरह ही खराब है। उन्होंने संविधान सभा पर चर्चा शुरू करते हुए कहा कि उन्हें संविधान में ओबीसी के लिए आरक्षण मिलना चाहिए ।
उस समय एससी / एसटी कुछ ब्राह्मण उच्च वर्णों के साथ ठीक है , लेकिन ये ओबीसी कौन हैं ? यह सवाल बाबासाहेब से पूछा गया था ।
तब बाबासाहेब ने संविधान में एक ही बात कही कि जो लोग SC, ST नहीं हैं, वे उच्च जाति के नहीं हैं, वे सभी OBC हैं ।
तब खंड 340 के अनुसार वे जनगणना की जाएगी और प्रत्येक क्षेत्र में जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण दिया जाएगा। हालांकि, 1950 के बाद से ओबीसी की जाति आधारित जनगणना नहीं हुई है, इसलिए उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिला है। अब 1990 में, 60% OBC को 27% आरक्षण लागू किया गया था। क्योंकि जनगणना नहीं हुई।
अगर चे ओबीसी की गणना की जाती है और उनके आंकड़े आते हैं, तो उन्हें अनुच्छेद 340 के अनुसार आरक्षण / प्रतिनिधित्व देना पड़ता था। तब देश में 52% से 60% IAS, IPS अधिकारी होंगे, जो आज केवल 4% है। सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय में,
52 – 60% न्यायाधीश होंगे, जो आज आधा प्रतिशत है ।
हर साल बनने वाले बजट में से
52 – 60% बजट का उपयोग ओबीसी के विकास के लिए किया जाएगा । ओबीसी को हर क्षेत्र में हिस्सेदारी मिलेगी लेकिन ओबीसी की तब तक प्रगति नहीं होंगी जब तक कि धारा 340 के तहत जनगणना नहीं होती है। इसलिए, सभी ओबीसी भाइयों को सरकार को अनुच्छेद 340 को लागू करने के लिए मजबूर करना चाहिए ।
अगर जम्मू और कश्मीर के लोगों की प्रगति के लिए अनुच्छेद 370 को रद्द किया जा सकता है, तो भारत भर में ओबीसी के लिए अनुच्छेद 340 क्यों लागू नहीं किया जा सकता है ?
ऐसा क्यों है कि देश के स्वतंत्र होने के 75 साल बाद भी, धारा 340 लागू नहीं किया गया है ?
जय भारत
जय संविधान