ऐसी खुराफात रखने वाले कातिल, हैवान को फांसी की सजा दें तो भी कम नही

मानवता हुई शर्मसार

ये आरपीएफ का कांस्टेबल चेतन चौधरी है। बताया जाता है कि वह यूपी के हाथरस का रहने वाला है। मुंबई-जयपुर एक्सप्रेस ट्रेन में ड्यूटी करते समय इसने पहले अपने सीनियर ASI टीकाराम मीणा को गोली मार दी। उसके बाद में वह अलग-अलग बोगियों में गया और धार्मिक पहचान देखकर अब्दुल क़ादिर, मोहम्मद हुसैन और असग़र काई नाम के तीन मुसलमानों की निर्मम हत्या कर दी। कथित वायरल वीडियो में चार हत्याएँ करने के बाद ये मोदी-योगी की तारीफ़ भी कर रहा है?

वीडियो में ये हत्या करने के बाद कह रहा है, अगर वोट देना है, हिंदुस्तान में रहना है तो मोदी और योगी यही दो हैं। सोचिए सभी मजहब के मान्यवर लोग और देश की मोदी सरकार को ऐसी गंभीर घटना की तरफ तवज्जो देना चाहिए कि देश भर मै आए दिन मोदी की सरकार के गुंडों का अल्प संख्यक
लोगों के साथ किस तरह आतंक बरपा हो रहा है ? क्या
ये नया और सुरक्षित भारत है?

कोटा के रास्ते जयपुर से मुंबई जाने वाली जयपुर मुंबई सुपरफास्ट ट्रेन में की फायरिंग

आरपीएफ कांस्टेबल ने आरपीएफ एसआई व 3 यात्रियों (जो कि मुस्लिम थे) को गोली मारी। चारों की हुई मौत। दिनांक 31 जुलाई की अलसुबाह का है ये दरनाक वाकाया। ट्रेन के मुंबई पहुंचने से पहले घटित हुई है ये घटना। हैवान कातिल ने किस तरह सारी मानवता को ठेंगा दिखाते मुस्लिमो और अन्य निरपराध लोगों की निर्मम हत्या को अंजाम दिया और
ट्रेन से कूद कर भाग रहा यह जिम्मेदार सुरक्षा कर्मी आरपीएफ कांस्टेबल पकड़ा भी गया।
वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि फायरिंग करने वाला कांस्टेबल कह रहा है कि हिंदुस्तान में रहना होगा तो..
मतलब अब देश में कोई भी किसी भी तबके बे गुनाहों को भी दिल करे जब हिंदुस्तान विरोधी,आतंकवादी और देश के गद्दार कह कर मार देगा उनकी जान के सकता है ऐसे कानून की ऐसे कातिलों को मोदी सरकार ने छूट दे रखी है?,देश की मोदी सरकार जब देखो खामोश रहती है। देश में अल्पसंख्यक कतई सुरक्षित नहीं हैं और मोदीजी विदेशों में जाकर कह रहे हैं कि भारत के अल्पसंख्यक के लोग जन्नत की फिजाओं में खुशहाल है सुरक्षित है,अमन चमन से रहते। मगर यहां तो मोदीजी को खुद ध्यान देने की जरूरत है कि भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित कहां हैं,? क्या हकीकत में भारत एक मज़बूत लोकतंत्र है?

उधर मुहब्बत की दुकान वाले राहुल गांधी और उनकी पार्टी ने भी अल्पसंख्यकों को सिर्फ वोटबैंक समझ रखा है, उनके हक़ के लिए कभी कोई खासे आवाज़ नहीं उठाई ईमानदारी से।
हमारी मांग है केंद्र के पीएम, कानून मंत्री, और होम मिनिस्टर से कि ऐसे कातिल हैवान को
हत्यारे कांस्टेबल को फांसी की सज़ा होनी चाहिए।

संवाद:एमडी टीम संवाददाता
मो अफजल इलाहाबाद

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