एक ऐसे नबी जिन्होंने ने कई इल्म व हुनर को इजाद किया! जानिए कौन है वो ऐसे नबी?

एक ऐसे नबी जिन्होंने कई इल्म व हुनर की स्थापना की दुनिया को कपड़े सिलना सिखाया ।

हज़रत इदरीस अलैहिस्सलाम अल्लाह के नबी थे कहा जाता है कि वह हज़रत आदम और शीस के बाद तीसरे नबी थे जो दुनिया में आए वह नूह अलैहिस्सलाम के काफी पहले पैदा हुए थे ।
हज़रत इदरीस अलैहिस्सलाम मेसोपोटामिया ( इराक़ ) के इतिहासिक नगर बाबुल में पैदा हुए बड़े हुए वहां से मिस्र चले गए और मिस्र को ही उनकी कर्मस्थली बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ ।
कुरान में इनका जिक्र दो जगह पर आया है सूरा मरयिम में इन्हें नबी व सिद्दीक़ कहा गया है ।

इराक़ में एक धर्म पाया जाता है जिसे साबिया कहा जाता है यह विश्व का सबसे पुराना धर्म है उसके मानने वाले खुद को साबिई कहते हैं साबिई लोगों का जिक्र कुरान में भी है साबिई लोग इन्हें अपना पहला नबी मानते हैं।

बाइबिल और मशहूर इतिहासकार इब्ने इसहाक व कुछ हदीसों के अनुसार यह पहले मनुष्य थे जिन्होंने कपड़े की सिलाई की और क़लम का इस्तेमाल किया भारतीय मुसलमानों में कपड़ा सिलने वाली दर्जी बिरादरी भी अपना संबंध इन से जोड़ कर खुद को इदरीसी लिखती है।

यही नहीं मिस्र की लोक कथाओं में हज़रत इदरीस के संबंध में काफी कुछ कहा गया है और उन्हें वह पहला शख्स बताया गया है जिस ने धरती पर किसी भी धर्म की पहली इबादतगाह बनाई इन से पहले किसी पूजा स्थल व इबादत गाह का अस्तित्व न था।

लोककथाओं के अनुसार उन्होंने ज्योतिष शास्त्र का अविष्कार किया और अपनी ज्योतिष विद्या के कारण इन्हें पता चला कि जल्द ही धरती पर एक अभूतपूर्व तूफान आने वाला है जिस से बचने के लिए उन्होंने पिरामिड बनाया था इस तरह उन्हें पहला पिरामिड बनाने वाला भी कहा जाता है।
इन लोककथाओं के बारे में मशहूर इतिहासकार अल्लामा सियूती ने विस्तार से लिखा है उनके ऐसा लिखने के बाद यानी लगभग छह शताब्दियों से हज़रत इदरीस अलैहिस्सलाम के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश शुरू हुई पहले यह कोशिश हलकी थी।

परंतु अब इस में काफ़ी ज़ोर आ चुका है मिस्र में इस पर लेख लिखे जा रहे हैं टीवी पर प्रोग्राम पेश किए जा रहे हैं।
लगभग तीन साल पहले मिस्र की अज़हर युनिवर्सिटी के पूर्व मुफ्ती व प्रोफेसर डॉ अली जुमा और मिस्र के पुरातत्व विभाग के पूर्व मंत्री डॉ ज़ाही हवास के बीच इस मामले पर काफी वाद-विवाद हो चुका है जिसे मिस्र टीवी ने कई किस्तों में प्रसारित भी किया था।

इन लेखों व चर्चाओं से लगता है कि भविष्य में हज़रत इदरीस अलैहिस्सलाम के बारे में ज्यादा सटीक और नई जानकारियां मिलेंगी !

SHARE THIS

RELATED ARTICLES

LEAVE COMMENT