इतना सारा सोना केदारनाथ मंदिर से सोना एक ब एक कहां गायब होगया जिम्मेदार कौन?

केदारनाथ मंदिर के गायब हुए सोने पर उठे सवाल!

पिछले कुछ दिनों से सर्व चर्चित आस्था के महा मंदिर केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह में लगे सोने का पीतल में बदलने का मुद्दा पूरे देश में छाया हुआ है। ऐसे में मंदिर समिति इस पर जवाब देकर बुरी तरह से फंसती जा रही है।

मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय और उनके तमाम लोग कल तक केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह में सोने की परत लगाने की बात करते थे लेकिन अब वे लिखित रूप में बता रहे हैं कि वहां पर 10 कुंटल तांबा भी लगाया गया है।
यह 10 कुंटल तांबे की बात पहली बार सामने आई है और यह तब आई है जब संतोष त्रिवेदी नाम के एक पुरोहित ने गंभीर आरोप लगाया कि सवा सौ करोड़ रुपए का सोना पीतल में बदल गया है। तो क्या सोना वास्तव में पीतल में बदलता है और यह पिघलता भी है?

आखिरकार केदारनाथ मंदिर के भीतर गर्भ गृह में लगा सोना कैसे पिघल सकता है?
क्या वास्तव में वहां सोना लगाया गया था या फिर पीतल लगाया गया था? इसके अलावा गंभीर बात यह है कि सोने के आड़ में तांबा कहां से आ गया? इन तमाम सवालों के जवाब आने बाकी हैं।

बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष और उनके कार्यकारी अधिकारी ने अभी तक संतोष त्रिवेदी से लेकर किसी अन्य के ऊपर मुकदमा नहीं किया है। जिससे पूरे देशभर में उत्तराखंड की छवि पर बट्टा लग रहा है और बाबा केदार के करोड़ों भक्त अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
उम्मीद है कि अजेंद्र अजय और उनके लोग इस बात को स्पष्ट करेंगे कि तांबा लगाने की नई कहानी कब से शुरू की गई और क्यों? अगर बाबा केदार के गर्भ गृह में 10 कुंटल तांबा लगाया गया था तो तब सोना क्यों बताया गया था?

अचानक ही कुल मिलाकर केदारनाथ मंदिर में लगाये गये करोड़ों रुपए के सोने का पीतल और तांबे में बदल जाने की बात है बड़ी दिलचस्प और सब को हैरान कर देने वाली है। इस गंभीर समस्या पर उत्तराखंड ही नही बल्कि अखंड भारत वर्ष मैं बवाल मचा हुआ है। शासन प्रशासन से गले की हड्डी बन हुआ मामला समझा जा रहा है।

एकदा जंबू द्वीपे

संवाद; पिनाकी मोरे

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