इंडियन रिपोर्टर एसोसिएशन ने लिखा प्रधानमंत्री को पत्र,प्रदेशाध्यक्ष राशिद अली ने पत्रकारों के हित में लिखा पीएम को पत्र

विशेष संवाददाता

प्रदेश अध्यक्ष राशिद अली ने पत्रकारों के हित में प्रधान मंत्री को लिखा पत्र

बहराइच

देश के सबसे बड़े पत्रकार संघ इंडियन रिपोर्टर एसोसिएशन ने पत्रकारों की समस्या के संबंध में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी को एक ज्ञापन भेजा है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राशिद अली ने प्रधानमंत्री को भेजे ज्ञापन मे लिखा है कि देश के चौथे स्तंभ पत्रकारिता को अन्य तीन स्तंभ न्यायपालिका, कार्यपालिका एव्ं विधायिका के सम्तुलय सुरक्षा प्रदान के संबंध में लिखा है।

प्रदेश अध्यक्ष ने ज्ञापन मे लिखा है कि देश की आज़ादी से लेकर अब तक प्रजातंत्र मे सरकार भले किसी की रही हो लेकिन देश की आज़ादी के बाद भी लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ की अंदेखि की गई है। जिसकी वजह से देश के पत्रकारों को तमाम तरह के उत्पिडन, अत्याचार जैसे जोखिमों से गुजरना पड़ता है।

पत्रकारों पर होते हमले हत्या और फर्जी मुकदमें जैसे मामलों के चलते चौथा स्तम्भ जर्जर सा हो चुका है। स्वतन्त्र भारत में पत्रकारों द्वारा न्याय हक, अधिकारों के लिए संविधानिक तरीके से तमाम आंदोलन और ज्ञापन आदि की प्रक्रिया अपनानी पड़ती है उसके बाद भी पत्रकारों को न तो न्याय मिल रहा है और न ही उनके हक और अधिकार ही धरातल पर अगर नज़र डालें तो जिस देश में जिस तरह लोकतंत्र के अन्य तीन स्तंभों को सभी सुविधा, सुरक्षा, मिलती हो उस भारत में लोक तंत्र के चौथे स्थान पत्रकार को सुविधा, सुरक्षा, के नाम पर शून्यता पर रखा जाना कितना उचित है ?

सोचनिय विषय है कि देश में समस्त टोल नाकों पर तीन स्तंभों को तो सुविधा ,सुरक्षा, मिलती है मगर चौथे स्थंभ मीडिया को सुविधा नहीं मिलती है! उनसे टूल टैक्स वसूल किया जाता है। जबकि मीडिया का अवागमन फ्री होना चाहिए। सोचनिय विषय यह भी है कि पत्रकारों व उनके परिवार का भरण पोषण किस तरह और कैसे होता होगा यह विषय अपने आप में एक अति महत्वपूर्ण विषय है।

जिस पर गहनता से विचार करने की आवश्यकता नहीं क्योंकि समान्यतः सर्वविदित है कि बिन सुविधा सुरक्षा के जिस तरह देश का पत्रकार सरकार और समाज के बीच आईना दिखाने की ज़िम्मेदारी निभा रहा है वह अत्यंत जोखिम भरा है, और यह भी नहीं है कि इसका सिर्फ इसी युग में जन्म हुआ हो यह तो युगों युगों से चला आ रहा है। प्रदेश अध्यक्ष राशिद अली ने आगे लिखा है कि पत्रकार दूत होता है और दूत का काम सिर्फ धर्म देश और समाज की रक्षा करना है। जो पत्रकार बाखूबी कर रहा है फिर उस पर अत्याचार क्यों, उसके अधिकारों की अंदेखि क्यों?

अगर पूर्व युगों में दैत्यों, दानवों, देवताओं, ने दूतों के साथ अपमानजनक बर्ताव और अंदेखि नहीं की फिर तो रामराज्य की सोच रखने वाली आज की भाजपा सरकार मे अंदेखीं क्यों? इन सारी समस्याओं का सरल सुलभ समाधान करते हुए लोक तंत्र के चौथे स्थान मीडिया को समानता के आधार के आधार पर अन्य तीनों स्तंभ के समान सुविधा सुरक्षा प्रदान करें ताकि वर्तमान से भी अधिक भविष्य में मीडिया राष्ट्र की सेवा, सुरक्षा करने के सुअवसर प्राप्त हो और उनकी व उनके परिवार को जरूरति सुविधा से वंचित न रहना पड़े।

ज्ञापन मे प्रदेश अध्यक्ष ने लिखा है कि अगर पत्रकार हित में अगर यह मांगे पूरी नहीं की गयी तो हम सभी पत्रकार देशभर मे 15 अगस्त स्वतन्त्रता दिवस के पर्व के बाद एक तारीख तय करके पुरे देश में एक दिवसीय मीडिया गुलामी दिवस मनाने को मजबूर होंगे जिसकी पूरी ज़िम्मेदारी भारत सरकार की होगी।

साभार: मो जहांगीर चीफ ब्यूरो

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