आर्थिक तंगी से जूझ रही फातिमा ने पहले तीनों बच्चों का घोटा गला फिर खुद को भी लगाया ठिकाने जानिए क्या है पूरा मामला?

पुणे में आर्थिक तंगी से परेशान होकर ‘फ़ातिमा बागवान’ ने पहले तीन बच्चों का गला घोंटा, फिर ख़ुद भी ख़ुदकुशी कर ली। गौर तलब हो कि सालाना हज़ारों करोड़ की ज़कात देने वाले भारतीय मुसलमानों के लिए चिंतन का विषय है कि आपकी ज़कात जाती कहाँ है जरूरतमानों तक क्यों नहीं पहुंचती?

मां ने अपने तीन बच्चों का गला दबा कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली

तीनों बच्चों का गला घोंटने के बाद मां ने रस्सी से फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। यह दिल दहला देने वाली घटना भोसरी के नूरमोहल्ला इलाके में हुई।
आत्महत्या करने वाली मां की पहचान फातिमा अकरम बागवान (28, निवासी नूरमोहल्ला, भोसरी) के रूप में हुई है; मृत बच्चों के नाम अल्फिया (9), जोया (7), जियान (6) हैं।

बागवान परिवार चार साल पहले कर्नाटक से रोजगार के सिलसिले में पुणे आया था। उसके बाद दो साल वारजे और अगले दो साल तालेगांव इलाके में फल बेचने का कारोबार किया। हालांकि, तालेगांव में कारोबार में घाटा होने के कारण वे कर्ज में डूबे हुए थे। इसलिए उन्होंने तालेगांव छोड़ने का फैसला किया। चार दिन पहले ही वे भोसरी के नूरमोहल्ला चली में किराए के मकान में रहने आए थे।

अकरम पिछले तीन दिनों से रोजगार की तलाश में था लेकिन उसे व्यवसाय और काम के लिए जगह नहीं मिल रही थी रोज़ हताश होकर घर लौट रहा था। परिवार में भुखमरी की हालत पैदा हो गई थी।
रविवार को फ़ातेमा ने अकरम को फिर से रोज़गार की तलाश में घर से बाहर भेज दिया और फिर तीनों बच्चों का गला घोंटकर खुद भी रस्सी से झूल गई!

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