आईजी जहूर जैदी को आखिर हाय कोर्ट से मिला छुटकारा क्या था पूरा मामला?जाने
आईजी ज़हूर ज़ैदी को हाई कोर्ट से मिली ज़मानत*
लखनऊ ।
बलात्कार के एक आरोपी की हिरासत में मौत के मामले में पिछले 5 साल से शिमला जेल में बंद IPS अधिकारी ज़हूर ज़ैदी को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है । हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत देते हुए तत्काल रिहाई का आदेश दिया है ।
पूरा मामला इस तरह था कि चार जुलाई 2017 को कोटखाई के एक स्कूल की छात्रा अचानक लापता हो गई। दो दिन बाद जंगल से छात्रा का शव बरामद हुआ। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म के बाद हत्या की पुष्टि हुई थी।
शिमला के तत्कालीन आईजी ज़हूर जैदी की अगुवाई में बनी एसआइटी ने केस को सुलझाने का दावा करते हुए एक स्थानीय युवक और पांच मजदूरों को गिरफ्तार किया था। इनमें एक नेपाली मूल का सूरज नामक युवक भी था। कोटखाई थाने में सूरज की संदिग्ध हालात में मौत हो गई।
मामले की जांच CBI को सौंप दी गयी
CBI जांच में ऐसे तथ्य सामने आए कि पुलिस के टॉर्चर से ही सूरज की मौत हुई थी। मामले में CBI ने IG ज़हूर जैदी, एसपीडी डब्ल्यू नेगी, ठियोग के डीएसपी मनोज जोशी, कोटखाई के पूर्व एसएचओ राजिंद्र सिंह, एएसआइ दीप चंद, हेडकांस्टेबल सूरत सिंह, मोहन लाल, रफी अली और कांस्टेबल रंजीत समेत कुल नौ लोगों को आरोपित बनाया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केस को चंडीगढ़ स्थित CBI की विशेष कोर्ट में ट्रांसफर किया गया था।