अलीशा कैसे बनी फर्जी फिरदौस परवीन?

बड़ी खबर उन्नाव से

*अलीशा कैसे बनी फर्जी फिरदौस परवीन अधिवक्ता लॉ की डिग्री में कैसे अलीशा ने अपनी फोटो लगाई*

1.सन,2017 कानपुर नगर बिल्हौर तहसील से अलीशा ने अपने आधार कार्ड, संख्या ,601690548437 में फर्जी दस्तावेजों व कूटरचित प्रमाण पत्र के माध्यम से सौतेली बहन फिरदौस परवीन उर्फ अलीशा अंसारी दो नामो को जोड़कर एक आईडी को जारी कराया।

2.सन,2016 मे हीरालाल यादव लॉ कॉलेज सरोजिनी नगर कानपुर रोड लखनऊ, अलॉटमेंट नंबर,025557/2016 की लॉ की सौतेली बहन फिरदौस परवीन की डिग्री में आधार कार्ड में अंकित दो नामो का लाभ लेकर फर्जी तरीके से अलीशा अंसारी ने अपना फोटो लगाया।

सांप मरा और लाठी भी नहीं टूटी।

उन्नाव कोर्ट के माननीय सीजेएम में दाखिल वाद के वकालतनामा और रजिस्ट्रेशन की फर्जी मोहर व पहचान पत्र अलीशा अंसारी का प्रयोग ने फर्जीवाड़े की पोल खोल दी।

एक कहावत है चोर चोरी जितना करें पर सबूत कुछ न कुछ छोड़ जाता है।
भारत सरकार से जारी पहचान पत्र व आधार कार्ड के नामो के अलग-अलग अंतर पर अलीशा अंसारी का झूठ से उठा पर्दा

1,अलीशा
2, अलीशा अंसारी और फिरदौस परवीन
बार कौंसिल से जारी लाइसेंस में फिरदौस परवीन अंकित।

1,अलीशा जिसका कार्य जेब काटना और सोने की दुकान से चोरी,अनैतिक व्यापार व देह व्यापार के अपराधिक कार्य को अंजाम देना और उन्नाव कोर्ट से झूठे वाद निर्दोषों पर 376,354
379,392 IPC के दर्ज कराना।
2, दर्ज कराए मुकदमे को वापस लेने के नाम से अलीशा अंसारी खुद ही फर्जी अधिवक्ता फिरदौस परवीन बन धन की मोटी उगाई करना।

उन्नाव कोर्ट के माननीय न्यायालय सीजेएम के दाखिल वाद में वादिनी अलीशा अंसारी बनी और बार काउंसिल उत्तर प्रदेश से लाइसेंस जारी होने के 4 माह पहले खुद ही फिरदौस परवीन अधिवक्ता बनकर वकालतनामा और रजिस्ट्रेशन,1364/2020 में फर्जी मोहर लगाई मामले से जिम्मेदार मौन।

उन्नाव कोर्ट के दाखिल वाद में वकालतनामा और मोहर में आलीशा अंसारी और फिरदौस परवीन दो नामो का इस्तेमाल जिम्मेदार कौन।
किए गए जुर्म को छुपा कर शातिर अलीशा अंसारी ने ओढा सौतेली बहन फिरदौस परवीन का नकाब।

आरोपों की जांच:

इस मामले में जांच के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

– दस्तावेजों की जांच: अलीशा अंसारी और फिरदौस परवीन द्वारा उपयोग किए गए दस्तावेजों की जांच करनी चाहिए।

मोबाइल फोन की सीडीआर: अलीशा अंसारी और फिरदौस परवीन द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे मोबाइल फोन की सीडीआर की जांच करनी चाहिए और यह पता लगाना चाहिए कि वे किन लोगों के साथ संपर्क में थीं।

गैंग में शामिल लोगों की जांच: अलीशा अंसारी और फिरदौस परवीन के गैंग में शामिल लोगों की जांच करनी चाहिए और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।

कार्यवाही का उदाहरण

उपरोक्त मामले में बार काउंसिल ऑफ इंडिया और बार काउंसिल उत्तर प्रदेश को तत्काल प्रभाव से महिला के जारी लाइसेंस को निरस्त करना चाहिए और आवश्यक कदम उठाने चाहिए। इसके अलावा, यह भी पता लगाना चाहिए कि महिला ने जारी डिग्री का किन-किन कामों में प्रयोग कर दुरुपयोग किया है।और बार काउंसिल प्रयागराज को आवेदन के समय दिए फिरदौस परवीन के सभी दस्तावेजों की गहन जांच कर आगे की कानूनी कार्रवाई अमल में लानी चाहिए। उन्नाव पुलिस अधीक्षक को उपरोक्त महिला और उसके गैंग की निष्पक्षता से गहन जांच करनी चाहिए और कठोर कानूनी कार्रवाई अमल में लानी चाहिए।

निष्कर्ष:

यह मामला बहुत गंभीर है और इसकी जांच करना आवश्यक है अलीशा अंसारी और फिरदौस परवीन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।यह मामला केवल एक महिला के अपराध व फर्जी विधिक व्यवसाय तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दर्शाता है कि कैसे कुछ शातिर लोग कानून की आड़ में अपराध करते हैं।उन्नाव पुलिस अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए और कोतवाली गंगाघाट प्रभारी को निर्देश जारी करना चाहिए कि महिला पर सुसंगत धारा में अभियोग पंजीकृत करें। साथ ही, महिला को आदेश देना चाहिए कि जब तक पूरे मामले की निष्पक्षता से जांच नहीं हो जाती,उन्नाव बार में विधिक व्यवसाय न करे।

साभार
लाइव 24 भारत व साप्ताहिक समाचार दिल्ली शहर खबर से नफीस खान की रिपोर्ट

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