अमेरिका इनका सच सामने ला रहा है तो मोदी जी की चुप्पी , क्यों?
विशेष
संवाददाता
लंगोटिया यार का वारंट
जब अमेरिका ने अडानी के गिरेबान पर हाथ रखा और मोदी चुप रहे
विशेष रिपोर्ट
अडानी को हाथ मत लगाना — वो राष्ट्र निर्माण कर रहा है
भारत की मोदी सत्ता का मौन संदेश
लेकिन अमेरिका ने यह चुप्पी नहीं ओढ़ी
उसने सीधे गौतम अडानी पर आपराधिक मुकदमा ठोक दिया
एक ऐसा वारंट जो भारत में कभी नहीं लिखा जा सकता था।
भारत में ईडी, सीबीआई, आयकर विभाग सब के सब या तो नींद में हैं या किसी डायल बटन का इंतजार कर रहे हैं या बिक चुके है।
लेकिन जब न्यूयॉर्क की एक ग्रैंड ज्यूरी ने अडानी और उनके भतीजे पर विदेशी अधिकारियों को रिश्वत देने, वायर फ्रॉड और प्रतिभूति घोटाले का मुकदमा दर्ज किया — तो अमेरिका ने वो कर दिखाया, जो भारत में पूछना भी देशद्रोह बन चुका है।
गिरफ्तारी वारंट जारी
हां, गिरफ्तारी
भाई-भाई या बॉस-सर्वेंट
मोदी-अडानी की साझेदारी सिर्फ राजनीतिक नहीं, आर्थिक, रणनीतिक और संस्थागत कब्जे का घातक मिलन है जो भारत देश को बर्बाद करके रख दिया।
रेलवे, एयरपोर्ट, बंदरगाह, रक्षा क्षेत्र — जहां भी राष्ट्रीय संपत्ति थी, वहां अडानी का झंडा लग चुका था।
और इस सबमें मोदी सरकार ने हर बार आंखें मूंद लीं।
यह सिर्फ पूंजीवाद नहीं था, यह शासन में व्यापारी का वर्चस्व था।
अमेरिका ने जो किया, वो भारत में होता तो?
अगर यही केस दिल्ली की किसी अदालत में चलता
सीबीआई अफसर का तबादला कर दिया जाता
जज का प्रमोशन रोक दिया जाता,
पत्रकार को राष्ट्र विरोधी घोषित कर जेल में डाल दिया जाता अंत में जस्टिस लोया से मिलन-मुलाक़ात तो है ही ।
लेकिन अमेरिका में न गोदी- बिकाऊ मीडिया है, न गोदी-बिकाऊ अदालत
वहां कागज़ चलता है, सबूत चलता है,अमेरिका का सख्त कानून चलता है।
मोदी की चुप्पी क्यों?
अडानी पर मामला अमेरिका में दर्ज हो चुका है
गिरफ्तारी वारंट अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत वैध है.
फिर प्रधानमंत्री मोदी एक भी शब्द क्यों नहीं बोलते?
क्योंकि ये मामला सिर्फ अडानी का नहीं, मोदी-अडानी युगल नाटक का है!
अगर अडानी गिरते हैं, तो मोदी के पूरे आर्थिक चक्र की पोल खुल जाएगी
LIC, SBI सार्वजनिक उपक्रम — जिनकी पूंजी से अडानी ने साम्राज्य खड़ा किया — सबके नुकसान का हिसाब जनता मांगेगी।
राष्ट्रवादी व्यापार का अंतरराष्ट्रीय अपमान
जो आदमी भारत में राष्ट्रीय हित
के नाम पर हर संसाधन को लूट रहा था
वही आदमी अमेरिका में घूस और धोखाधड़ी का आरोपी है।
क्या यही है आत्मनिर्भर भारत
क्या यही है न्यू इंडिया?
जब एक यार फंसे, तो दूसरा छुप जाए!
मोदी-अडानी की दोस्ती भारत के लोकतंत्र पर सबसे बड़ा बोझ बन चुकी है
अब जब अमेरिका ने सबूत और वारंट थमा दिए हैं।
तो भारत की चुप्पी और भी ज़्यादा शर्मनाक हो जाती है।
अब प्रश्न यह नहीं कि अडानी दोषी है या नहीं
अब प्रश्न यह है कि मोदी सरकार ने अब तक उसे बचाने के लिए क्या-क्या किया और क्या-क्या छुपाया?
देश; को जानना चाहिए कि जब अमेरिका सच सामने ला रहा है
तो मोदी इतने क्यों मौन है?