अब 45दिनों तक ही रहेगी सुरक्षित चुनावी फोटो, बेबकास्टिंग,वीडियो रिकार्डिंग और सी सी टीवी फुटेज

विशेष
संवाददाता

अब चुनावों के दौरान खींची गई फोटो, CCTV फुटेज, वेबकास्टिंग और वीडियो रिकॉर्डिंग सिर्फ 45 दिनों तक ही सुरक्षित रखी जाएगी। इसके बाद सारा डेटा डिलीट कर दिया जाएगा।

चुनाव आयोग (EC) ने 30 मई को सभी राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अगर किसी निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव नतीजे को कोर्ट में चुनौती नहीं दी जाती, तो 45 दिन बाद ये सारा डेटा नष्ट कर दिया जाए।

जब हम राष्ट्रीय चुनाव प्रणाली की बात करते हैं तो समझने की जरूरत है कि इसके चार पहलू हैं

▪️मतदाता/मतदाता सूची
▪️मतदान शेड्यूलिंग।
▪️मतदान के बाद की गतिविधियाँ
▪️इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन।

इन सभी प्रमुख चरणों में हेरफेर या शरारत की संभावनाएँ मौजूद हैं।

यह साबित करना असंभव है कि वे वास्तव में नहीं हुए थे। ऐसा इसलिए है क्योंकि सिस्टम के सभी घटकों तक भौतिक पहुँच केवल ECI के पास है, और एजेंसी मतदाताओं के साथ जानकारी साझा करने के लिए कम इच्छुक है।
जब दबाव डाला जाता है, तो चुनाव आयोग कहता है कि हर चीज के लिए कानून और नियम मौजट है,
जबकि भारत के चुनाव आयोग को संवैधानिक स्वायत्तता प्राप्त है, जिससे वह भारत सरकार के अंडर कार्य नहीं करता बल्कि पूरी तरह स्वतंत्र संस्था है।

भारत के चुनाव आयोग को विश्व में अलग पहचान दिलाने वाले CEC टी एन शेषन ने तत्कालीन नरसिंहराव सरकार को चेताते हुए कहा था कि :
” यह भारत सरकार का चुनाव आयोग नही है बल्कि भारत का चुनाव आयोग है ”
जबकि आज लगता है कि चुनाव आयोग पूरी तरह मोदी सरकार के कंट्रोल में है, इसकी विश्वनीयता, तटस्थता, निष्पक्षता सवालों के घेरे में है।

चोरी का नया तरीका?

अब 45 दिन तक ही स्टोर किए जाएंगे चुनावों के वीडियो फुटेज और तस्वीरें, निर्वाचन आयोग ने बदले नियम*

EVM हटाओ, बैलेट लाओ

साभार;पिनाकी मोरे

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