अगरचे खिलजी की जगह यही काम किसी गैर मुस्लिम सम्राट ने किया होता तो शायद उस के नाम कितनी मूर्ति कितनी फिल्मे और ना जाने कितने कसीदे पढ़े जाते?

एमडी डिजिटल न्यूज चैनल और प्रिन्ट मीडिया
ब्यूरो चीफ

ये वही दिल्ली की सीरी फोर्ट मिनारे हैं जिनमें
सुलतान अलाउद्दीन खिलजी ने मंगोलो की सेना के 8000 सेनिको के सिर क”टवा कर इन मिनारों की दीवार में चिनवा दिए थे।

एक अनुमान के तहत मंगोलो ने लगभग 4 करोड़ लोगो को मौत के घाट उतार दिया था। वो जहां जहां से गुजरे वहां वहां लाशों का तांडव मचा दिया करते थे। औरतो की इज्जत को तार तार कर दिया करते थे। गांव के गांव तबाह कर दिया करते थे।

इसी बीच उन्होंने भारत की जानिब रुख किया उस समय भारत पर खिलजी वंश का शासन था।
दिल्ली के सुलतान अलाउद्दीन खिलजी ने वो कर दिखाया जो उस दौर का कोई भी सुलतान या राजा नही कर पाया।
अलाउद्दीन खिलजी ने मंगोलों को एक नही दो नही बल्कि 5 बार धूल चटाई और भारत को मंगोलो की बरबरता से बचा लिया।

वरना मंगोल इस सड़े हुए समाज की बहनों की इज्जत को नोच नोच कर खा जाते। हिंदुस्तान में लाशों की तहाबी मचा देते। अफसोस इतना कुछ करने के बावजूद ये अहसान फरामोश सड़ा हुआ समाज उस सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी को गालियां देता है उल्टी सीधी कहानियां गड़ता है। इतिहास को बदला गया है।

अगर यही काम खिलजी की जगह किसी और हिन्दू सम्राट ने किया होता तो आज ना जाने कितनी मूर्ति कितनी फिल्मे और ना जाने उसके नाम के कितने कसीदे पढ़े जाते। लेकिन अफसोस कि आज असलियत को छुपा कर नया इतिहास पढ़ाया जा रहा है।ऐसे नेक मुस्लिम बादशाहों का इतिहास से उनके अच्छे किरदार का नामो निशान मिटा कर उनकी बुराई वाला इतिहास नई पीढ़ी को पढ़ाया जा रहा है और हिंदू मुस्लिम के बीच नफरते फैलाई जा रही है।

संवाद; मो अफजल इलाहाबाद

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