हमे हिंदुत्व न सिखाओ, बिना दावत के पाकिस्तान जाना, नवाज शरीफ के जन्म दिन का केक खाना,मुफ्ती मुहम्मद के साथ गठबंधन की सरकार बनाना और जिन्ना की मजार पर मत्था टेकने वाले हमे हिंदुत्व सीखा रहे हो?;उद्धव ठाकरे

इस बार शिवसेना की दशहरा रैली में उद्धव ठाकरे की हुंकार;
हमें हिंदुत्व न सिखाओ। बिना निमंत्रण जाकर नवाज शरीफ के जन्मदिन का केक खाना व मुफ्ती मोहम्मद के साथ गठबंधन कर सरकार बनानेवाले, जिन्ना की मजार पर माथा टेकने वाले हमें हिंदुत्व सिखा रहे हैं। जब5 अक्टूबर को शिवसेना की परंपरागत दशहरा रैली शिवाजी पार्क में हुई।

शिवाजी पार्क को शिवतीर्थ भी कहा जाता है और यहां पर शिवसेना हर साल दशहरे में अपनी रैली करती है जहां पर प्रदेश भर के शिवसैनिक आते हैं । शिवसेना के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय बाला साहब ठाकरे के भाषणों को सुनने लाखों की भीड़ जमा होती थी । उनके बोलने का अंदाज ऐसा था कि भाषण की बजाय वह वार्तालाप करते थे । उनके भाषण में व्यंग्य , जोश बहुत होता था ।

वही उद्धव ठाकरे को एक सरल और साधारण वक्ता माना जाता रहा है ।
उनकी छवि आक्रमक और उग्र नहीं रही है किंतु इस बात को उनके विपक्षी भी मानते हैं कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर उनका कार्यकाल शानदार रहा। उन्होंने विपरीत विचारधारा की पार्टियों में लेकर बहुत अच्छी तरह से सरकार चलाई। खासकर कोरोना काल में, तबियत खस्ता होने के बावजूद आप सब ने देश भर में पढ़ा, देखा सुना ऑक्सीजन, बेड की कमी के बारे में,
किंतु मुंबई और महाराष्ट्र में ऐसा शायद ही सुनने, देखने मिला।

शिवतीर्थ पर दशहरा रैली के लिए दोनों गुटों ने अपना जी जान लगा दिया था। अंत में उद्धव ठाकरे को यह मौका हाइकोर्ट के एक फैसले से मिला। उद्धव ठाकरे ने अपने भाषण में एकनाथ शिंदे से ज्यादा भाजपा को खरी-खोटी सुनाई पोस्ट काफी लंबी है पढ़िए:-
हर साल रावण का दहन होता है, इस बार रावण अलग है। यह दसमुखी रावण अब 50 खोके का ‘खोकासुर’ और ‘धोकासुर’ बन गया है। जिस तरह महिषासुरमर्दनी ने महिषासुर को मारा, उसी तरह ‘खोकासुर’ का भी नाश करेंगी।

रावण ने संन्यासी के भेष में सीता का हरण किया, उसी तरह बालासाहेब का नकली मुखौटा लगाकर कुछ बहुरुपिए शिवसेना को हड़पने आए हैं। क्या आप ऐसा होने देंगे?
शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे के आवाज पर पूरे शिवतीर्थ में शिवसैनिकों की जोरदार ‘नहीं’ की आवाज गूंज उठी।
शिवसेनापक्षप्रमुख ने जैसे ही यहां जुटी तमाम माताओं और बहनों से भाषण की शुरुआत की, वैसे ही पूरा शिवतीर्थ ‘जय भवानी, जय शिवाजी’ के गगनभेदी नारों से गूंज उठा।

उद्धव ठाकरे ने शिवसैनिकों को दशहरे की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह अभूतपूर्व सम्मेलन हो रहा है‌। इतनी भारी भीड़ देखकर, मैं इससे गदगद हो गया हूं। बहुत कुछ बोलना है लेकिन इस प्रेम के आगे शब्द नहीं सूझ रहे हैं। यह प्रेम खरीदा या छीना नहीं जा सकता। मुझे डॉक्टरों ने न झुकने की सलाह दी है, इसके बाद भी मैं आप लोगों के सामने नतमस्तक हुआ हूं। आप लोगों का सुरक्षा कवच मेरे साथ है। यहां उमड़ी भीड़ किराए पर नहीं आई है। यहां एक निष्ठा और पुण्य है, यही ठाकरे परिवार की कमाई है।

उन्होंने बागी विधायकों पर हमला बोलते हुए कहा कि शिवसेना के साथ जिन्होंने गद्दारी की, उन्हें गद्दार ही कहेंगे। उनके माथे पर लगा गद्दारी का धब्बा इस जन्म में नहीं पोंछा जा सकता है। मेरी सर्जरी हुई थी, तब जिन्हें जिम्मेदारी दी गई थी वे कटप्पा की तरह शिवसेना को ही काट रहे थे।
शिवसेना सत्ता में फिर से नहीं आ सकती, ऐसी बातें कही जा रही थीं लेकिन यह उद्धव नहीं बल्कि उद्धव बालासाहेब ठाकरे है। मां जगदंबा का आशीर्वाद मेरे साथ है। आपका भला हो यह मेरे तेज का श्राप है। आपको सब कुछ दिया, सांसद, विधायक, मंत्री सब बनाया लेकिन पार्टी के साथ गद्दारी की और छोड़ गए। जिन्हें कुछ नहीं दिया आज वे मेरे साथ हैं।

शिवसेनापक्षप्रमुख ने कहा कि सर्जरी के समय मेरा शरीर निश्चेष्ट पड़ा हुआ था। उस समय एक अंगुली भी नहीं हिल रही थी। ऐसे वक्त में जवाबदारी जिन ‘कटप्पा’ को दिया था, वे कटप्पा शिवसेना को ही काट रहे थे। यह फिर से खड़ा नहीं हो सकेगा। यह फिर से अपने साथ आ ही नहीं सकेगा।
लेकिन उन्हें यह पता नहीं था कि ये उद्धव ठाकरे नहीं, बल्कि उद्धव बालासाहेब ठाकरे हैं।

उन्होंने कहा कि जब शिवसेना से गद्दारी की है तो गद्दार ही कहेंगे। इन गद्दारों की गद्दारी रावण की तरह ही भस्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पीठ पर हमला किया। उसे सबक सिखाने के लिए मैंने कांग्रेस-राकांपा के साथ गठबंधन किया। ऐसे में क्या मैंने हिंदुत्व को छोड़ दिया? इसके साथ ही सीएम शिंदे पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि जब मैंने मुख्यमंत्री की शपथ ली थी, तो उन्हें भी सम्मान दिया था। साथ में मंत्री पद की शपथ भी दिलाई थी, तब आप क्यों नहीं बोले? क्या उस समय आपकी दाढ़ी, मुंह में चली गई थी?

विशाल जनसैलाब को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि जो शक्ति मां जगदंबा ने दी है, उस शक्ति से इन्होंने पंगा लिया है, भगवान उनका भला करें। उन्होंने कहा कि यह धमकी नहीं, बल्कि ये आपके तेज का श्राप है।
बाप मंत्री, बेटा सांसद, विधायक, नगरसेवक सभी दिया। जिन्हें दिया वे नाराज होकर चले गए और जिन्हें कुछ नहीं दे सका, वे अपनी ताकत के साथ आज भी हमारे साथ निष्ठा भाव से खड़े हैं। यह मेरा नसीब ही है।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेनाप्रमुख जो हमेशा कहते थे, वह मैं आज कह रहा हूं कि शिवसेना अकेले-दुकेले की नहीं, बल्कि मर्दों और एकनिष्ठ शिवसैनिकों की है। जब तक आप हमारे साथ हैं, तब तक मैं पक्षप्रमुख हूं। मुझे पक्षप्रमुख रहना है या नहीं, यह आपको ही तय करना है। एक भी निष्ठावान शिवसैनिक कहेगा `गेट आउट’, उसी समय मैं सीढ़ी से उतरकर घर चला जाऊंगा। लेकिन यह आप में से किसी को कहना पड़ेगा।

उद्धव ने कहा कि हमने कांग्रेस-राष्ट्रवादी के साथ सरकार बनाई। इसलिए हम पर हिंदुत्व छोड़ने का आरोप लगाया। भाजपा ने पीठ में छुरा घोंपा इसलिए हमने कांग्रेस-राष्ट्रवादी के साथ मिलकर सरकार बनाई।
औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव किया।
मंत्रिमंडल की बैठक में जब यह प्रस्ताव आया तो अगले ही क्षण कांग्रेस-राष्ट्रवादी ने उसको अनुमति दे दी। कांग्रेस-राष्ट्रवादी के साथ हम हिंदुत्व को ही बढ़ा रहे थे।

कांग्रेस-राष्ट्रवादी ने हमें पूरा सम्मान दिया। मेरा माइक छीनने या मेरे कान में कुछ कहने की कोशिश नहीं की। आप सत्ता के लिए कांग्रेस से मिलने गए थे, इसका खुलासा अशोक चव्हाण ने किया है। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने अपना वादा तोड़ा। देवेंद्र फडणवीस कह रहे थे, मैं फिर आऊंगा। वे आए और एक-दो दिनों में विसर्जन हो गया। अब फिर उपमुख्यमंत्री बनकर सत्ता में आए हैं। तब शिवसेना के ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री का प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया। अब ढाई साल का कार्यकाल स्वीकार है?

उद्धव ठाकरे ने कहा कि एक तरह से अच्छा हुआ कि गद्दार चले गए। हम परजीवियों को पाल रहे थे। हम उन कीड़ों को अपनी शाखाओं पर खिलाते थे। मगर वे नहीं जानते कि वृक्ष की जड़ भूमि में होती है। परजीवियों की खुद की पहचान नहीं होती। अब शरीर पर आ ही गए हैं तो उन्हें महाराष्ट्र के कोने-कोने में सींग पर लेना ही होगा। उन्हें हर चुनाव क्षेत्र में पानी पिलाना होगा।

आ गई हैं बाप चुरानेवाली औलादें।

शिवसेनापक्षप्रमुख ने कहा कि शिवाजी पार्क शिवसेना को न मिल सके, इसके लिए साजिश रची गई। कोर्ट ने न्याय दिया। कोर्ट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री कहते हैं कि अगर मैंने ध्यान दिया होता तो शिवसेना को यह मैदान नहीं मिलता।
गद्दार तो हैं ही, अब धनुष-बाण भी चाहिए, बालासाहेब भी चाहिए और शिवतीर्थ भी चाहिए, यह सब लेकर कहां जाओगे? बाप चुरानेवाली औलादें आ गई हैं!

अपने नाम के पीछे दूसरे के पिता का नाम क्यों लगा रहे हो? इतने दिनों तक याद नहीं आनेवाले आनंद दिघे अब याद आ रहे हैं। आनंद दिघे वफादार शिवसैनिक थे, जाते समय भी भगवे में गए, उन्होंने भगवा कभी नहीं छोड़ा। उद्धव ठाकरे ने कहा कि मेरा मन था कि इस सभा की बजाय उनकी सभा में जाकर नए हिंदुत्व के विचार सुनूं। ‘ईडी’ के कार्यालय में जाते ही तुरंत उनके हिंदुत्व की गागर छलकने लगती है।

शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री के हिंदुत्व पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आपका हिंदुत्व क्या है? अन्य सभी धर्मों के लोग देशद्रोही, क्या यही आपका हिंदुत्व है? या फिर कोई भी हो, वह हमारा है, यह हिंदुत्व है? भाजपा का साथ छोड़ दिया, इसका मतलब ये नहीं है कि, हमने हिंदुत्व छोड़ दिया। शिवसेना ने कभी अपना हिंदुत्व नहीं छोड़ा। माला जपना और धोती पहनना हमारा हिंदुत्व नहीं है।

हमें हिंदुत्व न सिखाओ। बिना निमंत्रण जाकर नवाज शरीफ के जन्मदिन का केक खाना व मुफ्ती मोहम्मद के साथ गठबंधन कर सरकार बनानेवाले हमें हिंदुत्व सिखा रहे हैं।
धर्म अपने घर पर रखो। घर से बाहर कदम रखा तो यह देश हमारा धर्म है। यदि कोई हमें धर्म की मस्ती सिखाएगा तो उनके सामने हम कट्टर देशाभिमानी हिंदू के तौर पर खड़े रहेंगे। केवल माला जपने से हिंदू नहीं होता।

हिंदूहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे के विचारों का हवाला देते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि आपके हाथ में माला हो और सामने आतंकवादी खड़ा हो तो राम-राम जपने से आतंकी नहीं भागेगा। उसको उसी की भाषा में जवाब देना होगा। आपके हाथ में भी स्टेनगन होनी चाहिए। कश्मीर में आतंकवादियों को मारने वाले शहीद सैनिक औरंगजेब हमारा भाई था।

हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर खुली बहस करने की चुनौती देते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि चलो एक बार सभी हिंदुत्ववादी संगठन एक मंच पर आएं। वे अपना-अपना हिंदुत्व बताएं। मैं अपने पूर्वजों से मिला हिंदुत्व बताऊंगा। शिवसेनाप्रमुख ने कहा था कि हमारा हिंदुत्व चुरकीधारी नहीं बल्कि राष्ट्रीयता से जुड़ा हुआ है। पूरी व्याख्या स्पष्ट है। कह रहे हैं विचार छोड़ दिया।
शिवसेनाप्रमुख बालासाहब ने कई बार कहा है कि जो देश से प्रेम करता है, हिंदू हो मुसलमान हो , वह हमारा है।

संवाद

वी जे शुक्ला

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