सीबीआई को लताड़ लगाने वाली जज को किस कारण हटाया गया ?
रिपोर्टर.
सोहराबुद्दीन फर्जी एनकाउंटर मामले में सुनवाई कर रही जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे को सुनवाई से हटा दिया गया है।
बतादें कि ये वही जज हैं जिन्होंने हाल ही में सीबीआई को लताड़ लगाते हुए कहा था कि जांच एजंसी अदालत की पर्याप्त सहायता नहीं कर पा रही है।
उन्होंने तीन महीने पहले इस मामले से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की थी।
तीन सप्ताह से वह इस मामले पर रोज सुनवाई कर रही थीं।
जनसत्ता की खबर के मुताबिक उनकी जगह जस्टिस एन.डब्ल्यू. साम्बरे को यह मामला सौंपा गया है।
पिछले सप्ताह (21 फरवरी) को जस्टिस रेवती ने यह भी कहा था कि सीबीआई इस मामले में आरोप-मुक्त किए गए लोगों के खिलाफ सभी सबूतों को रिकॉर्ड में रखने में नाकाम रही।
जज ने कहा था, ”आरोप लगाने वाली एजंसी का पहला कर्त्तव्य है कि वह अदालत के सामने सभी सबूत रखे, लेकिन इस मामले में अदालत की ओर से कई बार पूछे जाने के बावजूद सीबीआई ने केवल उन्हीं दो अधिकारियों की भूमिका पर जिरह की, जिन्हें दोष-मुक्त करने को उसने चुनौती दी है।”
जस्टिस रेवती ने कहा था, ”अभियोजन पक्ष के पूरे मामले को लेकर अभी भी कुछ स्पष्ट नहीं हैं क्योंकि मुझे सीबीआई की तरफ से पर्याप्त मदद नहीं मिल रही।”
अदालत ने तब सीबीआई को निर्देश देते हुए कहा था कि था कि वह इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) की धारा 164 के तहत दर्ज किए गए सभी गवाहों के बयानों की जानकारी अदालत के समक्ष पेश करे।
सोहराबुद्दीन मामले की दैनिक सुनवाई 9 फरवरी से शुरू हुई थी।
इसके बाद जब भी अदालत ने आरोप-पत्र, गवाहों के बयान, मामले से संबधित पत्र मांगे, तब-तब सीबीआई ने यही कहा कि उनके पास यह कागजात नहीं हैं।
सीबीआई की ओर से बार-बार दस्तावेज जुटाने को अदालत से वक्त मांगा गया।