सर्जिकल स्ट्राइक के फर्जी साबित होने से क्यों झल्लाई मोदी सरकार ?

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रिपोर्टर,

फ़र्ज़ी सर्जिकल स्ट्राईक   की बदनामी से बचने के लिए मोदी सरकार द्वारा

केरल में बेगुनाहों को आतंकी  बताकर   शिकार बनाया जा रहा है?

सोशल मीडिया पर सबसे अधिक मोदी भक्त फर्जी एकाउंट चला रहे हैं, उनके खिलाफ क्यों नहीं कार्रवाई करती एनआईए?

सीमा सुरक्षा में फेल मोदी सरकार आइएस के नाम पर मुस्लिम युवकों की गिरफ्तारियां कर मुद्दे को भटका रही है।

बदनामी से बचने के लिए संघ और आईबी करा सकते हैं देश में आतंकी घटनाएं।

सेना के राजनीतिक इस्तेमाल के लिए देश से माफी मांगें मोदी

गत    4 अक्टूबर 2016 को रिहाई मंच ने एनआईए द्वारा केरल से आतंकी संगठन आइएस के सदस्य बताकर 6 लोगों की गिरफ्तारी को एलओसी पर कथित सर्जिकल स्ट्राइक के दावे के फर्जी साबित हो जाने पर बदनामी से बचने के लिए किया गया नाटक करार दिया है।

मंच ने आरोप लगाया है कि एनआईए पूरी तरह आरएसएस और भाजपा के एजेंडे पर काम करते हुए बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों को आतंकी बताकर फंसा रही है।

मंच ने कहा है कि अगर आइएस जैसे संगठनों को कमजोर करना है तो सरकार बेगुनाहों को फंसाने के बजाए उन 7 भारतीय कम्पनियांे के खिलाफ कार्रवाई करे जो आइएस को आतंक के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले साजो सामान सप्लाई कर रही हैं।

रिहाई मंच द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा है कि जिस दिन से एलओसी पर किए गए कथित सर्जिकल स्ट्राइक के दावे पर वशिंग्टन पोस्ट और न्यूयाॅर्क टाइम्स जैसे विदेशी मीडिया समूहों और खुद संयुक्त राष्ट्र ने सवाल उठा दिया था।

उसी दिन यह तय हो गया था कि मोदी सरकार अपनी बदनामी से बचने और अपने मुस्लिम विरोधी हिंदू वोटरों की निगाह में बहादुर बनने के लिए बेगुनाह मुसलमानों को आतंक के आरोपों में पकड़ने का अभियान चलाएगी।

केरल में होने वाली गिरफ्तारियां इसी योजना का हिस्सा हैं।

मंच महासचिव ने आशंका व्यक्त की है कि जिस तरह पहली बार सेना के व्यक्तिगत राजनीतिक इस्तेमाल के कारण प्रधानमंत्री पद की गरिमा धूमिल हुई है और मोदी की चैतरफा आलोचना हो रही है।

उसमें मोदी सरकार के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के नेतृत्व में संघ परिवार और आईबी के गठजोड़ से आतंकी विस्फोट भी करा सकती है।

जैसा कि अक्षरधाम मंदिर, नागपुर के संघ मुख्यालय, मालेगांव, मक्का मस्जिद, समझौता एक्सप्रेस, पटना के गांधी मैदान, बोधगया और पश्चिम बंगाल के बर्धमान में पहले भी इस गठजोड़ ने किया है। जिसमें सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं।

राजीव यादव ने कहा है कि जिस तरह निजी राजनीतिक लाभ के लिए मोदी सरकार ने सेना का इस्तेमाल किया है वह शर्मनाक है। और इससे गलत परम्परा की शुरूआत हो सकती है।

जिसके लिए मोदी को देश से माफी मांगते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए।

 

रिहाई मंच प्रवक्ता शाहनवाज आलम ने कहा है कि एनआईए ने जिस तरह इन केरल के 6 युवकों मालापूरम के पी सफवान, पनूर के मनसीद, कोझीकोड के जसीम एनके, रमशाद एनके, त्रिचूर के स्वालीह मोहम्मद जो फिलहाल चेन्नई में रहते थे।

और कोयम्बटूर के अबू बशीर पर आरोप लगाया है कि वे सोशल मीडिया पर फर्जी नामों से एक्टिव थे।

वो साबित करता है कि सर्जिकल स्ट्राइक के पोल खुल जाने से घबराई मोदी सरकार ने एनआईए को इतना वक्त भी नहीं दिया कि वो कोई मजबूत झूठी कहानी गढ़ पाए।

उन्होंने कहा कि अगर फर्जी आईडी से एकाउंट चलाना अपराध है तो सबसे पहले एनआईए को मोदी और संघ के हजारों कार्यकर्ताओं को जेल भेजना चाहिए।

क्योंकि वे मोदी का फोटो लगाकर साम्प्रदायिक और संविधान विरोधी गतिविधियां संचालित करते हैं।

शाहनवाज आलम ने कहा कि केरल बहुत पहले से संघ परिवार और खुफिया-सुरक्षा  एजेंसियों के मुस्लिम विरोधी गठजोड़ के निशाने पर रहा है

जो केरल के मुस्लिम युवकों को आतंक के फर्जी आरोपों में फंसाकर केरल की अर्थव्यस्था जिसका मुख्य आधार खाड़ी देशों में रोजगार है, को तबाह करना चाहता है।

उन्होंने आरोप लगाया कि इसी साम्प्रदायिक षडयंत्र के तहत केरल से कथित तौर पर गायब बताकर 21 मुस्लिम युवकों को आइएस से  जुड़ जाने  की अफवाह भी मीडिया के जरिए आईबी ने फैलाई है।

जिसके जांच के नाम पर रोजगार के लिए बाहर जाने वालों को डराया धमकाया जा रहा है ताकि देश के आर्थिक तौर पर सबसे खुशहाल केरल के मुस्लिम समाज को कमजोर किया जा सके।

शाहनवाज आलम ने आरोप लगाया कि इसी मुस्लिम विरोधी साजिश के तहत हुई इन बेगुनाह की गिरफ्तारी  में भी मुख्य सरगना मनसीद को बताया गया है जो कतर में रोजगार करता था और पिछले शुक्रवार को ही छुट्टी लेकर घरेलू काम से भारत लौटा था।

उन का आरोप  है कि खाड़ी देश में काम करने वाले पर आइएस का मास्टरमाइंड और भारत के अंदर हमलों की साजिश रचने का आरोप लगाकर मोदी सरकार मुसलमानों के आर्थिक आधार को ध्वस्त करने के संघी मंसूबे को पूरा करना चाहती है।

उन्होंने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों में  एक सफवान एसडीपीआई से जुड़ा था।

जिस एसडीपीआई ने संघ परिवार और भाजपा के साम्प्रदायिक और देश विरोधी एजेंडे को बेनकाब करने के लिए लम्बा जनजागरूकता अभियान चला रही है।

उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार संघ विरोधी कार्यकर्ताओं को फर्जी आरोपों में फंसाकर संघ विरोधियों को चेतावनी देना चाहती है।

इसलिए इन गिरफ्तारियों के खिलाफ गैर भाजपा दलों को भी मुखर होना चाहिए।

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