सब को ALERT होने की ज़रूरत है इस समय ATM से पैसे निकालना है बड़ा खतरनाक ! जानें क्या है खतरा ?

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रिपोर्टर.

दुनिया के 150 देशों में रेनसमवेयर साइबर हमले का असर देखा जा रहा है।

और आज इसके चलते देश भर में ATM सेवाओं को भी रोक दिया गया है. अभी-अभी आई खबरों के मुताबिक कई बैंकों, फाइनेंशियल संस्थाओं ने एहतियातन ATM सर्विसेज बंद कर दी हैं.
हालांकि कई जगह अभी भी एटीएम चल रहे हैं लेकिन जहां-जहां एटीएम सेवाओं को रोका गया है वहां लोगों में घबराहट है!
जहां भारत सरकार ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कदम उठाए हैं वहीं आरबीआई ने बैंकों को तब तक एटीएम नेटवर्क ऑपरेट करने से इंकार किया है.
जब तक इस रैनसमवेयर वायरस के खिलाफ वो विंडोज को अपडेट नहीं कर लेते.
RBI ने सुझाव दिया है कि जब तक इस वायरस के खिलाफ सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं हो जाता तब तक एटीएम सेवाओं को रोक दिया जाए.
भारत सरकार ने इंटरनेट पर इसके लिए वेबिनार भी आयोजित किया है जिसके जरिए लोगों को वानाक्राई रैनसमवेयर के प्रति जागरूक किया जा रहा है कि और बताया जा रहा है कि लोग अपने डिवाइस इस बग से कैसे सुरक्षित रख सकते हैं।
आरबीआई का ये सुझाव इसलिए भी अहम है क्योंकि देश के 2.25 लाख एटीएम में से करीब 60 फीसदी एटीएम विंडोज के आउटडेटेड वर्जन पर चल रहे हैं।
माइक्रोसॉफ्ट ने इसी बग के हमले से बचने के लिए एक खास अपडेट जारी किया है
और बैंकों को कहा है कि सिस्टम अपडेट करने के बाद ही एटीएम को दोबारा चालू करें.
हालांकि देश के बैंक और एटीएम ऑपरेटर्स लोगों को भरोसा दिला रहे हैं कि एटीएम का इस्तेमाल करने में कोई दिक्कत नहीं है क्योंकि एटीएम मशीन में ग्राहक का कोई डेटा सेफ नहीं होता है।
150 देशों में 2 लाख से ज्यादा कंप्यूटर को अपने चपेट में लेने वाला रेनसमवेयर वायरस भारत में भी आ गया है और आंध्र प्रदेश पुलिस के करीब 100 सिस्टम इससे प्रभावित हुए हैं!
आंध्र प्रदेश पुलिस के 102 सिस्टम रैंसमवेयर से संक्रमित पाए गए, खासकर वे जिनमें विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग किया जा रहा था.
भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम ने इस साइबर हमले की पुष्टि की है. अभी तक आंध्र प्रदेश के 100 पुलिस स्टेशन, 4 मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां, 2 रिटेलर, 2 बैंक और कुछ अन्य कंपनियां इससे प्रभावित हुई हैं.
इस अटैक से बचने के लिए देश की सबसे बड़ी साइबर सुरक्षा एजेंसी सर्ट इन ने क्रिटिकल अलर्ट जारी किया है
रेनसमवेयर साइबर अटैक है जो यूजर के कंप्यूटर या स्मार्टफोन पर पूरी तरह कंट्रोल कर लेता है और इसके बाद ये वायरस यूजर से पेमेंट की डिमांड करता है.
इस वायरस में अटैकर्स डिवाइस (स्मार्टफोन या कंप्यूटर) में कई नुकसान पहुंचाने वाले सॉफ्टवेयर बिना आपको जानकारी हुए डाउनलोड कर देता है.
और इसके जरिए यूजर की जानकारी और डेटा इंक्रीप्ट कर देता है. इसके बाद हैकर यूजर को फाइल और डेटा एक्सेस ब्लॉक करने की धमकी देता है और ऐसा ना करने के बदले यूजर से बतौर फीस 0.3 से 1 बिटक्वाइन तक की मांग करता है.
जिसकी कीमत 400 यूरो से लेकर 1375 यूरो तक होती है.
बिटक्वाइन एक तरह की करेंसी है जो ज्यादातर यूरोपी देशों और अमेरिका में चलती है.
आपको बता दें कि बिटक्वाइन वर्चुअल करेंसी है जो डिजिटल ट्रांजेक्शन में इस्तेमाल होती है.

रैनसमवेयर के खतरे से बचने के लिए तुरंत अपनी फाइलों का बैकअप लें और संदिग्ध ई-मेल्स से सावधान रहें.
साथ ही वेबसाइट्स और एप्स से सावधान रहें. कंप्यूटर में एंटीवाइरस का इस्तेमाल करें और अपना कंप्यूटर अपडेट रखें. सबसे अहम ये कि हैक होने के बाद कभी फिरौती ना दें..!

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