सड़क खुदाई में कहाँ से आये इतने सब नर मुंड व कंकाल ?

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रिपोर्टर.

हरदोई-शाहजहांपुर रोड पर चल रही खुदाई में नर कंकाल निकलने से हड़कम्प मच गया है?

बड़ी मात्रा में निकलीं मानव खोपड़ी और शरीर के दूसरे हिस्सों की हड्डियों से पूरे इलाके में सनसनी मचा दी!

कंकाल को देख कर वहां काम करने वाले भी सहम गए, मजदूरों ने काम छोड़ दिया है। आसपास के लोगों का मजमा लग गया।

हरदोई से शाहजहांपुर के बीच सड़क को फोर लेन बनाने का काम चल रहा है। शनिवार को खुदाई का काम चल रहा था।

कौढ़ा गांव के पास एक ऊंचे टीले की पोकलैंड की मदद से खुदाई में अचानक नर कंकाल निकलने शुरू हो गए।

वहां काम कर रहे मजदूर भाग खड़े हुए। मजदूरों ने इसकी सूचना सुपरवाईजर को दी।

टीले के ऊपर रहने वाले एक साधू ने खोपड़ियों व हड्डियों को इकटठा कर वहां से हटाया।

मजदूरों ने बताया कि काफी मात्रा में हड्डियों को मिट्टी के साथ ही वहां से दूसरी जगह फेंक दिया गया!

टीले से बरामद कंकाल से गांव के लोग दहशत में है!

कौढ़ा गांव के पास मिले नर कंकालों व नरमुंडों ने हर तरफ सनसनी मचा रखी है।

आखिर वहां इतनी भारी मात्रा में कंकाल व नरमुंड कहां से आए, इसे लेकर हर कोई पसोपेश में है।

गांव के लोग किसी अनहोनी को लेकर आशंकित है। गांव वालों इसे अलग-अलग नजरिए से देख रहे हैं।

शनिवार की दोपहर बाद सामने आई इस खबर से न सिर्फ कौढ़ा बल्कि आसपास के गांव के लोगों में भी हैरानी है।

गांव के लोग काफी सहमे हुए हैं। उन्हें  ये समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर खुदाई में मिले यह नरकंकाल व नरमुंड यहां कैसे पहुंचे?

मौके पर मौजूद गांव के बुजुर्ग राम सहाय ने बताया कि उनकी जानकारी में यह नहीं है कि आखिर इस जगह पर कंकाल के पीछे क्या हकीकत हो सकती है?

उन्होंने बताया कि हो सकता है कि टीला में पहले कभी कब्रिस्तान रहा होगा!

लेकिन बचपन से अब तक उन्होंने वहां किसी को दफन होते नहीं देखा है।

खुद जहां पर टीला है, वहां  रहने वाले साधू छेदा साहब ने बताया कि वह पिछले 40 साल से वहां  रह रहे हैं, लेकिन उसके सामने कभी ऐसी बात सामने नहीं आई।

 

गौरतलब हो क़ि सड़क   को चौड़ा करने के लिए रास्ते में पड़े उस टीले का काफी हिस्सा खोद डाला गया है।

अब भी टीले की ऊंचाई काफी ज्यादा है। टीले की खुदाई से उसकी काफी ऊंची दीवार बन गई है।

दीवारों में कई जगह  ईंटों की दीवारें दिख रही हैं। माना जा रहा है कि वहां कभी आबादी रही होगी, जो काफी पहले वहीं जमींदोज हो गई। आबादी के पास ही कब्रिस्तान रहा होगा,?

वक्त के थपेड़ों से वह इलाका गुमनाम हो गया। लोग भी उससे बेखबर हो गए। अब जबकि वहां पर खुदाई चल रही है ऐसे में कयास ये लगाये जा रहे है क़ि  शायद पहले का दबा हुआ राज  खुलते जा रहा है और सबके अब सामने आ रहा है ?

 

 

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