वह तो कोसो दूर चले गए अब उनकी याद बाकी है इसलिए सिर्फ दीपावली पर शांति के दिए जलाना बाकी रह गया!
रिपोर्टर.
ये जकिया जाफरी जी है हो सकता है आप शायद भूल गए हो क्या?
लेकिन ये वो ही है जिनके पति अहसान जाफरी साहब को 2002 के दंगाईयो ने जिन्दा जला दिया था।
और ये आज शांति का दिया जला रही है।
वैसे नफरती चिंटुओ को ये सिर्फ दिखावा लगेगा लेकिन ये वास्तविक हिंदुस्तान है जिसे दुनिया जानती है!
आपकी आँखों में ये दिए चुभते रहेंगे जबतक आप जियोगे दंगाईयो और ये जो हिंदुस्तानियत है !
ये हमेशा बरकरार रहेगी लेकिन आप जैसे दंगाई नहीं रहेंगे।
प्यार की दीवाली, शांति की दीवाली,भाईचारे की दीवाली,और जकिया माँ की दीवाली आप सबको मुबारक हो !