ये कैसी है पाबंदी बावजूद रोकथाम नहीं?

संवाददाता

पाबंदी के बावजूद, रोकथाम ढाक के तीन पात.

जब से देश में चीनी मांझा आया है,तब से लोगो व पक्षियों के गला कटने और जख्मी होने की घटनाएं बढ़ गई हैं।इन मासूम पक्षियों के बारे में तो हम सोचते ही नही हां बस लोगो के बारे में सोचते ज़रूर है जबकि पक्षियों में भी जान होती है बल्कि यह जो ‘मौत की डोर’ पिछले कई वर्षों से लोगों के लिए काल बनी हुई है।इसकी रोकथाम पर नतीजा ‘ढाक के तीन पात’ वाला है।

इस जानलेवा डोर से जब भी कोई घटना घटती है,जनता के प्रति जिम्मेदार खेद प्रकट करते है और चीनी मांझे को लेकर कड़े निर्देश भी देते हैं। केवल दुख और खेद जताने से समस्या का अंत नहीं होने वाला है। चीनी मांझे की तरह जो भी खतरनाक और जानलेवा चीजें हैं, उनका आयात पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए।

जब ऐसी खतरनाक जानलेवा चीज हमारे देश में आएंगी ही नहीं, तो ऐसे दुखद हादसे भी नहीं होंगे।

इससे ज्यादा हास्यास्पद बात क्या हो सकती है कि इस डोर के आयात पर तो प्रतिबंध नहीं लगाया जाता है, मगर दुकानों में बिक्री पर प्रतिबंध है।इस डोर के कारण होने वाले हादसों से सबक लेते हुए, केंद्र सरकार चीनी मांजों को प्रतिबंधित सूची में रख कर,इसके आयात पर ही रोक लगा दे। इससे समस्या का निवारण हो जाएगा ओर लोगो की जान भी बच जाएगी।

साभार;तस्लीम अहमद

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