यह खबर उन गलतियों के मद्देनजर पोस्ट की जा रही है जो हमारे द्वारा बीते 2014में हो चुकी थी इस लिए हमे बेहद ही अफसोस है!
संवाददाता
सिवानी वर्मा
प्रिय डॉ. महमोहन सिंह सर जी
यह पोस्ट उन गलतियों के लिए खेद व्यक्त करने के लिए है जो हमने 2014 में की थीं।
हमने एक मीम बनाया, अपने पोस्ट के जरिए आपको बदनाम किया क्योंकि बिकाऊ न्यूज चैनल ने आपको सबसे भ्रष्ट और सबसे कमजोर पीएम के रूप में दिखाया था, जिससे हम अंधे हो गए थे।
अपमान करने के बावजूद आपने हममें से किसी को गिरफ्तार नहीं किया और न ही भारत के आम लोगों के खिलाफ आवाज उठाई।
कई न्यूज चैनलों के फर्जी न्यूज़ और संघी पिल्ला अन्ना हजारे की फर्जी क्रांति से हम इतने अंधे हो गए कि हम पूरी तरह से भूल गए कि आपने जो किए थे:-
उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की स्थापना करके भारत को 1991 के आर्थिक संकट से बचाना। विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) 2005, जिसने आईटी कंपनियों के विकास को गति दी।
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005, जिसने सरकारी संस्थानों में पारदर्शिता को बढ़ावा दिया।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) 2005, जो गरीबों को आजीविका, भरण-पोषण और रोजगार प्रदान करता है।
भारत-अमेरिका परमाणु समझौते 2008 पर हस्ताक्षर, जिसने भारत को सबसे मजबूत परमाणु देश में से एक बना दिया।
आपने 2012 में भारत से पोलियो-महामारी को समाप्त किया।
2006-2007 में भारत ने 10.08% की उच्चतम सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि हासिल की।
फिर से भारत को बदनाम 2008 विश्व आर्थिक अपस्फीति से बचाया।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 जिसका उद्देश्य सभी को मुफ्त और अनिवार्य प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करना है।
आपने 27 करोड़ भारतीयों को गरीबी से बाहर निकाला।
भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तक पहुंचाया।
-यह आपके द्वारा हम भारतीयों के लिए की गई उपलब्धियों की कुछ संख्या मात्र है।
बदले में हमने आपको वोट नहीं दिया और अब तक के इतिहास की सबसे संगठित रूप से भ्रष्ट और देश की लुटेरी पार्टी को दो बार वोट दिया। एक बड़ी भूप हो गई जिसकी वजह से पूरी गरी जनता आज हैरान वो परेशान ही नही पीड़ित चल रही है।
और अब हमें एहसास हुआ कि हमारा भारत इस समय बहुत बड़े सांप्रदायिक और आर्थिक संकट से बुरी तरह पीड़ित है।
देश का हरामखोर और देश का गद्दार मीडिया पूरी तरह से बिक गया है, हमारे लोकतंत्र के सभी स्तंभ अस्थिर हो गए हैं।
हम आम लोगों के लिए आजादी की लड़ाई से अर्जित कोई अधिकार नहीं बचा है।
हमने गलती की है सर, इससे हमारी गलती की माफी नहीं हो जाती ! दो बारा ऐसी गलती न हो यही हम अब सोचने लगे है। इस लिए प्रिय मनमोहन सिंह
-एक बार फिर से हमे क्षमा करें सर!