महज दिखावा ,नाटक कर दलितों की बस्तियों की खाक छानने और खाना खाने के मिशन से क्या दलित समाज खुश होकर बीजेपी को साथ देंगा ?

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रिपोर्टर.

उत्तर प्रदेश सरकार में योगी कैबिनेट की मंत्री अनुपमा जयसवाल ने कहा कि ‘हम दलितों के घरों में रात गुज़ार रहे हैं,
जहां मच्छर काटते हैं लेकिन मजबूरी में हमे वहां जाना पड़ रहा है।

प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी द्वारा दलितों की बस्तियों में रात गुज़ारने और उनके घर खाना खाने के चल रहे अभियान के दौरान बीजेपी नेताओं के विवादित बयानों की लिस्ट लंबी होती जा रही है।

ताज़ा मामला उत्तर प्रदेश की बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जयसवाल का है, अनुपमा ने शुक्रवार को कहा कि ‘पूरी रात मच्छर काटने के बावजूद’ वे दलितों के घर जाती हैं ताकि उन्हें सरकारी सुविधाओं का लाभ मिल सके’।

उन्होंने कहा कि मंत्रियों के दौरों से दलितों को शांति मिलती है, योगी की मंत्री ने कहा कि पहली बार युवाओं, महिलाओं और आम लोगों के लिए सरकार बनाई गई है, हमने समाज के हर वर्ग को ऊपर उठाने के लिए योजनाएं शुरू कीं हैं और इसके लिए हर मंत्री काफ़ी मेहनत कर रहा है, हम दलितों के घरों में रात गुज़ार रहे हैं, जहां मच्छर काटते हैं लेकिन मजबूरी में हम वहां रात गुज़ार रहे हैं”
इस बीच विपक्षी पार्टी ने बीजेपी द्वारा दलितों के घर और बस्तियों में जाने को केवल एक ड्रामा बताया है।

अनुपमा जयसवाल के बयान पर समाजवादी पार्टी के नेता सीपी राय ने कहा है कि “हम उनका (बीजेपी) नाटक लंबे समय से देख रहे हैं, दलितों के घर खाने से बेहतर है कि उन्हें पौष्टिक खाना, बेहतर शिक्षा और अच्छी ज़िंदगी दी जाएगी, लेकिन बीजेपी की दिलचस्पी सिर्फ नाटक में है”
आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने दलितों के घर खाने को लेकर बीजेपी नेताओं को फटकार लगाई है।

भारत की राजधानी दिल्ली में आरएसएस और वीएचपी नेताओं की बैठक में उन्होंने इसे ‘ड्रामा’ बताया और कहा कि जाति व्यवस्था से छुटकारा पाने के लिए समाज के कमज़ोर वर्ग के साथ बातचीत करनी चाहिए।

ज्ञात रहे कि कुछ दिन पहले यूपी कैबिनेट मिनिस्टर राजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा था कि दलितों के घर जाकर बीजेपी उनका उद्धार कर रही है, वहीं केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा था कि वे भगवान राम नहीं हैं जो दलितों को पवित्र कर दें।

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