बेहद अफसोस है कि जिसको पहुंचाना था हवालात में उसको घूसखोरो ने बना डाला नेता

संवाददाता

संजय आजाद की धधकती कलम से-

मुख्यमंत्री जी ,

जिसे पहुंचाना चाहिए था जेल।उसे घूसखोर नौकरशाहों ने बना दिया नेता।
जांच की फाईल गई तेल लेने।

जरा ग़ौर से देखिए लाल गोले के अंदर हिटलरशाही अंदाज़ में खड़े इस शख्स को।जी हां , ये है सोहन लाल वर्मा जो कि फर्जीवाड़े के तहत पहले शिक्षक बना । उसके बाद जब इसकी नियुक्ति के संबंध में मेरे द्वारा शिक्षा विभाग में शिकायत दर्ज कराई गई तो आनन-फानन में बन बैठा कथित शिक्षक संघ का तथाकथित नेता!

जहां ” हिन्दुस्तान ” का ख़बरनवीस अपना ज़मीर गिरवी रखकर सोहन लाल जैसे भ्रष्टों को हीरो बना रहा है तो वहीं ईमानदार कलम-कैमरे की साख को बट्टा भी लगा रहा है।

जी हां , बताते चलें कि सोहन लाल ने हाईकोर्ट लखनऊ को गुमराह करते हुए बाकायदा शिक्षा विभाग के पूर्व के भ्रष्ट नौकरशाहों की मिलीभगत से ऐन-केन-प्रकारेन अपने को नियुक्त तो करवा लिया लेकिन इसे शायद ये नहीं मालूम कि इस भ्रष्टाचारी कथित शिक्षक को एक न एक दिन जेल की सलाखों के पीछे जाने से कोई भी माई का लाल रोक नहींं पाएगा ।

ज्ञातव्य हो कि हमारी शिकायतों का संज्ञान लेते हुए शासन स्तर से इसकी और इसके साथ एक अन्य की नियुक्ति को लेकर गत वर्ष दिनांक 6 मार्च, 2023 को माध्यमिक शिक्षा निदेशक, उ०प्र० को जांच संबंधी पत्र तो जारी कर दिया गया किंतु लगता है सोहन लाल की सत्ता के गलियारों में ऊंची पहुंच के चलते शासन और निदेशक महेंद्र देव दोनों को कुंभकर्णीय नींद में सुला दिया गया!

ऐसे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस की नीति का पलीता शासन में उनकी नाक के नीचे बैठे अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार से लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशक महेंद्र देव जैसे दुष्टों की सरपरस्ती में किस कदर लगाया जा रहा है इसका अंदाज़ा बख़ूबी लगाया जा सकता है।

जानकारी में यह भी आया है कि उत्तर प्रदेश सूचना आयोग के तत्कालीन महाभ्रष्ट महामूर्ख कक्ष सं० 8 में बैठकर तानाशाही अंदाज़-ए-बयां करने वाले प्रमोद कुमार तिवारी सूचना आयुक्त ने भी हमारी शिकायत का निस्तारण करने के एवज में इस फर्जी शिक्षक से वृहद स्तर पर घूस ली थी। बहराल अविधिक रूप से निस्तारित की गई उस शिकायत को पुनर्स्थापित करवाया जाएगा।

विदित हो सोहन लाल वर्मा जिसकी फर्जीवाड़े के तहत नियुक्ति की जांच-पड़ताल यदि शासनादेश के अनुपालन में शिक्षा निदेशक महेंद्र देव ने उसी दौरान कर ली होती तो निश्चित रूप से इसकी षड्यंत्रकारी पेशबंदी के तहत की जा रही कथित शिक्षक संघ की नेतागिरी का भूत उसी समय उतर गया होता।

हद तो तब पार होते दिखाई दे रही है जब हिन्दुस्तान का ख़बरनवीस अपने कैमरामैन के साथ सोहन लाल वर्मा जैसे भ्रष्टों की फोटो छापकर उसे हीरो बनाने की फिराक में एक ओर खुद का ज़मीर तो बेंच ही रहा है साथ में ईमानदार कलम और कैमरे की साख को भी बट्टा लगाने से चूक नहीं रहा है।

फिलहाल योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति पर ऐसे सवाल तो लगना तय ही हैं ।

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