बायोडीजल ड्राइवेथॉन “एक हरित पहल”, भारत में यूज्ड कुकिंग ऑयल्स (यूसीओ) का कलेक्शन मैकेनिज्म कानून जरूरी !

IMG-20170707-WA0167

मुंबई/पुणे. रिपोर्टर.
बायोडीजल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (बीडीएआई), बायोडीजल उद्योग का प्रतिनिधित्व करने वाला एक गैर-लाभकारी राष्ट्रीय संगठन, ने आज मुंबई से पुणे के लिए “बायोडीजल ड्राइवेथॉन” (बायोडीजल कार रैली के तौर पर एक जागरुकता अभियान) को हरी झंडी दिखाई। महाराष्ट्र सरकार में सहकारिता, कपड़ा और विपणन विभाग में कैबनेट मंत्री श्री सुभाष सुरेशचंद्र देशमुख ने बायोडीजल ड्राइवेथॉन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान 50 बायोडीजल ब्लेंडेड पर्यावरण-मित्र कारें मुंबई से पुणे के लिए रवाना हुईं।

बीडीएआई की ओर से इस अनूठी हरित पहल के जरिए यूज्ड कुकिंग ऑयल्स (यूसीओ) के शरीर पर होने वाले हानिकारक प्रभावों की ओर ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की गई है। यह भी बताने की कोशिश की गई कि यूसीओ बायोडीजल के लिए एक स्वदेशी फीडस्टॉक है, जो 4 मिलियन टन क्षमता के साथ ही रोजगार के 10 लाख अवसर पैदा कर सकता है।

भारत में सालाना 22 मिलियन टन वनस्पति तेलों का इस्तेमाल होता है। इससे 3-4 मिलियन टन यूसीओ पैदा होता है, जो फिर से हमारी आहार शृंखला में जगह बनाता है। यूज्ड कुकिंग ऑयल्स (यूसीओ) एक प्रमुख स्वास्थ्य समस्या के रूप में भी सामने आ रहा है, जिसकी वजह से मोटापा, दिल की बीमारी और कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। यूसीओ से स्वास्थ्य को पहुंचने वाले नुकसान के प्रति ग्राहकों में जागरुकता बेहद जरूरी है। पार्टिकुलेट एमिशन लेवल को कम करने के लिए बायोडीजल ही सबसे कारगर तरीका है।

बीडीएआई यूज्ड कुकिंग ऑयल (यूसीओ) पर राष्ट्रीय नीति बनाने की मांग करता रहा है। इसके जरिए यह सुनिश्चित होना चाहिए कि सभी प्रमुख वनस्पति तेलों के उपभोक्ताओं की पहचान की जाए और सामग्री में संतुलन बनाया जाए।

इस हरित पहल पर बात करते हुए, बीडीएआई के अध्यक्ष श्री संदीप चतुर्वेदी ने कहा, “जागरुकता की कमी की वजह से समानांतर यूसीओ मार्केट खड़ा हो गया है, जो इसे खाद्य शृंखला में लीक कर रहा है। राष्ट्रीय कानून के सहयोग और लोगों की व्यापक भागीदारी से ही इस साझा चुनौती का सामना किया जा सकता है। सबसे पहले और महत्वपूर्ण, यूसीओ को सिर्फ अधिकृत कलेक्शन एजेंसी को ही बेचा जाए, इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि यूसीओ हमारी खाद्य शृंखला से बाहर ही रहे।”

श्री चतुर्वेदी ने यह भी कहा, “बीडीएआई ने सरकार को सुझाव दिया है कि बायोडीजल उद्योग के लिए एक राष्ट्रीय नीति बनाई जाए ताकि सभी संबंधित पक्षों के हितों को सुरक्षित किया जा सके। इससे देश में 4 मिलियन टन बायोडीजल में निवेश करने का मौका उपलब्ध होगा। बायोडीजल की प्रोसेसिंग में रोजगार के 36,000 प्रत्यक्ष अवसर पैदा होगे। साथ ही यूसीओ कलेक्शन इंफ्रास्ट्रक्चर में करीब 10 लाख रोजगार अवसरों का सृजन होगा।”

बायोडीजल के उत्पादन में सबसे ज्यादा 85 से 90 प्रतिशत लागत ऑयल फीडस्टॉक पर ही आती है। खराब वनस्पति तेलों का बायोडीजल फीडस्टॉक के तौर पर इस्तेमाल बायोडीजल की अर्थव्यवस्था में व्यापक सुधार लाएगा।

रेस्त्रां को खराब खाद्य तेल को किसी खास स्थान पर नष्ट करने के लिए परिवहन पर पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा। सीवेज ट्रीटमेंट में शामिल नगर निगमों को भी सीवेज ट्रीटमेंट पर कम खर्च करना होगा क्योंकि सीवेज में लिपिड कंटेंट की मात्रा कम हो जाएगी। इस वजह से, खराब खाद्य तेलों को रिसाइकल कर बायोडीजल का उत्पादन करने से वेस्ट ट्रीटमेंट की लागत भी कम हो जाएगी।

इस तरह बायोडीजल के उत्पादन में यूसीओ के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए उचित व्यवस्था और कानून लाने से परंपरागत ईंधन की जगह पर हरित और स्वच्छ ईंधन का इस्तेमाल करने में मदद मिलेगी।

बायोडीजल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के बारे में… 

बायोडीजल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (बीडीएआई) एक गैर-लाभकारी राष्ट्रीय संगठन है, जो बायोफ्यूल सेक्टर का प्रतिनिधित्व करता है। यह संगठन भारत में बायोडीजल इंडस्ट्री के लिए विपणन, शोध और विकास के कार्यों में समन्वय भी करता है। इसके जरिए बायोफ्यूल, खासकर बायोडीजल के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाता है।

यह सुनिश्चित किया जाता है कि टिकाऊ कृषि विकास, ग्रामीण विकास, ऊर्जा सुरक्षा और लोगों को संपूर्ण पर्यावरण सुरक्षा के लिए समान अवसर उपलब्ध कराए जाए।

बीडीएआई एक समग्र औद्योगिक संगठन के तौर पर विकसित हो रहा है, जो उद्योग, सरकार और शिक्षाविदों के साथ समन्वय स्थापित करता है और उनसे व्यापक मुद्दों पर चर्चा करता है। बीडीएआई के सदस्यों में किसान/किसान समितियां, नेशनल फीडस्टॉक और फीडस्टॉक प्रोसेसर संगठन, बायोडीजल सप्लायर, फ्यूल मार्केटर्स और वितरक के साथ ही तकनीक उपलब्ध कराने वाले भी शामिल हैं।

SHARE THIS

RELATED ARTICLES

LEAVE COMMENT