बहु संख्यक वर्ग अल्प संख्यक से नफरत करता आया है अंग्रेजो से पहले मुगल शासकों से विद्रोह क्यों नही किया गया?ये भी एक यक्ष सवाल

विशेष संवाददाता एवं ब्यूरो

लेखक ✒️डॉ० हीरालाल यादव (पीएचडी इतिहास)
बधाई के पात्र है

आप सभी बहनों एवं भाइयों से अनुरोध है कि दो मिनट का टाइम निकाल कर ये पोस्ट जरूर पढें :-

बहु संख्यक वर्ग अल्प संख्यक से नफ़रत करता आया है तो अंग्रेजो से पहले मुगल शासक को से विद्रोह क्यों नहीं किया गया था वो भी एक सवाल है?
अंग्रेजो की भागला पाङो राज़ करो की नीति थी तो फीर 4 % ब्राह्मणों के नेतृत्व में मुस्लिम राजाओ,क्षत्रिय राजाओ और आदिवासी राजा तात्या टोपे ने मील कर अंग्रेज के सामने विद्रोह क्यों किया वो एक बड़ा सवाल है?

1857 के बाद 4 % ब्राह्मणों ने 96 % जनता को अंग्रेज के सामने उकसा कर ख़ुद माफ़ी नामा लिखा और भगत सिंह और मुस्लिम जैसे क्रांतिकारीयो को बलि चढ़बाई?
शूद्र = 𝕆𝔹ℂ
अछूत = 𝕊ℂ, 𝕊𝕋

अंग्रेजों ने भारत पर 𝟙𝟝𝟘 वर्षों तक राज किया। ब्राह्मणों ने उनको भगाने के लिए हथियार बन्द आंदोलन क्यों चलाया ?
जबकि भारत पर सबसे पहले हमला मुस्लिम शासक मीर कासिम ने 𝟟𝟙𝟚 ई. में किया।
उसके बाद
महमूद गजनबी,
मुहम्मद गौरी,
चंगेज खान ने हमला किया और फि कुतुबदीन ऐबक,
गुलाम वंश, तुगलक वंश, खिल्जी वंश,लोदी वंश
फिर मुगल शासक।

ये मुसलमान नहीं थे, मुग़ल एक रेस या वंश का नाम है। आदि वंशों ने भारत पर राज किया और खूब अत्याचार किये लेकिन ब्राह्मणों ने कोई क्रांति या आंदोलन नही चलाया।

फिर अंग्रेजो के खिलाफ़ ही क्यो क्रांति कर दी ?
जानिये क्रांति और स्वतंत्रता आंदोलन की वजह :

𝟙. अंग्रेजो ने 𝟙𝟟𝟡𝟝 में अधिनयम 11 द्वारा
शुद्रों को सम्पत्ति रखने का अधिकार कानून बनाया।

𝟚. 𝟙𝟟𝟟𝟛 में ईस्ट इंडिया कम्पनी ने रेगुलेटिग एक्ट पास किया। जिसमें न्याय व्यवस्था समानता पर आधारित थी , 𝟞 मई 𝟙𝟟𝟟𝟝 को इसी कानून द्वारा बंगाल के सामन्त ब्राह्मण
नन्द कुमार देव को फांसी हुई थी ।
𝟛.𝟙𝟠𝟘𝟜 अधिनियम 3 द्वारा कन्या भ्रूण हत्या पर रोक अंग्रेजों ने लगाई। लडकियों के पैदा होते ही तालु में अफीम चिपकाकर, माँ के स्तन पर धतूरे का लेप लगाकर, या ज़मीन मे गढ्ढा बनाकर उसमें दूध भरकर डुबो कर मार दिया जाता था ?
𝟜. 𝟙𝟠𝟙𝟛 में ब्रिटिश सरकार ने कानून बनाकर शिक्षा ग्रहण करने का सभी जातियों और धर्मों के लोगों को अधिकार दिया ।
𝟝. 𝟙𝟠𝟙𝟛 में ने दास प्रथा का अंत कानून बनाकर किया ।

𝟞. 𝟙𝟠𝟙𝟟 में समान नागरिक संहिता कानून बनाया। 𝟙𝟠𝟙𝟟 के पहले सजा का प्रावधान वर्ण के आधार पर था । ब्राह्मण को कोई सजा नही होती थी और शुद्र को कठोर दंड दिया जाता था। अंग्रेजो ने सजा का प्रावधान एक समान कर दिया।
𝟟. 𝟙𝟠𝟙𝟡 में अधिनियम द्वारा ब्राह्मणों द्वारा शुद्र स्त्रियों के शुद्धिकरण पर रोक लगाई। (शुद्रों की शादी होने पर दुल्हन को अपने दूल्हे के घर न जाकर कम से कम तीन रात ब्राह्मण के घर शारीरिक सेवा देनी पड़ती थी।)
𝟠. 𝟙𝟠𝟛𝟘 नरबलि प्रथा पर रोक लगाई। देवी – देवता को प्रसन्न करने के लिए ब्राह्मण शुद्रों,
स्त्री व पुरुष दोनों को मन्दिर में सिर पटक पटक कर बली चढ़ा देता था।

𝟡. 𝟙𝟠𝟛𝟛 अधिनियम 𝟠𝟟 द्वारा सरकारी सेवा में भेद भाव पर रोक। अर्थात योग्यता ही सेवा का आधार स्वीकार किया गया। तथा कम्पनी के अधीन किसी भारतीय नागरिक को जन्म स्थान, धर्म, जाति या रंग के आधार पर पद से वंचित नही किया जा सकता है।
𝟙𝟘.𝟙𝟠𝟛𝟜 में पहला भारतीय विधि आयोग का गठन हुआ। कानून बनाने की व्यवस्था जाति, वर्ण, धर्म और क्षेत्र की भावना से ऊपर उठकर करना आयोग का प्रमुख उद्देश्य था।

𝟙𝟙. 𝟙𝟠𝟛𝟝 प्रथम पुत्र को गंगा दान पर रोक लगाए।
(ब्राह्मणों ने नियम बनाया की शुद्रों के घर यदि पहला बच्चा लड़का पैदा हो तो उसे गंगा में फेंक देना चाहिये। पहला पुत्र ह्रष्ट-पुष्ट एवं स्वस्थ पैदा होता है। यह बच्चा ब्राह्मणों से लड़ न पाए इसलिए पैदा होते ही गंगा को दान करवा देते थे।)
𝟙𝟚. 𝟟 मार्च 𝟙𝟠𝟛𝟝 को लार्ड मैकाले ने शिक्षा नीति राज्य का विषय बनाया और अंग्रेजी भाषा को उच्च शिक्षा का माध्यम बनाया गया।

𝟙𝟛. 𝟙𝟠𝟛𝟝 को कानून बनाकर अंग्रेजों ने शुद्रों को कुर्सी पर बैठने का अधिकार दिया।
𝟙𝟜. दिसम्बर 𝟙𝟠𝟚𝟡 के नियम 𝟙𝟟 द्वारा विधवाओं को जलाना अवैध घोषित कर सती प्रथा का अंत किया।

𝟙𝟝. देवदासी प्रथा पर रोक लगाई।

ब्राह्मणों के कहने से शुद्र अपनी लडकियों को मन्दिर की सेवा के लिए दान देते थे। मन्दिर के पुजारी उनका शारीरिक शोषण करते थे।बच्चा पैदा होने पर उसे फेंक देते थे और उस बच्चे को हरिजन नाम देते थे।

𝟙𝟡𝟚𝟙 को जातिवार जनगणना के आंकड़े के अनुसार अकेले मद्रास में कुल जनसंख्या 𝟜 करोड़ 𝟚𝟛 लाख थी जिसमें 𝟚 लाख देवदासियां मन्दिरों में पड़ी थी।
यह प्रथा अभी भी दक्षिण भारत के मन्दिरो में चलरही है।

𝟙𝟞. 𝟙𝟠𝟛𝟟 अधिनियम द्वारा ठगी प्रथा का अंत किया।
𝟙𝟟. 𝟙𝟠𝟜𝟡 में कलकत्ता में एक बालिका विद्यालय जे ई डी बेटन ने स्थापित किया।
𝟙𝟠. 𝟙𝟠𝟝𝟜 में अंग्रेजों ने 3 विश्वविद्यालय कलकत्ता मद्रास और बॉम्बे में स्थापित किये, 𝟙𝟡𝟘𝟚 मे विश्वविद्यालय आयोग नियुक्त किया गया।

𝟙𝟡. 𝟞 अक्टूबर 𝟙𝟠𝟞𝟘 को अंग्रेजों ने इंडियन पैनल कोड – 𝕀ℙℂ बनाया। लार्ड मैकाले ने सदियों से जकड़े शुद्रों की जंजीरों को काट दिया ओर भारत में जाति, वर्ण और धर्म के बिना एक समान क्रिमिनल लॉ लागू कर दिया।
𝟚𝟘. 𝟙𝟠𝟞𝟛 अंग्रेजों ने कानून बनाकर चरक पूजा पर रोक लगा दिया।

(आलिशान भवन एवं पुल निर्माण पर शुद्रों को पकड़कर जिन्दा चुनवा दिया जाता था इस पूजा में मान्यता थी कि भवन और पुल ज्यादा दिनों तक टिकाऊ रहेगें।)
𝟚𝟙. 𝟙𝟠𝟞𝟟 में बहुविवाह प्रथा पर पूरे देश में प्रतिबन्ध लगाने के उद्देश्य से बंगाल सरकार ने एक कमेटी गठित किया ।

𝟚𝟚. 𝟙𝟠𝟟𝟙 में अंग्रेजों ने भारत में जातिवार गणना प्रारम्भ की। यह जनगणना 𝟙𝟡𝟜𝟙 तक हुई । 𝟙𝟡𝟜𝟠 में पण्डित नेहरू ने कानून बनाकर जातिवार जनगणना पर रोक लगा दी।
𝟚𝟛. 𝟙𝟠𝟟𝟚 में सिविल मैरिज एक्ट द्वारा 𝟙𝟜 वर्ष से कम आयु की कन्याओं एवम 𝟙𝟠 वर्ष से कम आयु के लड़को का विवाह वर्जित करके बाल विवाह पर रोक लगाई।

𝟚𝟜. अंग्रेजों ने महार और चमार रेजिमेंट बनाकर इन जातियों को सेना में भर्ती किया लेकिन 𝟙𝟠𝟡𝟚 में ब्राह्मणों के दबाव के कारण सेना में अछूतों की भर्ती बन्द हो गयी।
𝟚𝟝. रैयत वाणी पद्धति* अंग्रेजों ने बनाकर प्रत्येक पंजीकृत भूमिदार को भूमि का स्वामी स्वीकार किया।

𝟚𝟞. 𝟙𝟡𝟙𝟠 में साऊथबरो कमेटी को भारत में अंग्रेजों ने भेजा। यह कमेटी भारत में सभी जातियों का विधि मण्डल (कानून बनाने की संस्था) में भागीदारी के लिए आया था। शाहू जी महाराज के कहने पर पिछड़ों के नेता भाष्कर राव जाधव ने एवम अछूतों के नेता डॉ० अम्बेडकर ने अपने लोगों को विधि मण्डल में भागीदारी के लिये मेमोरेंडम/ज्ञापन दिया।
𝟚𝟟. अंग्रेजो ने 𝟙𝟡𝟙𝟡 में भारत सरकार अधिनियम का गठन किया ।

𝟚𝟠. 𝟙𝟡𝟙𝟡 में अंग्रेजों ने ब्राह्मणों को जज बनने पर रोक लगा दी थी, और कहा था की इनके अंदर न्यायिक चरित्र नही होता है।
𝟚𝟡. 𝟚𝟝 दिसम्बर 𝟙𝟡𝟚𝟟 को डॉ अम्बेडकर द्वारा मनु स्मृति का दहन किया। मनु स्मृति में शूद्रों और महिलाओं को गुलाम तथा भोग की वस्तु समझा जाता था, एक पुरूष को अनगिनत शादियां करने का धार्मिक अधिकार है महिला अधिकार विहीन तथा दासी की स्थिति में थी। एक – एक औरत के अनगिनत सौतने हुआ करती थी औरतों- शूद्रों के लिए सिर्फ और सिर्फ गुलामी लिखा है जिसको ब्राह्मण मनु ने मनु स्मृति को धर्म का नाम दिया है।
𝟛𝟘. 𝟙 मार्च 𝟙𝟡𝟛𝟘 को डॉ०अम्बेडकर द्वारा काला राम मन्दिर (नासिक) प्रवेश का आंदोलन चलाया।

𝟛𝟙. 𝟙𝟡𝟚𝟟 को अंग्रेजों ने कानून बनाकर शुद्रों के सार्वजनिक स्थानों पर जाने का अधिकार दिया।
𝟛𝟚. नवम्बर 𝟙𝟡𝟚𝟟 में साइमन कमीशन की नियुक्ति की। जो 𝟙𝟡𝟚𝟠 में भारत के अछूत और शूद्र लोगों की स्थिति का सर्वे करने और उनको अतिरिक्त अधिकार देने के लिए आया। भारत के लोगों को अंग्रेज अधिकार न दे सके इसलिए इस कमीशन के भारत पहुँचते ही गांधी और लाला लाजपत राॅय ने इस कमीशन के विरोध में बहुत बड़ा आंदोलन चलाया। जिस कारण साइमन कमीशन अधूरी रिपोर्ट लेकर वापस चला गया। इस पर अंतिम फैसले के लिए अंग्रेजों ने भारतीय प्रतिनिधियों को 𝟙𝟚 नवम्बर 𝟙𝟡𝟛𝟘 को लन्दन गोलमेज सम्मेलन में बुलाया।

𝟛𝟛. 𝟚𝟜 सितम्बर 𝟙𝟡𝟛𝟚 को अंग्रेजों ने कम्युनल अवार्ड घोषित किया जिसमें प्रमुख अधिकार निम्न दिए : –

𝔸. वयस्क मताधिकार,

𝔹. विधान मण्डलों और संघीय सरकार में जनसंख्या के अनुपात में अछूतों को आरक्षण का अधिकार,
ℂ) सिक्ख, ईसाई और मुसलमानों की तरह अछूतों (𝕊ℂ/𝕊𝕋 ) को भी स्वतन्त्र निर्वाचन के क्षेत्र का अधिकार मिला। जिन क्षेत्रों में अछूत प्रतिनिधि खड़े होंगे उनका चुनाव केवल अछूत ही करेगें।
𝔻) प्रतिनिधियों को चुनने के लिए दो बार वोट का अधिकार मिला जिसमें एक बार सिर्फ अपने प्रतिनिधियों को वोट देंगे दूसरी बार सामान्य प्रतिनिधियों को वोट देगे।
𝟛𝟜. 𝟙𝟡 मार्च 𝟙𝟡𝟚𝟠 को बेगारी प्रथा के विरुद्ध डॉ अम्बेडकर ने मुम्बई विधान परिषद में आवाज उठाई। जिसके बाद अंग्रेजों ने इस प्रथा को समाप्त कर दिया।

𝟛𝟝. अंग्रेजों ने 𝟙 जुलाई 𝟙𝟡𝟜𝟚 से लेकर 𝟙𝟘 सितम्बर 𝟙𝟡𝟜𝟞 तक डाॅ अम्बेडकर को वायसराय की कार्य साधक कौंसिल में लेबर मेंबर बनाया। लेबरो को डॉ० अम्बेडकर ने 𝟠.𝟛 प्रतिशत प्रतिनिधित्व दिलवाया।
𝟛𝟞. 𝟙𝟡𝟛𝟟 में अंग्रेजों ने भारत में प्रोविंशियलVगवर्नमेंट का चुनाव करवाया।

𝟛𝟟. 𝟙𝟡𝟜𝟚 में अंग्रेजों से डॉ अम्बेडकर ने 𝟝𝟘 हजार हेक्टेयर भूमि को अछूतों एवम पिछड़ों में बाट देने के लिए अपील किया । अंग्रेजों ने 𝟚𝟘 वर्षों की समय सीमा तय किया था।
𝟛𝟠. अंग्रेजों ने शासन प्रसासन में ब्राह्मणों की भागीदारी को 𝟙𝟘𝟘% से 𝟚.𝟝% पर लाकर खड़ा कर दिया था।

इन्ही सब वजाह से ब्राह्मणों ने अंग्रेजो के खिलाफ़ क्रांति शुरू कर दी क्योकि अंग्रेजो ने शुद्रों और महिलाओं को सारे अधिकार दे दिये थे और सब जातियों के लोगो को एक समान अधिकार देकर सबको बराबरी मे लाकर खडा किया।

इस पोस्ट को 10 अपने जानने वाले शूद्रों एससी, एसटी, ओबीसी के निजी नंबर पर भी भेजिए ताकि सच जान कर सोचे.

संवाद; पिनाकी मोरे

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