पहले तो ऐसा कुछ भी नहीं था किसी को खतरा अब मोदी काल में जाती पूछकर होने लगा है सब कुछ!
विशेष संवाददाता
ऐसा पहली बार देखा जा रहा है
पहलगांव कश्मीर में धर्म पूछकर गोली मारी या नही ये तो हमें कुछ पता नही पर..
इस बात की ज्यादा घोर निंदा करते है और निंदा करनी भी चाहिए। लेकिन
अब मोदी काल आ गया है ऐसे में
1. जहां जाति पूछ कर गोली मार दी जाति हैं।
2. जाति पूछकर ही बारात रोक दी जाति हैं।
3. जाति पूछकर ही रैप कर दिया जाता है।
4. जाति पूछकर ही सामाजिक बहिष्कार कर दिया जाता है।
5. जाति पूछकर ही स्कूलों और कॉलेजों में दाखिले किए जाते है।
6. जाति पूछकर ही इंटरव्यू में बाहर कर दिए जाते है।
7. जाति पूछकर ही खटिया पर बैठने दिया जाता है।
8. जाति पूछकर ही घोड़ी से उतारकर मार दिया जाता है।
9. जाति पूछकर ही अन्याय किया जाता है।
10. जाति पूछकर ही न्याय किया जाता है।
11. जाति पूछकर ही प्रमोशन ओर डिमोशन होते है।
12. जाति पूछकर ही पुलिस स्टेशनों में धाराएं बढ़ा दी जाती है।
13. जाति पूछकर ही राजनीति चमकाई जाती है।
14. जातीय शोषण पूछकर ही जहां बयान दिए जाते हैं।
15. जाति पूछकर ही न्यायालय में फैसले पलट दिए जाते हैं।
16. जाति पूछकर ही पड़ोस में मकान नहीं खरीदने दिए जाते हैं। मंदिर में भी प्रवेश नहीं दिया जाता
17. जाति पूछते ही तय हो जाता है कि उसे जानवर समझें या इंसान?
18. जाति पूछकर ही पानी पिलाएं या नहीं।
19. जाति पूछकर ही मंदिर में आने दे या नहीं। अगर बिना अनुमति मंदिर में चला गया तो उसकी खैर नहीं।
20. जाति देखकर ही मीडिया तय करती हैं मुद्दा उठाएं या दबाएं।
21. जाति पूछकर ही मकान तुड़वा दिए जाते है। बुलडोजर चलवाए जाते और किसी की संपत्ति को करोड़ों का नुकसान पहुंचा कर उसे बेघर किया जाता है।
22. जाति पूछकर ही जमीनों पर कब्जे कर लिए जाते हैं।
23. जाति पूछकर ही नक्सली घोषित कर मरवा दिए जाते हैं
24. जाति पूछकर ही वोट लिए जाते है एवं वोट दिए भी जाते है।
25. जाती धर्म एक बड़ी प्रॉब्लम बनती जा रही है जाति पूछते ही योग्यता का आंकलन कर दिया जाता हैं। तथा लव जिहाद जैसे लखन देकर जेल में ठूंसा जाता है या भीड़ इकट्ठा कर उसे मरवा दिया जाता है।मोबलिचिंग को अंजाम दिया जाता है।
यहां तक कि मर जाने के बाद भी जाति पूछकर अंतिम संस्कार नहीं होने दिए जाते हैं। कब्रस्तान हो या श्मशान।
और यह वो आतंक है जहां एक जाति दूसरी जाति पर हर दिन, हर घड़ी, हर मोहल्ले में पूरे देश में हजारों वर्षों से कर रही है। इसके बाद और न जाने देश में क्या क्या दुख झेलने पड़ेंगे।
संवाद;पिनाकी मोरे