नगर निगम के ढोल में पोल, भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते गली मोहल्ले और फ़ुथपाथ ? क्या है मामला जानिए !

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रिपोर्टर,

झांसी नगर निगम में अधिकारियों की मिलीभगत से इस वर्ष विज्ञापन ठेकों में जम कर  धांधली  की गयी है!

जिससे राजस्व का नुकसान तो हुआ ही इसके अलावा शहर में जगह-जगह फुटपाथों को तोड़ दिया गया और उनके स्थानों पर बड़े-बड़े विज्ञापन  होर्डिंग लगा दिए गए यहां तक की प्रतिबंधित स्थलओं  जैसे इलाइट चौराहा,  सरकारी ऑफिस के अलावा जिला जज के बंगले के सामने भी फुटपाथ को तोड़  कर उसके बीचोंबीच होर्डिंग के लिए गड्ढा खोद दिया गया है!

कई बार पूछे जाने पर नगर निगम के अधिकारी कार्यवाही की बात कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं वही नगर निगम के दूसरे अधिकारी ऐसे पदों पर नियम अनुसार कार्रवाई की बात करते हैं?

 

लेकिन वह नियम क्या है और ऐसे लोगों पर कार्यवाही कब होगी इसका सीधा जवाब किसी अधिकारी के पास नहीं है?

इसकी एक वजह अधिकारियों और गाज़ियाबाद की कम्पनी मिडास से साठगांठ होना है। शायद यही वजह है कि मिडास कम्पनी ने झाँसी नगर की तस्वीर ही  बदनाम कर डाली।

मेडिकल से यूनिवर्सिटी हो या बस स्टैण्ड या पंचतंत्र पार्क यहाँ तक क़ि झाँसी के कमिश्नर के ऑफिस के सामने भी अवैध होडिंग गाड़ दी गयी।

जो की पूर्णता प्रतिबंधित स्थल है। जिसकी वजह से नगर के अधिकांशतः फुथपाठ ख़राब हो गए है। जिसको अभी कुछ समय पूर्व ही अखिलेश सरकार ने जनता की गाढ़ी कमाई से बनवाये थे!

ये भी अज़ीब बात है  क़ि नगर के सभी फुथपाथ भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए।

कुछ अपने आप टूट गए और कुछ कुछ ऐसी विज्ञापन एजेंसियों ने अपने स्वार्थ के लिए तोड़ दिए।

ज्ञात हो कि इससे पहले reliance कंपनी ने भी अपनी ऑप्टिकल फाइबर लाइन बिछाने के लिए शहर की हर गली मोहल्ले में अपैक्स को उखाड़ दिया था। जब इसकी शिकायत हुई तो अपैक्स को ठीक करने के नाम पर एक और ठेका दे दिया गया।

लेकिन उसके बावजूद भी नगर के सभी जगह आज भी वहाँ अपैक्स उखडै पड़े है।

जबकि कागजों पर अपैक्स को  ठीक करने का काम पूरा हो चुका है।

अधिकारी भी जानते हैं कि ऐसे मामलों में कोई भी व्यक्ति सिर्फ शिकायत ही करता है। जिसकी जांच भी इन्हीं अधिकारियों को करनी होती है,

जिस कारण से इन अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत के कारण किसी भी जांच को मुकाम हासिल नहीं होता है।

और यह लोग बेखौफ होकर आए दिन जनता की गाढ़ी कमाई को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाते रहते हैं!

ऐसे मामलों में जरूरत है कि जनता और जनता के प्रतिनिधि करने वाले लोग सामने आए और भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों और ठेकेदारों के ऊपर आपराधिक मुकदमे दर्ज कर कार्यवाही करे ?

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