धनवानों के मुरीद मुखिया की दहलीज़ पर ग़रीबो की गुहार घुटघुट कर जान दे रही है?

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रिपोर्टर.

भोपाल अपने ही मुंह मियां मिट्ठू कहलाने वाले अमीरों के दोस्त और ग़रीबो के गुनहगार शिवराज का कहर महज़ अब जवान किसान और परेशान नागरिकों तक ही नही रहा।
दो चेहरे के इस वज़ीर के दामन में दाग़ तो बेशूमार है उन दागों में नाजाने कितने खून के धब्बे लगे हैं जिसमे प्रदेश के कई मजलूम माज़ूर कमज़ोर निर्धन फरियादियों का लहू भी शामिल है, चीन की दीवार अनम के घर का आचार और मध्यप्रदेश के वज़ीर के प्रचार का रिकॉर्ड कौन तोड़ेगा?
फ़िलहाल इसका ईल्म तो नही लेकिन चीन की दीवार की उचाईयां और मेरे घर के आचार का ज़ायका शिवराज की बेरहमी और दिखावे के आगे फ़ीका हैं।
पिछले 11सालों में धीरे धीरे ग़रीबो से दूरियां बनाने वाले मध्यप्रदेश के मुखिया शिवराज को घण्टा ज्ञान नही है कि नाजाने कितने निर्धन मज़बूर मोहताज़ बूढे कमज़ोर विकलांग उसकी दहलीज़ पर फ़रियाद लेकर आते हैं।
कितने धक्के खाकर वापस घर जाते हैं और कितनी अधूरी फ़रियाद लेकर ही मर जाते हैं लेकिन फिर भी वज़ीर खुले मंच पर अपने आप को ग़रीबो का मसीहा बताने से बाज़ नही आता, अरे वाह रे शिवराज रातदिन धन वानों की सोहबत से तू अपने भी पुराने दिन भूल गया कि वक़्त था जब तू भी प्रदेश के निर्धन ग़रीब आम इंसानों में आता था आज सफलता की शौहरत तुझे किस मक़ाम पर लेकर आ गई कि तुझे रईसों की महफ़िल से फुरसत नही और तेरे वज़ीरखाने पर ग़रीबो की क़दर नही यह कोई खटास नही हक़ीकत है। प्रदेश का वज़ीर शासकीय शख़्सियत व माल के दम पर प्रदेश भर में बम्बू ठुकवाकर आम सभाओं मे चिखचिखकर रोने जैसी शक़्ल बना निर्धन किसान जवान और नारी प्रेम के झूठे राग लगाता है लेकिन हक़ीकत का निवाला आप के हलक़ में अटक जाएगा जब आप एक आम आदमी हो और अपनी समस्याओं को लेकर शिवराज के दरबार जाओगे तो एहसास होगा कि वज़ीर प्रदेश भर की आम मजलिश में सिर्फ षड़यन्त्र के तहत झूट बोल कर फेका-फाकी करता हैं शिवराज के इर्दगिर्द चमचानुमा अधिकारी भी शिवराज की जी-हुज़ूरी में इस हद तक मसरूफ़ हो गए हैं कि अव्वल चमचों में आने के लिए वो शिवराज को ही धोका देकर गुमराह कर रहे हैं आज भी शिवराज के दरबार की दहलीज़ पर प्रदेश के एक पन्ना निवासी पीड़ित रामेश्वरी चौधरी (विकलांग) ने शिवराज से मिलने की उम्मीद खोकर शिवराज के दरवाजे पर ही ज़हर खा लिया।
मामला कुछ यूं हुआ विगत 4 सालो से लगातार शिवराज से मिलने का प्रयास करने वाले फ़रियादी विकलांग ने पन्ना से भोपाल का तो बेहिसाब सफर तय किया सिर्फ इसी गरज़ से की शिवराज से आमने सामने बात हो जाये परन्तु इतनी मन्नतों के बाद तो खुद शिव ही प्रकट होकर दर्शन दे देते मगर शिवराज तो सिर्फ भगवान का नाम रख कर उस नाम को बदनाम कर रहा हैं।
हर बार हार को गले लगा मायूसी से अपने घर के लिए कूच करने वाले विकलांग रामेश्वरी चौधरी की इस बार वज़ीर खाने में उस वक़्त हिम्मत टूट गयी जिस वक्त रामेश्वरी के साथ शिवराज के दरबार मे मौजूद शासकीय गुर्गो ने धक्का मुक्की की, लगभग दोपहर में 12-1 बजे विकलांग रामेश्वरी ने शिवराज के दरवाजे पर ज़हर खा लिया और दर्द के मारे ज़मीन पर तड़पने लगा।
जब उसके मुँह से झाग आने लगी तो मौके पर मौजूद शासकीय अमले के हाथ पैर फूल गए और आनंद फानन में बात को दबाने के लिए रामेश्वरी के अन्य विकलांग साथियों को श्यामला हिल्स पुलिस ने गुपचुप तरीके से उठा थाने ने घुसेड़ दिया बाकी बचा तड़पता हुआ विकलांग रामेश्वरी उसे तत्काल ही उठा कौनसे चिकित्सालय में भर्ती कराया हैं इसकी भनक रात हो जाने के बाद भी विकलांग साथियों को अब तक नही लग पाई की वो ज़िंदा हैं या मर गया?
रामेश्वरी के विकलांग साथी अखिलेश शर्मा जबलपुर निवासी हैं जो दोनों पैरों से अपाहिज हैं अखिलेश मौके पर ही फ़रियादी रामेश्वरी के साथ मौज़ूद थे जिनको श्यामला हिल्स पुलिस ने धमकी देकर कहा कि ‘तू जबलपुर का विकलांग है साले जल्दी से जबलपुर वापस चले जा वगैरा वगैरा’?
जो भी हो शिवराज तुम होश में आओ ऐसा ना हो ग़रीबो के लिए तुम्हारी बनाई हुई दूरियां तुम्हारे सियासी जहाज़ में बद्दुआ के शरिये छेद कर दे?

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