देश के सौ करोड़ हिंदुओं को एक ताकत से एक होकर कसम खानी है देश को मजबूत और ताकतवर बनाने के लिए ऐसा करने की जरूरत है!
100 करोड़ हिन्दू एक ताकत है
हिंदुओ को कसम खानी है
भारत को मजबूत राष्ट्र बनाने के लिए पाखंडियों का बहिष्कार करो।
बहिष्कार किसका करना है?
सबसे पहले जरूरी है जो बलात्कारियों का साथ देते हैं, उनके समर्थन में तिरंगा यात्रा निकालते हैं या उनका समर्थन या सम्मान करते हैं खास कर उसका बहिष्कार करो।
हिन्दू देवी देवताओं या धर्म के नाम पर समाज में पाखंड फैलाएं या उनके नाम पर वोट मांगे उसका बहिष्कार करो।
हिन्दू रीति रिवाजों के मुताबिक शादी करने के पश्चात पत्नी को छोड़ कर हमारे धर्म के रीति रिवाजों को कलंकित करे जो या ऐसे लोगों का समर्थन करते हैं उसका बहिष्कार करो।
जो दूसरे धर्मों का अपमान करते हैं, धार्मिक नफ़रत फैलाते हैं,ऐसे लोगों का बहिष्कार करो।
जिन्हें ने मंदिर को अपना धंधा बना रखा हैं, धर्म की आड़ में चोला पहन कर व्यापार करते हैं उसका बहिष्कार करो।
चुनाव रैलियों में हिन्दू धर्म या हमारे देवी देवाताओं के नाम पर वोट मांगे उसका बहिष्कार करो। हमारे सर्वोत्तम और पुराणकालीन सनातनी धर्म को हिंदू धर्म बता कर उसे ख़तरे में बता कर अक्सर लोगों को डराया जाता है उनका बहिष्कार करो।
जो हमारे भगवान शिव या भगवान श्रीराम की तुलना किसी मोदी जैसे नेताओ से करे या उनका अवतार बताए उसका बहिष्कार करो।
मंदिर की दान दक्षिणा से अपनी संपत्ति बनाए या अय्याशी करे उसका बहिष्कार करो।
हिन्दू राष्ट्र का झांसा देकर मुसलमानों के मदरसों को 479 करोड़ का तोहफ़ा दे और मस्जिदों में जा कर अपना सिर झुकाए उसका बहिष्कार करो।
सनातन धर्म की आड़ में हमें वर्ग या जातियों में बांटने की कोशिश करते हैं पहले उसका बहिष्कार करो।
जो ब्राह्मण क्षत्रिय, वैश्य और शुद्रों को सनातनी हिंदू नहीं मानते हैं ऐसे लोगों का बहिष्कार करो।
जो लोग संस्कृति, सनातन धर्म, देवीदेवताओं, मंदिरों, के नाम पर राजनीति करते हैं या फिर वोट मांगते हैं
ऐसे लोग सनातन धर्म के नाम पर कलंक हैं, ये लोग हमारे धर्म, समाज और देश के लिए खतरा हैं ।ऐसे लोगों का
बहिष्कार करो
कैसे करना है बहिष्कार?
आर्थिक बहिष्कार
सामाजिक बहिष्कार
व्यापारिक लेने देने का बहिष्कार
संबंध बहिष्कार
नौकरी से बहिष्कार
काम का बहिष्कार ।
इतना करो इन पाखंडी और धर्म के नाम पर राजनीति करने वालों का घर चलाना मुस्किल हो जाए
जय भारत
हर हर महादेव
जय सियाराम
संवाद; पिनाकी मोरे