दमुआ नपा का तो ऐसा हाल है कि नपा द्वारा इंदिरा चौक से नंदन इलाके तक डीवायडर पर करवाया गया पेंट लगता है एक ही पेंट के डब्बे में सलटाया गया है?

दामुआ
वरिष्ठ संवाददाता

दमुआ नगर पालिका द्वारा इंदिरा चौक से नंदन तक डिवाइडर पर जो पेंट करवाया गया लगता है 1 डब्बे मे ही पुरा पेंट हो गया।


दमुआ नगर पालिका मे 8 माह से सिर्फ पेंटिंग का ही काम चल रहा है,हाल ऐसा है कि नपा अधीनस्थ इंदिरा चौक वार्ड 13 से नंदन तक सड़क के बीच डिवाइडर पर पेंट किया तो गया लेकिन ऐसा लग रहा कि काला और पिला रंग का एक डब्बा दमुआ से तक दो डब्बे मे पुताई की गई हैं और बिल खर्च का तो कोई अता पता ही नहीं चल रहा कि कितने रुपए का बना होगा?

इस मामले में सीएमओ साहब ने कहा डबल कोड
का होगा। क्या इस तरह होता है क्या डबल कोड पेंट? नपा के इस कार्य को देख ऐसा लग रहा की डीवायडर पर लगाया गया पेंट कोई खासा पेंट नही बल्कि उसकी जगह पोछा लगाया गया है। जिस उम्मीद से दमुआ की जनता ने भाजपा की परिषद को चुना था मात्र 8 माह में ही दिख गया कि मौजूदा दमुआ नपा के वार्डों मैं कोई सोशल काम हुआ तक नहीं है।तमाम वार्डो मे सफाई का नामोनिशान तक नहीं है। लगभग हर वार्ड में कहीं न कहीं कचरे का अंबार और ढेर लगा है।

और नगर पालिका के अधिकारी कभी कोई काम को तवज्जो नहीं दे रहे है।है वक्त गायब रहते है तो कभी कोई गायब काम तो हो ही नहीं रहे है। इस लिए आम जनता अलग परेशान है। छोटे छोटे कामो के लिए 4,4 दिन तक आम जन को चक्कर लगाने पड़ते है। नगर पालिका के रोजगार के नाम पर कोई योजनाओ का प्रावधान नहीं है ,पानी का टेक्स और मकान टेक्स वसूलने के लिए मात्र बराबर हर माह कर्मचारियों को भेज रहे हैं। नलजल की व्यवस्था भी किसी भी वार्ड में
टाइम पर खरी नहीं उतरी है। मीटिंग तो इतनी हुई जितने काम स्विकृत नहीं हुए। चौपाटी को तोड़ तो दिया गया पर वहां भी सफाई कब होगी और उसका नवीनीकरण कब होगा ये तो ऊपर वाला ही जाने।

नपा के साहब की प्लानिंग तो बहुत बढ़िया है पर लगता है 5 साल बीत जाएंगे तो भी पूरा नहीं होगा।उधर तीन पुलिया हनुमान मंदिर के पास सड़क किनारे 2 किलोमीटर सफाई हुई उसके बाद साहब छुट्टी पर चले गए है। जनता चाहती है कि जहां अच्छी सड़को की ज़्यादा जरूरत है वहां सालो साल से केवल लॉलीपॉप दे कर पब्लिक को धत्ता दिखाया जा रहा हैं और जहां कोई वर्तमान में सड़क की जरूरत ही नही जिसे बाद मे भी सड़क बनना था वहां पहले ही अपनी मर्जी से सड़क बन गई क्योंकि परिशद उनके बाप की जागीर समझ रखी है ।

इस विषय को लेकर हमने
Cmo से संपर्क करना चाहा पर साहब का फ़ोन ही बंद आया।

संवाद

मनोज डोंगरे

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