ताज्जुब है इस बात पर दिल्ली में किसी बंदर को पकड़ने के लिये 50 हज़ार का खर्च ! क्या है मामला !
रिपोर्टर.
15 लाख की सूट पहननेवाला, अपनी फोटो वाली विज्ञापन अखबारों मे छपवाने मे देश की जनता की गाढ़ी कमाई का लगभग 100 अरब रुपया मात्र ढाई साल मे फूंकनेवालो ज़रा इस बात का जवाब दीजिये!
दिल्ली मे एक बंदर पकड़ने का खर्च 50 हज़ार लिखकर घोटाला करने वाले और MCD का महज वेवसाइट 12 करोड़ मे बनवाने वाले भाजपाई हमारे 12 हज़ार के खाने के बिल को लेकर MCD का वोट मांगते फिर रहे हैं!
ज्ञातव्य हो कि यह वह बिल है जिस पर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 6 महीने पहले आपत्ति लगाकर LG के पास जाँच के आदेश के लिये भेजा था।
इसके भुगतान पर दिल्ली सरकार ने आपत्ति लगा रखी है।
LG ने 06 महीने मे जाँच तो पूरी नही की, अलबत्ता उसने इस बिल की छायाप्रति भाजपा के स्टार प्रचारको को उपहार मे भेज दी,वह भी आधी अधूरी।
MCD पर लगभग 10 वर्षोँ से कब्जा जमाये बैठे !
भाजपाई दिल्ली की बदहाली और अपनी असफलता पर पर्दा डालने के साथ साथ दिल्ली की जनता का ध्यान अपनी असफलताओं पर से हटाने के उद्देश्य से आम आदमी पार्टी पर मनगढ़ंत आरोप लगाते चले जा रहे है।
लेकिन कहते हैं न, ये पब्लिक है ,सब जानती है ,गोधरा और व्यापम के हत्यारो को पहचानती है और तो और हद तो तब हो गई जब MCD चुनाव को पार करवाने के लिये ‘शुंगलू’ का शुगुफा भी छोड़ डाला ।
आम आदमी पार्टी को मिले एकमात्र कार्यालय को सील करवा डाला।
पिछले विधान सभा मे शून्य पर आउट कांग्रेस को दिल्ली मे तीन–तीन कार्यालय रखने का अधिकार है !
भारतीय जनता पार्टी जिसे सिर्फ 03 सीटे मिली थी दिल्ली के विधानसभा चुनाव मे उसे 06 कार्यालय रखने का अधिकार है !
लेकिन आम आदमी पार्टी जिसे दिल्ली की जनता ने 67 सीटे देकर दिल्ली का शहंशाह घोषित किया था क्या उसे एक भी कार्यालय रखने का अधिकार नही है ?
दिल्ली के अंदर,जहाँ उसकी चुनी हुई सरकार है ?
यह तानाशाही ही नही अपितु भाजपा के केंद सरकार द्वारा दिल्ली का MCD चुनाव के नतीजे को अपने पक्ष मे प्रभावित करने के लिये चलाई जा रही गुंडागर्दी है!
दिल्ली की जनता अपनी द्वारा चुनी गई आम आदमी पार्टी की सरकार के अपमान का बदला MCD चुनाव मे भाजपा को औकात बताकर लेगी।
भारत लोकतांत्रित देश है,भारत के लोकतंत्र के गौरव को प्रभावित करने वाले गद्दारो को वोट की चोट पड़नी ही चाहिये।