जेल में रहकर सरकार चलाने वाले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस तरह पारित किया पहला आदेश

विशेष संवाददाता एवं ब्यूरो

अरविंद केजरीवाल जेल से सरकार चला रहें हैं। आज उन्होंने जेल से अपना पहला आदेश पारित किया।
फर्जी राष्ट्रवादीओ उन्हें नैतिकता की दुहाई दे रहे हैं, मगर इस देश में नैतिकता है कहां ?

नैतिकता होती तो अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार ही नहीं होते।
एक चुने हुए मुख्यमंत्री का काम ही होता है “नीति” बनाना, फिर चाहे शराब नीति हो या जल और बिजली नीति। फैसला सही हो या गलत , उससे राजस्व को फायदा हो या नुकसान इसका फैसला जनता अगले चुनाव में करती है।

नीति बनाना यदि गलत है तो इस प्रक्रिया में शामिल सभी कैबिनेट मंत्री, IAS अधिकारी और एलजी को भी जेल जाना चाहिए।
अरविंद केजरीवाल से लाख विरोध सही परंतु वह भ्रष्टाचारी होंगे यह असंभव है। जेल से सरकार चलाने के उनके निर्णय का समर्थन। जब इस देश में आदर्श नैतिकता और सुचिता जैसा कुछ नहीं बचा तो इस शर्म को भी खत्म कर देना ही चाहिए।

दरअसल वर्तमान में आदर्श, नैतिकता और अंतरात्मा की बात करने वाले दोगले और ढोंगी होते हैं जो अपनी सुविधानुसार इसका प्रयोग करते हैं और खुद एक नंबर के अनैतिक होते हैं जिनकी अंतरात्मा ही नहीं होती।

संवाद; पिनाकी मोरे

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