जानिए BJP और संघिये पेट्रोल ,डीजल की कीमतों में हो रही बढ़ोत्तरी के पीछे लोगों को कैसे निराधार भ्रामक कुतर्क दे रहे है ?
रिपोर्टर.
भाजपाई और संघिये पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी के पीछे आधारहीन भ्रामक कुतर्क दे रहे है कि, UPA सरकार विरासत में मोदी सरकार को ईरान को 43000 करोड़ का भुगतान चुकाने का कर्ज दे कर गई है !
इसी कर्ज का भुगतान मोदी सरकार पेट्रोल डीजल में अतिरिक्त आयात शुल्क लगाकर कर रही है, जिसकी वजह से पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़े हुए है !
यह तथ्य पूर्णतया भ्रामक औऱ आधारहीन है,जबकि इसमे सच्चाई यह है कि,ईरान को दिया जाने वाला यह भुगतान भारत सरकार का न होकर मैंगलोर रिफाइनरी(सार्वजनिक उपक्रम) एवं एस्सार आयल (प्राइवेट सेक्टर) तेल शोधन कम्पनीयो की तरफ का है।
संयुक्त राष्ट्र का प्रतिबंध झेलते हुये अपनी व्यावसायिक मजबूरी के चलते ईरान, भारत को अपने निर्यातित क्रूड आयल का भुगतान का आधा हिस्सा भारतीय मुद्रा रुपये में लेता था और आधा हिस्सा यूरो डॉलर में।
प्रतिबंध उठने के बाद ईरान, भारत की उक्त दोनों कम्पनियो से निर्यातित क्रूड ऑयल का भुगतान केवल यूरो में चाहने लगा ।
दोनो पक्षो के बीच इसी विवाद के चलते 43,000 करोड़ का भुगतान अटका पड़ा था।
कालांतर में भारत सरकार की पहल से यह भुगतान विवाद सुलझा लिया गया है।
ईरान को यह भुगतान उपरोक्त दोनो कम्पनियो को करना है न कि भारत सरकार को।
उपरोक्त दोनो कम्पनियो ने भी ईरान से क्रूड आयात कर,
उसका शोधन कर, और उसे मार्किट में बेचकर न केवल लागत वसूल ली है, बल्कि भारी भरकम लाभ भी अर्जित किया है।
अपने इसी अर्जित लाभ में से उन्हें ईरान को यह भुगतान करना है।
भारत सरकार दोनो पक्षो के बीच केवल गारेंटर की भूमिका में है।
इस भुगतान से भारत सरकार के खजाने पर कोई असर नही पड़ने वाला।