जानिए मराठा सल्तनत के बेहतरीन योद्धा बाजीराव और उनकी पत्नी मस्तानी का नाम क्यों है सुर्खियों में?

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पेशवा बाजीराव और उनकी पत्नी मस्तानी के मुसलमान वंशज।

पेशवा बाजीराव मराठा सल्तनत के बहतरीन योद्धा का नाम है जिसने हिंदुस्तान के बहुत बड़े भूभाग को मराठा सल्तनत में शामिल कर दिया था 1728 में मुग़ल सुबेदार मोहम्मद खां बांगश ने पन्ना बुंदेलखंड के राजा छत्रसाल को युद्ध में हराकर कर कै़द कर लिया था तब राजा छत्रसाल ने बाजीराव की मदद मांगी थी, बाजीराव की मदद से जीते राजा छत्रसाल ने अपनी रियासत के तीन हिस्से कर एक हिस्सा बाजीराव को दे दिया था जिसमें काल्पी सिरोंज और सागर क्षेत्र शामिल था।

साथ हीं मस्तानी की शादी बाजीराव से कर उसे अपना तीसरा बेटा तस्लीम किया था मस्तानी के बारे कुछ इतिहासकारों का मत है की उनकी नानी मुसलमान थी किसी का मत है कि उनका भाई मुसलमान था और कुछ ने उन्हे मुसलमान नृतकी लिखा है।

मस्तानी बाजीराव की दूसरी बीवी थी इनसे जो बेटा पैदा हुए उनका नाम रखा गया कृष्णा राव उर्फ़ शमशेर बहादुर ये जब 6 साल के थे तब इनकी मां मस्तानी बाई का देहांत हो गया था पूना के ब्राहमणों ने शमशेर बहादुर का जनैऊ संस्कार करने से मना कर दिया था उनका कहना थी की ये लड़का शुद्ध ब्राहम्ण नहीं है तब पेशवा बाजीराव ने बहुत बड़ा फैसला लिया कृष्णा राव को को मुसलमान घोषित कर दिया और नामकरण किया शमशेर बहादुर , शमशेर बहादुर को हिंदू ना मानने की पीछे एक साजिश थी वो साजिश ये थी कहीं बाजीराव शमशेर बाहादुर को पेशवा घोषित ना कर दें।

शमशेर बहादुर और कृष्णा राव की परवरिश बाजीराव की पहली पत्नी काशी बाई की देखरेख में हुई और बांदा की जागीर शमशेर बाहदुर के नाम कर दी गई शमशेर बहादुर जीवन भर मराठा परिवार के प्रति वफ़ादार रहे और 27 की उम्र में पानीपत के तीसरे युद्ध लड़ते हुए मारे गए बाद में उनके बेटे नवाब अली बहादुर ने बांदा रियसात क़ायम की और बांदा के नवाब कहलाए और 1803 एंगलो-मराठा युद्ध में मराठों के साथ अंग्रेज़ो से युद्ध भी किया इनके उत्तर अधीकारी शादाब अली खान हैं शायद इन्होने बाजीराव मस्तानी मूवी पर ऐतेहासिक तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश करने पर संजय लीला भंसाली पर कैस भी किया था।

संवाद
~ शोएब गाजी, मो अफजल इलाहाबाद

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