जरिया विधान सभा गणतंत्र समूह के द्वारा पहली जनवरी को समता संकल्प दिवस के रूप में मनाया गया

सन1818भीमा कोरेगांव में विद्रोह

कार्यक्रम भूतगढिया स्थित कपुरगढ़ा वार्ड 35 में स्थानीय साथी जफरू अंसारी की अध्यक्षता में हुई । इस अवसर पर 1818 पहली जनवरी को नारकीय गुलामी से विद्रोह में संघर्ष भीम कोरेगांव के शहीदों को उपस्थित साथियो ने याद किया और शहीदों के वेदी बना कर पुष्पांजलि अर्पित किया।

इस अवसर पर गणतंत्र समूह के संयोजक साथी प्रेम बच्चन, प्रो 0 एस,एन. तांती, भारतीय बौद्ध महासभा के धारा सिंह बौद्ध, उपस्थित हो कर भीमकोरेगांव के युद्ध पर चर्चा किया जिसपर बोलते हुए साथी प्रेम बच्चन ने बताया कि भीमा कोरेगांव भारत की धरती पर लड़ी जाने वाली ऐतिहासिक लड़ाई थी।

जिसमे जाति के नाम पर गुलामो की जीवन जी रहे समाज के अत्यंत निर्धन व उपेक्षित वर्ग जिन्होंने अमानवीय पीड़ा को झेलते हुए पशुओ के भांति जीवन जीने पर विवश थे, वैसे वर्ग सिर्फ संगठित बगावत का निर्णय ने कोरेगांव को जंग की भूमि बना दिया, इतिहास साक्षी है मात्र पांच सौ महार सैनिको ने दृढ निश्चय के बल पर 28 हजार पेशाओं को नेस्तनाबूद कर दिया !

तत्कालीन हुकूमत ने भीमा नदी के तट पर गगनचुम्बी शहीद स्मारक बना कर योद्धाओ को सम्मान दिया, तांती साहेब ने बताया कि आधुनिक भारत में यह युद्ध प्रेरक है। जरुरत है मानसिक गुलामी से घिरे वृहद समाज को स्वत् मुक्त होना चाहिए,।
धन्यवाद ज्ञापन धारा सिंह साहेब ने किया।

शामील साथी दिनदयाल राम, हरेराम पंडित, राजेंद्र धिकार, पार्षद निरंजन कुमार, रविंद्र भुइँया, शिवदत्त कुमार, राजेश धारी, भारत पासवान, कैशर शहाब, आफ़ताब आलम, शमीम शाह, तपन बाउरी, अशोक बाउरी, शहाबुद्दीन, अवधेश बैठा, फैयाज अंसारी, कलीम शाह, एजाज वरिस खान, सुबल यादव, जीतन यादव, ओमप्रकाश राम, सुजीत भुंया, कैलाश रजक, संतोष पंडित, जंग बहादुर जैसवारा, बासुदेव ऋषि, शमीम भाई, सहित अन्य उपस्थित थे। कार्यक्रम में समता संस्कृति भोज का भी आयोजन हुआ एक साथलोगो ने लिट्टी चोखा का आनंद लिया।

साभार:मो जहांगीर फिरदौस
ब्यूरो चीफ

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